वाराणसी : संकट मोचन को चढ़ा 51 मन लड्डू का प्रसाद:75 फीट का लाल ध्वज अर्पित कर राम-धुन पर झूमे भक्त

संकट मोचन को चढ़ा 51 मन लड्डू का प्रसाद:75 फीट का लाल ध्वज अर्पित कर राम-धुन पर झूमे भक्त

75 फीट लंबे लाल ध्वज के साथ हनुमान दरबार पहुंचे हजारों की संख्या में भक्त कीर्तन और भजन पर झूमने लगे। बाबा को इस दौरान भक्तों ने 51 मन लड्डू चढाए। 70 फीट लंबे रथ पर अखंड ज्योति संग राम दरबार की झांकी संकटमोचन दरबार की शोभा को भव्य बना रहा था। वहीं, पालकी पर सवार बाल हनुमान भी अपने भक्तों को आशीर्वाद दे रहे थे।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

वाराणसी । आज भक्त पवनसुत और राम नाम के धुन में रंगे दिखाई दिए। हनुमान जयंती पर निकली भव्य ध्वज यात्रा जब संकट मोचन दरबार पहुंची, तो वहां पर मौजूद भक्तों ने जय सिया राम से उसका अभिवादन किया। पूरा बाबा दरबार परिसर पवनसुत हनुमान के जयघोष से गूंज उठा।

संकट मोचन मंदिर में ध्वज यात्रा संपन्न होने के बाद रात में महिलाओं ने बैठकर राम भजन सुना।

(संकट मोचन मंदिर में ध्वज यात्रा संपन्न होने के बाद रात में महिलाओं ने बैठकर राम भजन सुना।)

75 फीट लंबे लाल ध्वज के साथ हनुमान दरबार पहुंचे हजारों की संख्या में भक्त कीर्तन और भजन पर झूमने लगे। बाबा को इस दौरान भक्तों ने 51 मन लड्डू चढाए। 70 फीट लंबे रथ पर अखंड ज्योति संग राम दरबार की झांकी संकटमोचन दरबार की शोभा को भव्य बना रहा था। वहीं, पालकी पर सवार बाल हनुमान भी अपने भक्तों को आशीर्वाद दे रहे थे।

श्रीराम और जानकी के साथ पालकी पर सवार बाल हनुमान भी अपने भक्तों को आशीर्वाद दे रहे थे।

(श्रीराम और जानकी के साथ पालकी पर सवार बाल हनुमान भी अपने भक्तों को आशीर्वाद दे रहे थे।)

भक्तों के बड़े हुजूम ने संकट मोचन मंदिर में उमड़कर कीर्तन मंडली के साथ राम धुन पर संगत किया।

(भक्तों के बड़े हुजूम ने संकट मोचन मंदिर में उमड़कर कीर्तन मंडली के साथ राम धुन पर संगत किया।)

भक्तों के बड़े हुजूम ने मंदिर में उमड़कर कीर्तन मंडली के साथ राम धुन पर संगत किया। इस दौरान संकटमोचन मंदिर में पवनपुत्र हनुमान को सवा 5 मन लड्डू का प्रसाद चढ़ाया गया। पालकी पर बैठ बाल हनुमान ने मंदिर में भक्तों को दर्शन दिया। संकट मोचन दरबार में ध्वजा अर्पण, चालीसा पाठ, महाआरती के बाद मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र द्वारा भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया। इसके बाद यात्रा का समापन हाे गया।

हनुमान जयंती के मौके पर संकट मोचन मंदिर में उमड़े श्रद्धालु।

(हनुमान जयंती के मौके पर संकट मोचन मंदिर में उमड़े श्रद्धालु।)

19 साल से लगातार निकल रही यात्रा

बाबा विश्वनाथ की नगरी में आज पवन पुत्र हनुमान की जन्म जयंती का उत्सव बेहद खास तरीके से मनाया गया। वाराणसी के सड़कों पर आज जय श्री राम और पवन पुत्र हनुमान के नारे गए। सभी के हाथों में केसरिया झंडा है। इस यात्रा का लगभग 50 से अधिक जगहों पर लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। पिछले 19 सालों से हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में काशी में एक विशेष यात्रा निकाली जाती है।

संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्रा के साथ बैठे संगीतकार और राजनेता।

(संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्रा के साथ बैठे संगीतकार और राजनेता।)

इस वर्ष भी इस ध्वज यात्रा में लगभग 50 हजार के करीब हनुमान भक्त शामिल हुए हैं। इसमें 75 फीट ऊंचा लाल ध्वज संकटमोचन मंदिर में पवन पुत्र हनुमान को अर्पित किया गया। इसके अलावा 70 फीट लम्बे रथ पर हनुमत लला विराजमान हुए हैं। राम नाम के भजनों से पूरी काशी गुंजायमान हो उठी।

शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं।

(शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं।)

श्री हनुमंत सेवा समिति द्वारा आयोजित ध्वजा यात्रा में 2 किलोमीटर लंबी हनुमान भक्तों की अटूट कतार देखने को मिली।

(श्री हनुमंत सेवा समिति द्वारा आयोजित ध्वजा यात्रा में 2 किलोमीटर लंबी हनुमान भक्तों की अटूट कतार देखने को मिली।)

सड़क पर दिखी 2 किमी लंबी कतार

श्री हनुमंत सेवा समिति द्वारा आयोजित ध्वजा यात्रा में 2 किलोमीटर लंबी हनुमान भक्तों की अटूट कतार देखने को मिली। जिनके हाथों में लाल ध्वज लहराया गया। भगवान हनुमान की कई झांकिया भी इसमे आकर्षण का केंद्र बनी। समिति के अध्यक्ष रामबली मौर्य ने बताया कि इस अद्भुत यात्रा का स्वागत 3 दर्जन जगहों पर 51 मन फूलों से हुआ। इसके अलावा 51 मन प्रसाद भी संकट मोचन बाबा को चढ़ाया गया। इस यात्रा के लिए छोटे बड़े 50 हजार ध्वज तैयार कराए गए थे, जो यात्रा में हर भक्त के हाथों में थे।

शोभायात्रा के दौरान हनुमान जी वृद्ध रूप में भी दिखे।

(शोभायात्रा के दौरान हनुमान जी वृद्ध रूप में भी दिखे।)

यहां से गुजरी यात्रा

हनुमान जयंती पर यात्रा वाराणसी के भिखारीपुर से निकली और नेवादा, सुंदरपुर, नरिया, लंका होते हुए संकट मोचन दरबार तक पहुंची। लगातार 19 सालो से ये यात्रा अनवरत निकाली जा रही है। वाराणसी में जिन रास्तों से ध्वज यात्रा निकली, वहां वाराणसी पुलिस पूरी मुस्तैद दिखाई दी।

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