ज्ञानवापी में मां श्रृंगार गौरी की पूजा-अर्चना:हिंदू पक्ष ने कहा- परिसर में जो बाबा मिले थे, उनके दर्शन किए, ASI सर्वे कराने की कामना

ज्ञानवापी में मां श्रृंगार गौरी की पूजा-अर्चना:हिंदू पक्ष ने कहा- परिसर में जो बाबा मिले थे, उनके दर्शन किए, ASI सर्वे कराने की कामना

 

वाराणसी। मां श्रृंगार गौरी केस की वादिनी महिलाओं ने आज चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन माता श्रृंगार गौरी का दर्शन-पूजन किया। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर में स्थिति ज्ञानवापी के पीछे माता के विग्रहों की पूजा और केस के जीत की कामना की। श्रृंगार गौरी मंदिर के टूटे प्राचीन पत्थरों को सिंदूर-चंदन लगाया और हर-हर महादेव और जय माता का जयघोष किया। इस दौरान सुरक्षा के लिए भारी पुलिस फोर्स परिसर में तैनात थी।

दर्शन करने के बाद हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से बातचीत की। कहा- प्रशासन की ओर से आज श्रृंगार गौरी के पास लगी बैरिकेडिंग हटा दी गई थी। इसके बाद आज हम लोगों ने 20 मिनट तक मां के विधिवत दर्शन-पूजन किए। वहीं, ज्ञानवापी के अंदर से जो बाबा (कथित शिवलिंग) मिले थे, उनके बाहर से हाथ जोड़कर दर्शन किए।"

ज्ञानवापी में मां श्रृंगार गौरी की पूजा-अर्चना

विष्णु शंकर जैन बोले, ''हमारे साथ श्रृंगार गौरी मामले की वादी महिलाएं थीं। बाबा से कोई छेड़छाड़ नजर नहीं आई है। हमने आज मां श्रृंगार गौरी का चौखट से दर्शन किया है। यह भी इच्छा जताई कि वास्तविक स्वरूप और जगह पर मां के दर्शन हों।''

पूरे परिसर का ASI सर्वे हो
विष्णु शंकर जैन ने कहा, ''हमने माता से इच्छा जताई कि हमें इतनी शक्ति दें कि हम आपको मूल स्थान पर रख सकें। इस पूरे परिसर का ASI सर्वे हो सके। हम निर्णायक दौर पर पहुंचें और बाबा के नीयत स्थान पर उन्हें स्थापित कर सकें।''

बाबा विश्वनाथ मंदिर के बाहर जुटे हिंदू पक्ष के सभी सदस्य और वादिनी महिलाएं।

बाबा विश्वनाथ मंदिर के बाहर जुटे हिंदू पक्ष के सभी सदस्य और वादिनी महिलाएं।

महिला वादिनी बोलीं- नमाज की तरह हमें मिले पूजा का अधिकार
महिला वादियों ने कहा- माता हम लोगों को शक्ति दें कि मूल स्थान के दर्शन कर सकें। मां श्रृंगार गौरी से कामना की। बाबा मिल गए हैं। जैसे ज्ञानवापी में नमाज होती है, वैसे ही हमें भी दर्शन पूजन का अधिकार मिले। हमारे केस में कमीशन की कार्रवाई में काफी साक्ष्य मिले हैं। हम निराश नहीं हैं। प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का केस जीत चुके हैं।

वाराणसी में माता श्रृंगार गौरी के दर्शन के लिए जाते हिंदू पक्ष के वकील और वादिनी महिलाएं।

वाराणसी में माता श्रृंगार गौरी के दर्शन के लिए जाते हिंदू पक्ष के वकील और वादिनी महिलाएं।

हिंदू पक्ष ने आज मांगी मनोकामनाएं

  • साल में जो एक बार मां श्रृंगार गौरी के दर्शन होते हैं, वो रोज हो सके।
  • मां का जो मूल स्थान है वहां पर भक्त पूजा-अर्चना करें।
  • जो बाबा 16 मई को मिले थे, उनका दर्शन-पूजन जल्द से जल्द शुरू हो सके।
  • जल्द ही इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आए और हम विजयी हों।
  • 27 मार्च को सभी मामले एक केस में क्लब करने का फैसला आने वाला है। इसके बाद हम लोग ट्रायल करेंगे।

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी से जुड़ा केस क्या है?
पांच हिंदू महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद हिंदू देवी-देवताओं की पूजा की अनुमति मांगी थी। इन महिलाओं ने खासतौर पर श्रृंगार गौरी की हर दिन पूजा करने की इजाजत चाही थी। कोर्ट के आदेश पर मस्जिद में सर्वे भी किया गया था। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग मौजूद है, जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था।

18 अगस्त 2021 को 5 महिलाएं ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी, गणेश जी, हनुमान जी समेत परिसर में मौजूद अन्य देवताओं की रोजाना पूजा की इजाजत मांगते हुए कोर्ट पहुंची थीं। अभी यहां साल में एक बार ही पूजा होती है। इन पांच याचिकाकर्ताओं का नेतृत्व दिल्ली की राखी सिंह कर रही हैं, बाकी चार महिलाएं सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक बनारस की हैं।

26 अप्रैल 2022 को वाराणसी सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के सत्यापन के लिए वीडियोग्राफी और सर्वे का आदेश दिया था।

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