प्रयागराज गोलीकांड के बाद यूपी बीजेपी के महामंत्री जेपीएस राठौर ने अपराधियों को चेतावनी दी : 'हाय-तौबा न करें, गाड़ी पलट भी सकती है'

प्रयागराज गोलीकांड के बाद यूपी बीजेपी के महामंत्री जेपीएस राठौर ने अपराधियों को चेतावनी दी : 'हाय-तौबा न करें, गाड़ी पलट भी सकती है'

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

प्रयागराज । प्रयागराज गोलीकांड के बाद यूपी बीजेपी के महामंत्री जेपीएस राठौर ने अपराधियों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा- मैं अपराधियों से कहना चाहता हूं कि अगर पकड़े जाएं तो बहुत हाय तौबा न करे. गाड़ी पलट भी सकती है। अगर ऐसा हुआ तो वो खुद जिम्मेदार होंगे।

यूपी सरकार में मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा, "मुख्यमंत्री जी ने सदन में कहा था कि मिट्टी में मिला देंगे। अब इसकी शुरुआत हो चुकी है। किसी भी तरह के अपराध और अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। किसी भी तरह का अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आपने देखा प्रयागराज में क्या हुआ। सभी डरे हुए हैं।"

आरोपियों में शामिल सदाकत खान की बीजेपी नेता के पति के साथ फोटो को लेकर जेपीएस राठौर ने कहा कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसे खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। दोषी किसी भी दल का होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।

CAA प्रोटेस्ट में फ्री में बिरयानी बांटने वाले की निकली क्रेटा कार
हत्याकांड में अतीक अहमद के करीबी बिरयानी शॉप संचालक की भूमिका की भी पुलिस जांच कर रही है। घटना में जिस क्रेटा कार का इस्तेमाल हुआ था। वह बिरयानी शॉप संचालक नफीस अहमद की थी। नफीस का कहना है कि कुछ महीने पहले ही उसने इसे रुखसार नाम की एक महिला को बेच दिया था।

 

नफीस सीएए और एनआरसी के आंदोलन में धरने पर बैठी महिलाओं को बिरयानी बांटकर भी सुर्खियों में आया था। हत्‍या से पहले धूमनगंज में उमेश पाल के घर के आस-पास की रेकी करने के ल‍िए भी इसी कार का प्रयोग क‍िया गया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने कार को अतीक के घर के पीछे वाली गली से बरामद कर लिया था। जांच में सामने आया कि कार में गलत नंबर प्लेट लगाई गई थी, लेकिन चेचिस और इंजन नंबर के आधार पर आरटीओ से जानकारी मांगी गई तो निसार की बीवी रुखसार के नाम पंजीकृत पाई गई।

अब आपको प्रयागराज हत्याकांड में हुए तीन बड़े खुलासों के बारे में पढ़वाते हैं...

उमेश पाल हत्याकांड में 6 नहीं, 13 शूटर थे

इस मामले में पिछले 24 घंटों में 3 बड़े खुलासे हुए हैं। पहला- प्रयागराज में उमेश की हत्या के लिए 6 नहीं 13 शूटर पहुंचे थे। इनमें 7 बैकअप में इंतजार कर रहे थे। दूसरा- हत्या की साजिश मुस्लिम हॉस्टल में रची गई थी। तीसरा- साजिश में अहम रोल अहमदाबाद के साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का था। अशरफ बरेली जेल में बंद है। जेल से ही दोनों वॉट्सऐप कॉल के जरिए अपने गुर्गों से जुड़ते थे।

यह खुलासा इलाहाबाद हाईकोर्ट का वकील और हत्या में शामिल सदाकत खान ने पूछताछ के दौरान किया। प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि सदाकत को STF ने सोमवार को गोरखपुर से गिरफ्तार किया। ये नेपाल भागने की फिराक में था। सदाकत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल के कमरा नंबर 36 में अवैध रूप से रह रहा था। इसी कमरे में उमेश पाल की हत्या की साजिश रची गई।

पुलिस को अब तक दो कामयाबी मिलीं
पुलिस ने सोमवार को अतीक अहमद के ड्राइवर अरबाज को मुठभेड़ में मार गिराया है। वहीं, सदाकत खान को गिरफ्तार किया है। बाकी लोगों की तलाश कर रही है। इस बीच, अतीक की पत्नी ने इलाहाबाद जिला अदालत में याचिका लगाई है। इसमें कहा गया है कि उसके बेटों का सुराग नहीं मिल रहा है।

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