वाराणसी : मटरु राय का साथी आनंद गिरफ्तार, पैतृक सम्पत्ति को हथियाने का है आरोप 

 

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 वाराणसी। सूदखोरी, धमकी और रंगदारी मांगने के अभ्यस्त लालपुर पांडेयपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर रमेश राय उर्फ मटरू के साथी आनंद कुमार सिंह उर्फ राजन को चेतगंज और कैंट थाने की पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। आनंद शिवपुर के परमानंदपुर स्थित सरस्वती नगर का रहने वाला है। 

इसके खिलाफ कैंट थाने में अंकित सिंह की तहरीर पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 386, 504, 506, 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। गिरफ्तार करने वाली टीम में नदेसर चौकी प्रभारी राजकुमार पाण्डेय, दरोगा सुनील कुमार गौड़, दरोगा अंगद कुमार सिंह, महिला दरोगा सुमन यादव प्रमुख रूप से शामिल रहे ।

प्रताड़ना से पिता को हुआ हार्ट अटैक

अंकित सिंह ने मुकदमा दर्ज करवाते हुए आरोप लगाया की उसके पिता को हार्टअटैक आनंद कुमार सिंह उर्फ राजन, काशी सिंह, रमेश राय उर्फ मटरू, अजय सिंह उर्फ लंबू, जितेंद्र सिंह और प्रेमशंकर उर्फ मीठे के प्रताड़ना से हुई है। अंकित का कहना है की उसके पिता राणा बहादुर सिंह  उसके व छोटे भाई के लिए चांदमारी शिवपुर मे किराये का घर लिया था जहाँ उसकी माँ सबिता सिंह के साथ पूरा परिवार लगभग 6-7 वर्षो से थे। मेरे गाँव से करीब 4 किमी दूरी पर कुहासी के काशी सिंह अपने साथियो रमेश राय उर्फ मटरू राय आनन्द कुमार सिंह उर्फ राजन सिंह जितेन्द्र सिंह प्रेमशंकर सिंह उर्फ मीठे के साथ आकर अक्सर दारू मुर्गा खाते पीते थे। इसी दोस्ती में कुछ रुपया उधार देकर उसके एवज में वर्ष 2013 मे ये लोग अंकित के पिता राणा बहादुर के साथ कचहरी जाकर पन्द्रह लाख रुपये के कर्जा ब्याज पर लिखा-पढ़ी करा लिए। उसके कुछ ही दिनों बाद काशी सिंह अपने साथियों के संग घर पर आकर गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देने लगे। वर्ष 2014 मे घर पर सबेरे आकर सभी बोले की चलो पार्टी है। अंकित और उसके पिता को साथ लेकर पहले कचहरी गए जहां कागजों पर दस्खत कराये, फिर वापस घर छोड़ दिया। इसके बाद लगातार पैसे का तगादा करते हुए धमकी देनी शुरू की। इसी बीच 5 जून 2022 को अंकित के पिता का हार्ट अटैक से मौत हो गया।

पैतृक सम्पत्ति को कराया अपने नाम

अंकित ने बताया की एक माह पूर्व काशी सिंह, आनन्द कुमार सिंह उर्फ राजन सिंह और उनके सभी उसके पिता राणा बहादुर सिंह से कई सादे नोटोरियल कागजों एवं चेक पर धमकी देकर हस्ताक्षर करवा लिए थे। जब अंकित ने सब निबंधक कार्यालय कचहरी से पता लगाया तब पता चला कि उसके वंशानुगत पैतृक संयुक्त भू सम्पत्ति को छल कपट व बेइमानी से काशी सिंह एवं उनके साथियों ने मिलकर उसके पिता राणा बहादुर सिंह से रजिस्ट्री करवा ली है। जबकि अंकित के संयुक्त परिवार की भू सम्पत्ति की फ्राटबन्दी ही नही हुयी है। इस मिथ्या आलेख व तथ्यों को अंकित करके काशी सिंह, आनन्द कुमार सिंह उर्फ राजन सिंह, प्रेमशंकर सिंह, रमेश राय उर्फ मटरू राय, आपराधिक षणयन्त्र करते हुए करोड़ो रुपये की भू सम्पत्ति पर कब्जा दखल के लिए विक्रय विलेख पत्र तैयार किया है। आरोप है की 5 जनवरी 2014 को अपने व्यक्तियों को गवाह बनाकर कुल रकबा 0.9.30 का सट्टा इकरारनामा कब्जाशुदा कराया गया है। जिसमें प्रथम पक्ष अंकित के पिता राणा बहादुर सिंह और  द्वितीय पक्ष आनन्द कुमार सिंह को बनाया गया है।

इकरारनामा मे आठ-आठ लाख के चार चेक दिखाये गये

इस इकरारनामा मे आठ-आठ लाख के चार चेक दिखाये गये है जो काशी गोमती ग्रामीण बैंक चौबेपुर के दिये जाने की बात अंकित है। जिसमें एक लाख रुपया बेवक्त बैनाम दिया जाना है दिनांक 11 जून 2014 को आनन्द कुमार सिंह उर्फ राजन सिंह ने अपने गिरोह के काशी सिंह रमेश राय उर्फ मटरू राय, जितेन्द्र सिंह, प्रेमशंकर सिंह उर्फ मीठे की मदद से मिथ्या आलेख व झूठे तथ्यों के आधार पर कचहरी मे विक्रय विलेख पत्र कराया है। जिसमें काशी सिंह और प्रेमशंकर सिंह साक्षी है इस प्रकार रणबहादुर को जान से मारने की धमकी देकर छट कपट व बेईमानी से नोटिरियल कागजात पर अंकित के सामने कूटरचित दस्तावेज तैयार किया गया है। दिनांक 10 जून 2022 को अंकित अपने बड़े भाई रितेश सिंह व बड़े पिता महेन्द्र सिंह  काशी सिंह के घर नदेसर गये तो उनके साथ मटरू राय उर्फ रमेश राय, आनन्द सिंह उर्फ राजन सिंह, अजय सिंह भी थे सभी ने कहा कि करोड़ो का कर्जा है राणा बहादुर सिंह पर जमीन की रजिस्ट्री भी हो चुकी है। आनन्द कुमार सिंह भी वह जमीन बेच चुका है। सुलेझापुर की जमीन भी रजीस्ट्री हो गयी है। काशी सिंह ने कहा कि वह मेरी पत्नी के नाम से हुआ है। इसके बाद सभी जान मारने की धमकी देने लगे।