वाराणसी के शिक्षक धर्मेंद कुमार यादव की हत्या से गुस्सा,काशी में रुका बोर्ड-कॉपियों का मूल्यांकन:वाराणसी में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं शिक्षक

टीचर की हत्या से गुस्सा,काशी में रुका बोर्ड-कॉपियों का मूल्यांकन:वाराणसी में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं शिक्षक

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

वाराणसी। मुजफ्फरनगर में वाराणसी के शिक्षक धर्मेंद कुमार यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वो हाईस्कूल बोर्ड एग्जाम की कॉपियां लेकर मुजफ्फनगर पहुंचे थे। उसी दौरान कपियों की सुरक्षा में लगे कॉन्स्टेबल से किसी बात को लेकर उनकी कहासुनी हुई। कॉन्स्टेबल ने कार्बाइन गन से उनकी हत्या कर दी। इस घटना की सूचना जब वाराणसी में कॉपी जांच रहे शिक्षकों को मिली तो हड़कंप मच गया। शिक्षकों ने बोर्ड की कॉपियां जांचने से इंकार कर दिया है। विभागों और कार्यालयों को छोड़कर राजकीय क्वींस कालेज, लहुराबीर पहुंचे।

यहां पर उनकी तस्वीर श्रद्धांजलि दिया गया और प्रदर्शन किया। हत्यारे को फांसी की सजा और मृतक के परिवार को 10 करोड़ रुपए देने की मांग करने लगे। धरना स्थल पर पहुंचे यूपी विधान परिषद के वर्तमान और पूर्व सदस्यों ने शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग पर जमकर हमले किए। शिक्षकों ने बताया कि धर्मेंद्र कुमार यादव वाराणसी के क्वींस कॉलेज से कॉपियां लेकर मूल्यांकन के लिए मुजफ्फरपुर गए थे।​​​ लेकिन वापस लौट कर नहीं आएंगे, हमने ये नहीं सोचा था।

राजकीय क्वींस कालेज में मृत शिक्षक धर्मेंद्र कुमार को दी गई श्रद्धांजलि।

(राजकीय क्वींस कालेज में मृत शिक्षक धर्मेंद्र कुमार को दी गई श्रद्धांजलि।)

आइए जानते हैं कि मुजफ्फरनगर में 14 मार्च को शिक्षक के साथ क्या हुआ
धर्मेंद्र 14 मार्च को वाराणसी के क्वींस कॉलेज से हाईस्कूल एग्जाम की कॉपियों एक ट्रक में लेकर निकले थे। धर्मेंद्र वाराणसी से प्रयागराज, शाहजहांपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद, बिजनौर में कॉपियां उतारीं और रविवार की रात मुजफ्फरनगर पहुंचे थे। उनके साथ, SI नागेंद्र चौहान और हेड कॉन्स्टेबल आरक्षी चंद्र प्रकाश और कई दूसरे सुरक्षाधिकारी थे ।

6 जिलों की कापियां थी, रविवार रात पहुंचे थे मुजफ्फरनगर
मुजफ्फरनगर एसडी इंटर कॉलेज का दरवाजा बंद होने की वजह से गाड़ी में ही सो रहे थे। गाड़ी में आगे ड्राईवर के साथ SI नागेंद्र चौहान और अध्यापक संतोष कुमार थे। पीछे हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश और अध्यापक धर्मेंद्र कुमार और दोनों चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे।

कापियों के बंडल के बीच ही कर दी शिक्षक धर्मेंद्र की हेडकांस्टेबल ने हत्या

(कापियों के बंडल के बीच ही कर दी शिक्षक धर्मेंद्र की हेडकांस्टेबल ने हत्या)

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से हेडकांस्टेबल मांग रहा था सुर्ती
पुलिस के अनुसार हेड कॉन्स्टेबल चंद्र प्रकाश शराब के नशे में था और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से बार-बार तम्बाकू (सुरती) मांग रहा था और किसी को आराम नहीं करने दे रहा था। सभी को परेशान कर रखा था। इस पर जब शिक्षक धर्मेंद्र कुमार ने आपत्ति जताई तो हेड कॉन्स्टेबल ने सरकारी काबाईन से उन पर हमला कर दिया। इससे अध्यापक धर्मेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें सिविल लाईन पुलिस ने तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।

डीसीएम ट्रक की चादर चीरकर गोली निकल गई बाहर।

(डीसीएम ट्रक की चादर चीरकर गोली निकल गई बाहर।)

क्वींस कालेज में अध्यापकों ने किया प्रदर्शन
क्वींस कालजे में यूपी बोर्ड परीक्षा की इंटर और हाईस्कूल की कापियों का मूल्यांकन हो रहा है। इधर, पूर्वांचल के टीचर्स धर्मेंद्र की हत्या से स्तब्ध हैं। शिक्षक धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि देने के बाद अध्यापक आजाद सोनकर ने बताया कि धर्मेंद्र जयापुर गांव में GIC में शिक्षक थे। उन्हें क्यों मारा गया यह नहीं पता,लेकिन जिस सुरक्षाकर्मी ने उन्हें मारा वह गलत है।

जो शिक्षक IAS-IPS बनाता है, उसकी हत्या निंदनीय
एक अन्य शिक्षक ने कहा कि इस घटना से हम अध्यापकों के दिल में गहरी चोट आई है। जब एक अध्यापक जो आईएएस-पीसीएस बनाता है उसे ऐसे मार दिया गया जो निंदनीय है। इससे समाज को क्या सीख मिलेगी की एक पुलिसकर्मी अध्यापक की हत्या कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आला अधिकारी इसपर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता सुरक्षित नहीं है।

मृत शिक्षक को श्रद्धांजलि के लिए शिक्षक और स्नातक एमएलसी भी पहुंचे क्वींस कालेज

(मृत शिक्षक को श्रद्धांजलि के लिए शिक्षक और स्नातक एमएलसी भी पहुंचे क्वींस कालेज)

शिक्षक एमएलसी लाल बिहारी यादव ने किया समर्थन
शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे शिक्षक एमएलसी लाल बिहारी यादव और स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा भी पहुंचे। यहां लाल बिहारी यादव ने शिक्षक की हत्या पर गहरी संवेदना जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह कृत्य किसी भी तरह से ठीक नहीं है। उन्होंने शिक्षकों की हक की लड़ाई के लिए कंधे से कंधा मिलकर चलने की बात कही। वहीं स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने भी श्रद्धांजलि अर्पित कर हत्यारों के लिए सख्त सजा की मांग की।

शिक्षकों ने काॅपी जांचने से किया मना

पूरे यूपी बोर्ड के वाराणसी में कार्यरत शिक्षकों द्वारा कॉपियों का मूल्यांकन का रोक दिया गया है। कल पूरे यूपी के शिक्षक मूल्यांकन रोकेंगे। तब तक मूल्यांकन नहीं होने देंगे जब तक कि मृतक को 10 करोड़ रुपए और आवश्यक सेवाएं न उपलब्ध करा दी जाए।

पूर्व शिक्षक MLC डॉ. चेत नारायण सिंह ने बताई धरनारत शिक्षकों की मांगे.....

  • मृतक के आश्रितों को 10 करोड़ रुपए, आश्रित को नौकरी और ग्रेच्युिटी दी जाए। क्योंकि, धर्मेंद्र की नौकरी अभी 25 साल से ज्यादा बची थी। इस दौरान सेवा में होता तो 10 करोड़ रुपए से ज्यादा पाता।
  • जिसने हत्या की है, उसको केवल सस्पेंड ही किया गया है। उसे तो फांसी की सजा हो।
  • हत्यारोपी पर मृतक के परिवार के द्वारा FIR दर्ज कराकर, जब तक उसकी कॉपी हमको नहीं मिल जाती। हम लोग FIR में लगाई गईं धाराओं को देखकर आगे का फैसला लेंगे। आश्वस्त होने के बाद ही आगे की बातों पर विचार होगा।
  • जिस तरह एजेंसियों के माध्यम से पेपर बांटने का काम होता है, ठीक उसी तरह से कॉपियों को अलग-अलग जिलों में पहुंचाने के लिए एजेंसी हायर किए जाए।
  • कॉपी मूल्यांकन की पद्धति और काम का तरीका खराब है। इसे बदला जाए, क्योंकि जो भी शिक्षक कॉपी लेकर बाहर जाता है, वो असुरक्षित होता है। उसे ट्रकों में ठुस कर ले जाया जाता है।
  • हमारे यहां इंटरमीडिएट की सुविधाएं हैं, उनको बहाल की जाए।
  • सामाजिक संस्थाएं रोड पर हैं। उनके मांग पत्र में कहा गया है कि सबसे पहले कॉन्स्टेबल की प्रशासनिक ढंग से सजा हो। निलंबन कोई कार्रवाई नहीं होती।

Share this story