यूपी निकाय चुनाव : वाराणसी मंडल के 24.37 लाख मतदाता कल डालेंगे वोट, काशी में तीन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
वाराणसी । यूपी निकाय चुनाव के पहले चरण के मतदान में गुरुवार को वाराणसी मंडल (वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर) के 24.37 लाख 278 मतदाता वोट डालेंगे। वाराणसी नगर निगम में मेयर पद के 11 और पार्षद पद के 637 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
इसी तरह वाराणसी की गंगापुर सहित चंदौली, जौनपुर और गाजीपुर के 236 नगर पंचायत व पालिका अध्यक्ष के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। चारों जिलों में सभासद के 2942 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। मतदान सुबह सात बजे से शुरू होगा, जो कि शाम छह बजे तक चलता रहेगा। बुधवार की देर शाम तक सभी पोलिंग पार्टियां आपन-अपने बूथों पर पहुंच गईं।कहीं त्रिकोणीय लड़ाई तो कहीं बागी बिगाड़ेंगे खेल
निकाय चुनाव में मतदान के एक दिन पूर्व प्रत्याशियों और पार्टियों ने ताकत झोंक दी है। वार्डों में कहीं त्रिकोणीय लड़ाई है तो कहीं बागी खेल बिगाड़ सकते हैं। इसे देखते हुए भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा के धुरंधर नेताओं को लगाया है। जिन वार्डों में टिकट नहीं मिला है वे निर्दलीय चुनाव लड़कर समीकरण बिगाड़ रहे हैं। जिसे संभालने के लिए पार्टी के नेताओं की मदद ली जा रही है।
वाराणसी में भाजपा के माथे पर बल डाल रहा विपक्ष
निकाय चुनाव की बिछी बिसात में देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी सियासी चक्रव्यूह में फंसी है। मतदाताओं की खामोशी ने प्रत्याशियों के दिल की धड़कन बढ़ा दी है। इस चुनाव में विपक्ष की मजबूत रणनीति और चुनावी कौशल ने भाजपा के माथे पर बल डाल दिया है। भाजपा ने इस बार अशोक तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा के सामने अपने मतों को सहेजने के साथ ही मत फीसदी बढ़ाने की चुनौती है। उधर, सपा ने नगर निगम में कई बार पार्षद रहे डॉ. ओपी सिंह को प्रत्याशी बनाया है। एकजुट मुस्लिम मतों के साथ ही हिंदू मतों में सेंधमारी से यह भाजपा के सामने बड़ी चुनौती बने हैं।
ऐसे ही कांग्रेस ने पांच बार विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा चुके अनिल श्रीवास्तव को मैदान में उतारा है। इसके जरिये कांग्रेस मुस्लिम मतों के साथ ही हिंदू और खासकर कायस्थ मतों पर भरोसा कर रही है। बसपा ने सुभाष चंद्र माझी, आप से शारदा टंडन, सुभासपा से आनंद तिवारी भी समीकरणों में उथल पुथल कर रहे हैं। निकाय चुनाव की इस अग्निपरीक्षा से सियासी दल आगामी लोकसभा चुनाव की भी ताप मापना चाहते हैं।
तीन मंत्रियों के साथ दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर
बस में सवार होते मतदानकर्मी - फोटो : newspoint24
वाराणसी का चुनाव इस मायने में भी खास है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और काशी देश भर में विकास के मॉडल के रूप में पहचान बना चुकी है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रविंद्र जायसवाल, दया शंकर मिश्र दयालू की साख भी दांव पर लगी है। इसके साथ ही वाराणसी के कई दिग्गज नेता केंद्रीय राजनीति में सक्रिय हैं। ऐसे में वाराणसी के परिणाम पर कई नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
नए क्षेत्रों के जातीय समीकरण भी खड़ी कर रहे हैं मुश्किल
वाराणसी नगर निगम में वर्ष 2017 के चुनाव के बाद 87 गांवों का विलय किया गया और इसके बाद रामनगर नगर पालिका व सूजाबाद नगर पंचायत को भी नगर निगम में शामिल किया गया है। शहर के आसपास के 87 गावों के जातीय समीकरण भी सभी सियासी दलों के समीकरणों को मुश्किल में डाल रहे हैं।