सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय कार्यशाला 16 मार्च से

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय कार्यशाला 16 मार्च से

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

वाराणसी । सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में "भारतीय भाषाओं के परिप्रेक्ष्य में छात्र एवं अध्यापकों के संस्कृत भाषा सम्प्रेषण कौशल विकास" विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 16 मार्च से किया जाएगा। इस राष्ट्रीय कार्यशाला में राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ भाग लेंगे। ये जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने शुक्रवार को दी।

कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय के आइकेएस केन्द्र, संस्कृत भारती काशी प्रांत और भारतीय भाषा समिति उच्च शिक्षा विभाग शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में चलने वाले इस कार्यशाला में दो सौ प्रतिभागी भाग लेंगे। प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि विवि से संबंद्ध सम्पूर्ण देश के संस्कृत महाविद्यालयों के प्राचार्य, अध्यापक एवं शोध छात्र भी इसमें सहभाग करेंगे।

कुलपति ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन 16 मार्च को पूर्वांह 10:30 बजे पाणिनि भवन सभागार में संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कामत करेंगे। कार्यशाला में बतौर विशिष्ट अतिथि प्रदेश के पूर्व पर्यटन एवं धर्मार्थ मंत्री एवं विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, मण्डलायुक्त कौशलराज शर्मा, सारस्वत अतिथि संस्कृत भारती के काशी प्रांत अध्यक्ष प्रो कृष्ण कान्त शर्मा उपस्थित रहेंगे।

चार सत्रों में कार्यशाला

कार्यशाला चार सत्रों में चलेगी। पहले दिन पूर्वांह 10:30 बजे से मध्यान्ह 12:00 बजे उद्घाटन, मध्यान्ह 12:00 बजे से अपराह्न 1:00 बजे तक विशिष्ट विद्वान संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कामत का व्याख्यान, अपराह्न 2:30 बजे से 3:55 तक प्रो. गोपबन्धु मिश्र, शाम 4:05 से 5:30 तक प्रो. कृष्ण कान्त शर्मा का विशिष्ट व्याख्यान होगा।

17 मार्च को चार सत्रों में क्रमश: संजीव, प्रो. सन्तोष कुमार शुक्ल, कौशल किशोर तिवारी एवं नंद कुमार का व्याख्यान, 18 मार्च को पूर्वांह 10:30 बजे से 11:25 तक संस्कृत भारती के अखिल भारतीय मंत्री श्रीशदेव पुजारी, प्रो. पुष्पा दीक्षित, कौशल किशोर तिवारी का व्याख्यान, अपराह्न 4:05 बजे से 5:30 बजे तक समापन सत्र चलेगा। कार्यशाला के संयोजक प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी तथा सह संयोजक डॉ मधुसूदन मिश्र तथा डॉ नीतिन आर्य होंगे।

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