वाराणसी : अग्निवीर शहीद को सलामी न मिलने पर BHU में विरोध, NSUI और पुलिस आमने-सामने; छात्र बोले- अग्निवीरों को भी मिले 'गार्ड ऑफ ऑनर'

वाराणसी : अग्निवीर शहीद को सलामी न मिलने पर BHU में विरोध, NSUI और पुलिस आमने-सामने; छात्र बोले- अग्निवीरों को भी मिले 'गार्ड ऑफ ऑनर'
NSUI के नेताओं ने कहा कि 11 अक्टूबर को अमृतपाल सिंह (19) का परिजनों ने अंतिम संस्कार किया। यहां पर सेना की ओर से कोई सम्मान नहीं मिला। इससे हम लोग काफी व्यथित हैं। ऐसा भेदभाव क्यों। सरकार बताए कि क्या अग्निवीर जवानों का सम्मान नहीं होगा। देश के लिए जान गवानें वाले अग्निवीरों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाएगा क्या।

 Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

वाराणसी । कश्मीर में शहीद हुए अग्निवीर जवान को गार्ड ऑफ ऑनर न मिलने पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) सहित वाराणसी भर में विरोध शुरू हो गया है। BHU के सिंह द्वार पर तख्ती और पोस्टर लिए छात्रों ने जोरदार तरीके से केंद्र सरकार का विरोध किया। छात्र नेताओं ने काफी नारे लगाए। सरकार के इस सेना भर्ती की प्रक्रिया को दोषपूर्ण बताया। इस दौरान पुलिस फोर्स और छात्रों के बीच काफी देर तक नोंकझोक भी देखने को मिली।

NSUI के नेताओं ने कहा कि 11 अक्टूबर को अमृतपाल सिंह (19) का परिजनों ने अंतिम संस्कार किया। यहां पर सेना की ओर से कोई सम्मान नहीं मिला। इससे हम लोग काफी व्यथित हैं। ऐसा भेदभाव क्यों। सरकार बताए कि क्या अग्निवीर जवानों का सम्मान नहीं होगा। देश के लिए जान गवानें वाले अग्निवीरों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाएगा क्या।

 

शहीद को घर तक भी नहीं छोड़ा गया

NSUI-BHU के उपाध्यक्ष शंभू कनौजिया कहा कि शहीद होने के बाद अमृतपाल को न तो सलामी दी गई और न ही घर तक छोड़ा गया। अग्निवीर प्रक्रिया से हुईं भर्तियों में शामिल सैनिकों को शहीद होने के बाद पूरा सम्मान मिले। सरकार की नीतियों में जो भी खामियां हैं, उन्हें ठीक किया जाए। वैभव त्रिपाठी ने कहा कि सरकार इतनी डरी हुई है कि ACP को भेजकर प्रोटेस्ट को बंद कर रही है। ऐसे प्रोटेस्ट नहीं होंगे तो डेमोक्रेसी पर खतरा होगा। इस मसले पर सेना ने अपना आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि अमृतपाल की मौत खुद को गोली मारने से हुई है। अमृतपाल ने सुसाइड किया था। इसलिए, सलामी नहीं दी गई।

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