योगी आदित्यनाथ बोले- ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा:पूछा- त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा ,'सरकारी संपत्ति कब्जा करने वालों की क्या आरती उतारूं': पढ़ें इंटरव्यू से जुड़ी 10 बड़ी बातें

योगी आदित्यनाथ बोले- ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा:पूछा- त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा ,'सरकारी संपत्ति कब्जा करने वालों की क्या आरती उतारूं': पढ़ें इंटरव्यू से जुड़ी 10 बड़ी बातें

 Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

योगी आदित्यनाथ बोले- ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा:पूछा- त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा ,'सरकारी संपत्ति कब्जा करने वालों की क्या आरती उतारूं': पढ़ें इंटरव्यू से जुड़ी 10 बड़ी बातें

लखनऊ । कोई निर्दोष मुस्लिम आकर कह दे कि मेरा घर गिरा है। कोई नहीं कहेगा। माफिया के घर पर बुलडोजर चलाकर ध्‍वस्‍त करना सरकार का ही काम है। अगर किसी ने सरकारी संपत्ति पर कब्जा किया है, तो उसके लिए क्या करूं, आरती लेके जाऊं, थाली सजाऊं उनकी। बीजेपी को जनादेश जो मिला वह इसी के लिए मिला।

ये बातें सीएम योगी ने ANI को दिए इंटरव्यू में कही। उन्होंने ज्ञानवापी से लेकर UCC और बुलडोजर एक्शन पर अपनी राय रखी। एक तरह से बीजेपी और संघ से आगे जाकर अपनी फायरब्रांड हिंदुत्व की छवि के अनुरूप एक बड़ी लाइन ले ली है।

चलिए पढ़ते हैं सीएम के इंटरव्यू की 10 बड़ी बातें...

1- मत, मजहब नहीं, राष्ट्र सर्वोपरि
ज्ञानवापी विवाद के समाधान से जुड़े सवाल पर सीएम योगी ने कहा, "अगर ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वो देखे न। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे हैं न। ज्योर्तिलिंग हैं... देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं।

मुस्लिम समाज को ऐतिहासिक गलती दुरुस्त करनी चाहिए। मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की तरफ से आना चाहिए कि साहब...ऐतिहासिक गलती हुई है। उस गलती के लिए हम चाहते हैं कि समाधान हो।"

उन्होंने कहा, "मैं ईश्वर का भक्त हूं। लेकिन किसी पाखंड में विश्वास नहीं करता। आपका मत, आपका मजहब, अपने तरीके से होगा, अपने घर में होगा। अपनी मस्जिद, अपने इबादतगाह तक होगा। सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं। इसको आप किसी भी अन्य तरीके से दूसरे पर थोप नहीं सकते। नेशन फर्स्ट (देश पहले है)। अगर देश में किसी को रहना है तो राष्ट्र को सर्वोपरि मानना है। अपने मत और मजहब को नहीं।

 

2- माफिया पर बुलडोजर एक्शन
यूपी में अपराधियों और माफिया के खिलाफ बुलडोजर एक्शन के सवाल पर योगी ने कहा, ''कोई निर्दोष मुस्लिम आकर कह दे कि मेरा घर गिरा है। कोई नहीं कहेगा। माफिया के घर पर बुलडोजर चलाकर ध्‍वस्‍त करना सरकार का ही काम है। अगर किसी ने सरकारी संपत्ति पर कब्जा किया है, तो उसके लिए क्या करूं, आरती लेके जाऊं, थाली सजाऊं उनकी। बीजेपी को जनादेश जो मिला वह इसी के लिए मिला।"

3- बुलडोजर बाबा वाली छवि
बुलडोजर बाबा वाली छवि पर योगी ने कहा, ''इतने बडे प्रदेश में इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर का विकास नहीं होना चाहिए क्या। अब आज के समय में कुदाल से तो नहीं होगा, उसके लिए बुलडोजर चलाने होंगे।"

ज्ञानवापी मामले में हाईकोर्ट ने अभी ASI सर्वे पर रोक लगा दी है। दोनों पक्ष यानी हिंदू और मुस्लिम को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

ज्ञानवापी मामले में हाईकोर्ट ने अभी ASI सर्वे पर रोक लगा दी है। दोनों पक्ष यानी हिंदू और मुस्लिम को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

4- धर्मयोगी से राजनीति का सफर
वैराग्य से राजनीति में आने पर योगी ने कहा, "धर्मयोगी नहीं योगी योगी होता है और मैं एक योगी हूं। धर्म का मतलब केवल पूजा पद्धति नहीं होता है। धर्म जीवन की एक समग्र पद्धति होता है। धर्म कर्तव्य की प्रेरणा देने वाला, एक मार्गदर्शक है। एक योगी के रूप में, परिवार के बंधन को तोड़कर समाज के विराटता के साथ जुड़ा हुआ है। इसलिए उस विराट समाज से जोड़ कर कार्य करना है।"

सीएम ने कहा, "दूसरा एक योगी का मतलब यह नहीं है कि केवल अपने स्वयं की मोक्ष प्राप्त करना है, तक खुद को सीमित कर ले। समाज के सामने चुनौती है तो उससे जुझने के लिए भी अपने आप को तैयार कर लें। साधना की पहली पद्धति ही सेवा है। कोई भी साधक संन्यासी या योगी बनता है तो उसके लिए सेवा का मार्ग अनुसरण करके आगे की दीक्षा का मार्ग प्रशस्त होता है। मैं भी किसी पद या प्रतिष्ठा के लिए बल्कि सेवा के लिए आया।"

5- वेशभूषा में बदलाव
भगवा वेशभूषा पर सीएम ने कहा कि राजनीति में कोई ड्रेस कोड नहीं है। हम ये ड्रेस पहनते हैं, ताकि लोग जरूरत पड़े तो हम से सवाल कर सकें। ये ड्रेस एक चुनौती की तरह है।"

6- संन्यास के बाद मां से मुलाकात
घर छोड़कर संन्यास लेने के सवाल पर योगी ने कहा, "कोई मां-बाप इसके लिए सहमति नहीं देता है। बंधन को तोड़ कर आगे बढ़ना पड़ता है। मैं कई वर्षों बाद घर गया था। मेरे पिता जी का देहांत 2020 में हो गया था। मैं परिवार के लोगों से कई वर्षों से नहीं मिल पाया था। कोरोना टाइम में पिता के अंतिम संस्कार में भाग नहीं ले पाया था। समय मिला तो मां से मिलने गया था। वहां एक पुत्र और मां के बीच जो संवाद होना चाहिए था, वही हुआ।"

योगी ने नजीबाबाद में अपने पिता से मिलने का वाकया भी बताया।

7- UCC जरूरी
सीएम ने कहा, "UCC को लेकर दुष्प्रचार ज्यादा है। वन नेशन वन लॉ की थ्योरी लागू करना ही चाहिए। भारत के कानून को सभी को मानना चाहिए।"

8- योगी ही क्यों बना
योगी बनने के सवाल पर कहा, "सबसे पहले धर्म को समझना पड़ेगा। भारत की परंपरा को अगर जानना चाहेंगे तो भारत ने केवल उपासना विधि को धर्म नहीं माना है। कर्तव्य और सदाचार को धर्म का एक रूप माना है। धर्म की एक व्यवस्था है। एक वे ऑफ लाइफ है। जिसे जीवन पद्धति कह सकते हैं। जीने की एक कला है। साइंस एक बहुत ही छोटा सा पार्ट है। हम जब भौतिक दृष्टि से देखते हैं तो साइंस का एक एक्सपेरिमेंट हो जाता है। चेतना का विस्तार अध्यात्म की एक नई ऊचांइयों तक पहुंचाएगा। जहां पर व्यक्ति केवल श्रेष्टा ही नहीं दृष्टा भी बन सकता है।

स्वाभाविक रूप से एक सीमित क्षेत्र और सीमित भूमिका के साथ आगे जाने के बजाए स्वंय प्रवेश कर के देखो क्या है, तो बहुत कुछ देखने को मिला है और मिल रहा है। तो उन चीजों को लेकर मैंने अध्यात्म का सहारा लिया।"

9- कानून का राज होना चाहिए
विधानसभा में माफिया को मिट्टी में मिला देंगे, पर योगी ने कहा, "कानून का राज हर हाल में होना चाहिए, कुछ गुंडे सरेआम एक अधिकवक्‍ता की हत्‍या कर दें यह नहीं होना चाहिए। जो लोग माफिया को सरंक्षण देते थे हमने उन्‍हें विधानसभा में यह संदेश दिया था। इसमें कुछ गलत नहीं है।"

10- यूपी में हिंदू और मुस्लिम दोनों सुरक्षित
योगी हिंदुओं के सीएम हैं, सवाल पर योगी ने जवाब दिया, "मैं पिछले सवा 6 साल से यूपी का सीएम हूं। मार्च 2017 में दायित्‍व संभाला था, तब से दंगा तो नहीं हुआ यूपी में। दंगों में तो हिंदू मुस्लिम दोनों मरते थे, दोनों की संपत्ति जलती थी। गुंडे हिंदू और मुस्लिम बेटी दोनों के लिए खतरा थे। बाजार जलता था तो दोनों का नुकसान था। इससे यूपी की छव‍ि खतरे में पड़ी। पहचान का संकट यूपी के सामने था केवल हिंदुओं के सामने नहीं। लेकिन आज यूपी की जनता सुरक्ष‍ित है। इसमें हिंदू भी हैं और मुस्लिम भी।"

योगी बोले- ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा: पूछा- त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा, मुस्लिम समाज आगे आकर कहे- ये ऐतिहासिक गलती

CM योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा- अगर ज्ञानवापी को हम मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वो देखे न। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे हैं न। ज्योर्तिलिंग हैं... देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं।

कमीशन सर्वे की रिपोर्ट: ज्ञानवापी में त्रिशूल, डमरू और कमल जैसे चिह्न
दरअसल, स्थानीय कोर्ट के आदेश पर मई 2022 मे ज्ञानवापी का कमीशन सर्वे हुआ था। अदालत ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था। इसकी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल होने के साथ ही लीक हुई थी। इस रिपोर्ट की बड़ी बातें...

  • मस्जिद के भीतर हाथी के सूंड़, त्रिशूल, पान, घंटियां दिखीं। मुख्य गुंबद के नीचे दक्षिणी खंभे पर स्वास्तिक का चिह्न मिला।
  • मस्जिद के प्रथम गेट के पास तीन डमरू के चिह्न मिले। उत्तर-पश्चिम दिशा में 15*15 फीट का एक तहखाना दिखा, जिसके ऊपर मलबा पड़ा था, वहां पड़े पत्थरों पर मंदिर जैसी कलाकृतियां।
  • 3 फीट गहरा कुंड मिला। कुंड के चौतरफा 30 टोटियां लगी थीं। कुंड के बीच में लगभग 6 फीट गहरा कुआं दिखा। कुएं के बीचो-बीच गोल पत्थरनुमा आकृति दिखी।
  • बाहर विराजमान नंदी और अंदर मिले कुंड (जिसके बीचो-बीच एक पक्ष द्वारा शिवलिंग स्थापित बताया गया) के बीच की दूरी 83 फीट 3 इंच है।
  • कुंड के बीचो-बीच स्थित पत्थर की गोलाकार आकृति (जिसे एक पक्ष द्वारा शिवलिंग कहा गया) में सींक डालने पर 63 सेमी गहराई मिली। पत्थर की गोलाकार आकृति के बेस का व्यास 4 फीट था।
  • खंभे में हिंदी भाषा में 7 लाइनों में खुदा हुआ है। चार दरवाजे के स्थान को नई ईंटों से बंद किया गया है। बेसमेंट की दीवार पर सनातन संस्कृति के चिह्न हैं।
  • अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा बताया गया था कि परिसर में कोयले की दुकान भी चलती थी, लेकिन उसका कहीं प्रमाण नहीं मिला।
  • चौथे तहखाने की चाबी न मिलने पर कटर मंगवा कर उसका ताला काटा गया था। उसके आगे जाने पर मलबे से भरा छोटा तहखाना मिला, जहां जा पाना संभव नहीं था।

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