wloan ऑनलाइन ऍप लोन का फ्रॉड बच कर रहे 

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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 
लखनऊ। wloan जैसे लोन यानी कर्ज के जाल में फसा कर पिसा एठने का काम तेजी से हो रहा है। ऐसा ही एक लोन एप है जिसका नाम है wloan आसानी से लोन देने के नाम पर तुरंत लोन स्वीकृत कर दिया जाता है ,लोन फीस के नाम पर 3000 की मांग की जाती ,फिर सरकारी टैक्स के नाम 7300 लिए जाते है। सब कुछ होने के बाद भी लोन कटे में क्रेडिट नहीं होता है ,अवध ट्रेडिंग के नाम से upi पर पेमेंट लिया जाता है जिसकी आईडी Awadh.trading@axisbank hai. इस अवैध एप का नियामक निकायों के साथ कोई संपर्क नहीं होता जिसकी वजह से वो पब्लिक में आने से बचते हैं। यही कारण है कि वो उनके नियम और शर्तों में पारदर्शिता कम होती है। 9588445759 ,9003659052 जैसे नंबरो से व्हट्सप पर निर्देश दिए जाते हैं। 


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आरबीआई के एक कार्यकारी समूह के मुताबिक भारत में संचालित 1100 डिजिटल लोन देने वाले प्लेटफॉर्म में से 600 अवैध पाए गए हैं।

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यही कारण है की अब लोन बड़ी आसानी से घर बैठे-बैठे एक एप पर मिल जाता है। आपको अब पहले की तरह बैंक जाने की जरूरत नहीं है। फिनटेक कंपनियां, वित्तीय संस्थान के साथ-साथ अब मोबाइल एप्स भी आपको चंद मिनटों में लोन दे देते हैं, लेकिन इस डिजिटाइजेशन से लोन एप फ्रॉड की समस्या भी काफी बढ़ गई है। आज हम आपको बताएंगे कि आपको लोन के लिए आवेदन करते समय किन पांच लोन एप के फ्रॉड से सावधान रहने की जरूरत है।

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भरोसेमंद नहीं सभी एप
आपको बता दें कि आपको जो लोन एप के जरिए मिलते हैं उनमें से ज्यादातर लोन एप और फिनटेक कंपनी अनाधिकृत हो सकते हैं। आरबीआई के एक कार्यकारी समूह के मुताबिक भारत में संचालित 1100 डिजिटल लोन देने वाले प्लेटफॉर्म में से 600 अवैध पाए गए हैं।

ये एप और फिनटेक कंपनी आपको ज्यादा ब्याज दर और अन्य शुल्क पर लोन देते हैं और अगर आपने लोन रिपेमेंट करने में थोड़ा भी देर किया तो ये एप आपको परेशान कर देंगें।

साइबर अपराध को देते हैं बढ़ावा
ये देनदार अक्सर संभावित लेनदार को लुभाने के लिए साइबर अपराध में शामिल होते हैं। वे प्रामाणिक दिखने के लिए डिजिटल दस्तावेज और वेब पेज बनाते हैं। ऐसे एप और फिनटेक कंपनियां लेनदार को यह विश्वास दिलाने में भी गुमराह करते हैं कि वे एक वैध फिनटेक कंपनी की ओर से काम कर रहे हैं।

नियमों का घालमेल
अवैध एप का नियामक निकायों के साथ कोई संपर्क नहीं होता जिसकी वजह से वो पब्लिक में आने से बचते हैं। यही कारण है कि वो उनके नियम और शर्तों में पारदर्शिता कम होती है।

अन्य कदाचार भी करते भी हैं ये एप
प्राइवेसी के मुद्दों और अनैतिक संग्रह प्रथाओं के अलावा, ये लोन देने वाले एप गलत मार्केटिंग टेकनिक का इस्तेमाल करते हैं। ऐस एप के खिलाफ आरबीआई ने लोन वसूली के तरीके पर कड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं और पालन नहीं करने वाले इन एप और फिनटेक कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है।

 

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