वाराणसी : बीते 24 घंटों में डेढ़ मीटर तक गंगा जलस्‍तर बढ़ा , सभी घाटों का आपसी संपर्क टूट फिर टूटा  

 
सोमवार की सुबह गंगा का जलस्‍तर पांच सेंटीमीटर प्रतिघंटे की गति से बढ़ने तगा तो चिंता तटवर्ती इलाकों में दोबारा शुरू हो गई है। बीते 24 घंटों में डेढ़ मीटर तक गंगा जलस्‍तर बढ़ चुका है। वहीं तटवर्ती इलाकों में पानी भरने की संभावना दोबारा बलवती हो गई है। फिर गंगा का जलस्तर बढ़ने से लोगों की धुकधुकी भी बढ़ चली है। क्‍योंकि दोबारा अब गंगा के सभी घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है।   

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 

वाराणसी। बीते सप्‍ताह लगातार पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हुई झमाझम बरसात के बाद अब गंगा का जलस्‍तर दोबारा बढ़ने लगा है। कई प्रमुख बांधों से पूर्व में भी पानी छोड़े जाने की वजह से गंगा का पानी दोबारा बढ़ने के साथ ही तटवर्ती इलाकों में लोगों की चिंता बढ़ा रहा है।

सोमवार की सुबह गंगा का जलस्‍तर पांच सेंटीमीटर प्रतिघंटे की गति से बढ़ने तगा तो चिंता तटवर्ती इलाकों में दोबारा शुरू हो गई है। बीते 24 घंटों में डेढ़ मीटर तक गंगा जलस्‍तर बढ़ चुका है। वहीं तटवर्ती इलाकों में पानी भरने की संभावना दोबारा बलवती हो गई है। फिर गंगा का जलस्तर बढ़ने से लोगों की धुकधुकी भी बढ़ चली है। क्‍योंकि दोबारा अब गंगा के सभी घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है।   
 
वहीं भदोही में भी लगातार हो रही बारिश से सोमवार एक बार फिर जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई। सिंचाई विभाग की रीडिंग के अनुसार छह सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से जल स्तर बढ़ रहा है। सुबह तक 73.180 मीटर पर जल स्तर की रीडिंग दर्ज की गई। जल स्तर में तीव्र वृद्धि को देखते हुए तटवासियों की धड़कन बढ़ गई है। अगस्त में गंगा के जल स्तर में वृद्धि हुई थी। यह वृद्धि डैम से पानी छोड़ने के कारण हई थी। दो-तीन दिन बाद अचानक गंगा में घटाव हो गया। गंगा के जल स्तर कम होने से तटवासियों ने राहत की सांस ली थी।


इधर तीन दिन से हो रही लगातार बारिश से एक बार फिर जल स्तर में अचानक वृद्धि हो गई है। सिंचाई विभाग की रीडिंग के अनुसार सोमवार को सुबह सात बजे तक की गई रीडिंग के अनुसार अभी गंगा खतरे के निशान से चार मीटर नीचे बह रही है। जनपद के तीन विकास खण्ड औराई, ज्ञानपुर, डीघ के अंतर्गत लगभग 45 गांव गंगा नदी के किनारे बसे हुए हैं। इनमे से सीतामढ़ी क्षेत्र के गांवों में बाढ़ और कटान का खतरा सर्वाधिक बना रहता है।

नदी की धाराओं से तीन तरफ से घिरा कोनिया क्षेत्र सावन और भादो महीने में नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगता है और क्षेत्रीय जनमानस भयभीत हो उठता है। पिछले दिनों आई बाढ़ से 23 गांवों के किसानों की फसल चौपट हो गई है। अभी तक अधिकारियों की ओर से सर्वे नहीं कराया गया है। सर्वे न होने से इस बार भी मुआवजा पर संकट दिखायी पड़ रहा है। अधिशासी अभियंता नहर पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि अभी तक डैम से पानी छोड़ने की कोई सूचना नहीं है। यह यह पानी पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश का है। छह सेमी प्रति घंट के रफ्तार से जल स्तर बढ़ रहा है।

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