उमेश पाल हत्याकांड  : बरेली जेल में बंद अतीक अहमद के भाई अशरफ के शामिल होने के सबूत प्रयागराज पुलिस को मिले

उमेश पाल हत्याकांड  : बरेली जेल में बंद अतीक अहमद के भाई अशरफ   के शामिल होने के सबूत प्रयागराज पुलिस को मिले
रविवार को गोरखपुर से सदाकत को गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला है कि सदाकत के साथ मिलकर मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल के कमरे में उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रची गई थी। साजिश में साबरमती जेल से अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद अशरफ भी व्हाट्सएप कॉल के जरिये शामिल हुए थे। 

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

प्रयागराज ।  उमेश पाल हत्याकांड के साजिशकर्ता सदाकत के फोन से प्रयागराज पुलिस को चौंकाने वाले सबूत मिले हैं। बरेली में एजेंसियों के जिम्मेदारों से यह चीजें शेयर कर जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है। अशरफ व अन्य आरोपियों से उसकी व्हाट्सएप कॉल व चैट होती थी, जिसमें कुछ डिलीट की गई है। बता दें कि माफिया अतीक अहमद का भाई अशरफ बरेली जेल में बंद है। 



रविवार को गोरखपुर से सदाकत को गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला है कि सदाकत के साथ मिलकर मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल के कमरे में उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रची गई थी। साजिश में साबरमती जेल से अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद अशरफ भी व्हाट्सएप कॉल के जरिये शामिल हुए थे। 

 

अशरफ ने बताया था पूरा प्लान 

सूत्र बताते हैं कि घटना को अंजाम देने वाले हमलावरों ने परिचित बनकर जेल में अशरफ से मुलाकात भी की थी। यहां अशरफ ने उन्हें फुलप्रूफ प्लान के बारे में बताया था। सदाकत के फोन से अतीक के चौथे नंबर के बेटे की चैट भी पुलिस के हाथ लगी है, जिसमें कुछ मैसेज डिलीट किए गए हैं। पुलिस मिटाए गए मैसेज का डाटा निकलवा रही है।

व्हाट्सएप कॉल के जरिये अशरफ के साजिश में शामिल होने का इनपुट मिलने के बाद बरेली जिला जेल की व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठ रहे हैं। जेल के अंदर अशरफ के पास मल्टीमीडिया फोन कहां से आया, इस बात की जांच हो रही है। हालांकि बरेली जिला जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला अशरफ के पास किसी मोबाइल के न होने का दावा कर रहे हैं। 

फिलहाल संदिग्ध नंबरों की सीडीआर निकलवाई जा रही है जिसके बाद हत्याकांड से जुड़ी अहम बातें सामने आ सकती हैं। प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने भी स्वीकार किया कि हत्याकांड की साजिश के दौरान जेलों से व्हाट्सएप पर वीडियो और ऑडियो कॉल किए गए थे। इन्हें ट्रेस कर अन्य आरोपियों व दोषियों का पता लगाया जा रहा है।

अशरफ की सुरक्षा में तैनात स्टाफ को पता हो सकते हैं राज

उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के भाई पूर्व विधायक अशरफ का नाम आया तो आनन-फानन में जेल प्रशासन ने उसकी सुरक्षा में लगे स्टाफ को ही बदल दिया। सूत्रों के मुताबिक कई बार सुरक्षा में तैनात स्टाफ भी बंदियों की जरूरी सूचनाएं जेल के बाहर पहुंचाते हैं। ऐसे में अशरफ की सुरक्षा में तैनात स्टाफ से भी उसके बारे में जानकारी ली जा सकती है। जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच से भी कई राज खुलने की उम्मीद है।

बरेली जेल में बंद बबलू श्रीवास्तव का पुराना गुर्गा है गुड्डू मुस्लिम

प्रयागराज की घटना के दौरान वीडियो में बम फेंकते दिख रहा गुड्डू मुस्लिम किसी जमाने में माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव का खास गुर्गा था। बबलू इन दिनों बरेली सेंट्रल जेल में बंद है। दरअसल गुड्डू एक वक्त में मुख्तार अंसारी का विश्वस्त गुर्गा था। इसके बाद वह काफी समय बबलू श्रीवास्तव के साथ रहा। बबलू को नैनी जेल में बंद करने के दौरान उसे शानशौकत से रहने के संसाधन मुहैया कराने की जिम्मेदारी गुड्डू के ही पास थी। 

इस बीच बबलू की शिकायत हुई और उसे बरेली सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद गुड्डू अतीक अहमद से जुड़ गया। वह अशरफ के काफी करीब था और उसके जमीनों के काम देखता था। हमलावरों में वह सबसे उम्रदराज है और राजू पाल हत्याकांड के बाद पहली बार किसी घटना में सीधे तौर पर शामिल हुआ है।

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