सउदी अरब की मस्जिदों में लाउडस्पीकर बैन, अजान का नहीं होगा लाइव टेलिकास्ट, सऊदी अरब की गाइडलाइन पर गुस्से में मुसलमान

मस्जिदों में लाउडस्पीकर बैन, अजान का नहीं होगा लाइव टेलिकास्ट, सऊदी अरब की गाइडलाइन पर गुस्से में मुसलमान

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ


सउदी अरब । मुस्लिम दुनिया को रेगुलेट करने वाले सउदी अरब ने रमजान से जुड़े कई ऐसे नियम और कानून जारी किए जिससे मुस्लिम उलेमा भड़क गए हैं। उन्होंने इस्लाम की बुनियाद कमजोर करने वाला बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। लेकिन सउदी अरब ने इससे साफ इनकार कर दिया और इसे इस्लाम के हित में बताया। दरअसल, 23 मार्च से मुसलमानों का पवित्र माने जाने वाला रमजान का महीना शुरू हो रहा है। इससे पहले सउदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्री अब्दुल लतीफ़ अल-शेख ने 10 सूत्री दस्तावेज़ जारी किया और 3 मार्च को अपने मंत्रालय के ट्विटर हैंडल से इसे साझा भी किया। इस दस्तावेज़ में सऊदी अरब में रमज़ान समारोह के संबंध में 10 प्रमुख निर्देश हैं।

 

इस 10 सूत्री आदेश में रमजान के दौरान मस्जिदों में लाउडस्पीकर नहीं बजाया जा सकेगा। कोई भी व्यक्ति नमाज का सोशल मीडिया या टीवी पर प्रसारण नहीं करेगा। जब तक रमजान चलेगा तब तक मस्जिदों में कोई भी इफ्तार नहीं होगा। रमजान के दौरान कोई भी व्यक्ति अपने बच्चों को मस्जिद में लेकर नहीं आएगा। जिससे नमाजियों की इबादत में खलल न पड़े। सरकार ने भी ये निर्देश दिए कि इतकाफ के दौरान भी कोई व्यक्ति आईडी के बिना मस्जिद में एंट्री नहीं करेगा। एतिकाफ का मतलब एक इस्लामिक प्रथा होती है। जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान के आखिरी 10 दिनों में अल्लाह की इबादत के लिए मस्जिद में खुद को अलग कर लेते हैं। 

 

आदेश में इमामों और मुअज्जिनों को महीने के दौरान सभी प्रार्थनाओं के कैलेंडर और समय का पालन करने का निर्देश दिया गया है। उन्हें शाम की नमाज़ को छोटा रखने और रात की नमाज़ को पर्याप्त समय के साथ पूरा करने के लिए कहा जाता है ताकि उपासकों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। मस्जिदों में, किसी भी माध्यम से नमाज़ पढ़ने या नमाज़ पढ़ने के लिए तस्वीरें लेने या कैमरों का उपयोग करने की भी मनाही है। साथ ही, मंत्रालय ने मस्जिदों में उपस्थित लोगों को बच्चों को लाने से प्रतिबंधित कर दिया। 

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