स्वर्वेद महामंदिर 20 साल में बना : 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में श्वेत मकराना संगमरमर से तैयार ,  इसमें 9 कमल हैं  जो स्वर्वेद के सिद्धांत के अनुसार हैं 

स्वर्वेद मंदिर
स्वर्वेद महामंदिर 20 साल से बना रहा है। 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में श्वेत मकराना संगमरमर से तैयार होने वाले नक्काशीदार गुलाबी सैंडस्टोन बनाया गया है। इसमें 9 कमल हैं। जो स्वर्वेद के सिद्धांत के अनुसार हैं। इसमें बड़े कमल में 125 पत्तियां हैं। स्वर्वेद जो ग्रंथ हैं, उसके ऊपर स्वामी सदाफल महाराज ने 17 साल साधना करके हिमालय की गुफा में इसकी रचना की थी।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

 

20 साल से बना रहा है स्वर्वेद महामंदिर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्वर्वेद मंदिर के 100वें वार्षिकोत्सव में शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्वर्वेद मंदिर के 100वें वार्षिकोत्सव में शामिल होंगे।

स्वर्वेद महामंदिर 20 साल से बना रहा है। 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में श्वेत मकराना संगमरमर से तैयार होने वाले नक्काशीदार गुलाबी सैंडस्टोन बनाया गया है। इसमें 9 कमल हैं। जो स्वर्वेद के सिद्धांत के अनुसार हैं। इसमें बड़े कमल में 125 पत्तियां हैं। स्वर्वेद जो ग्रंथ हैं, उसके ऊपर स्वामी सदाफल महाराज ने 17 साल साधना करके हिमालय की गुफा में इसकी रचना की थी। जो दोहे उन्होंने ध्यान में देखे उन पर ग्रंथ लिखा। अब इन दोहों को अंदर अंकित किया गया है।

2021 में भी शामिल हुए थे पीएम, मां को बताई थी मंदिर की भव्यता
साल 2021 में काशी में ही विहंगम योग संत समाज का 98वां वार्षिकोत्सव हुआ था। इसमें सद्गुरु सदाफलदेव महाराज के अनुयायियों को पीएम मोदी ने भी संबोधित किया था। महामंदिर से जुड़े संत ने बताया कि गुजरात पहुंचने पर पीएम ने अपनी मां हीराबेन को वाराणसी में बनने वाले विशाल स्वर्वेद महामंदिर के बारे में बताया था।

  • चलिए, अब आपको स्वर्वेद मंदिर में होने वाले 100वें वार्षिकोत्सव की तैयारियों के बारे में बताते हैं...

नदियों के नाम पर 22 अस्थायी नगर बसाए
पीएम के आगमन को लेकर मंदिर परिसर में हेलीपैड बना है। पास ही जनसभा स्थल बनाया गया है। उमरहां में 5 किलोमीटर की परिधि में 200 एकड़ में 22 अस्थायी नगर बसाया गया है। इनके नाम गंगा, यमुना, सरस्वती के साथ काशी के सप्तऋषियों के नाम पर रखे गए हैं।

अमेरिका और इंडोनेशिया से पहुंच रहे श्रद्धालु
वाराणसी-गाजीपुर हाईवे के पास 20 लाख स्क्वायर फीट में 25 हजार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ में 108 ब्लॉक बनाए गए हैं। ब्लॉक के नाम ऋषियों के नाम पर रखे गए हैं। इसमें हर ब्लॉक में 232 कुंड होंगे। ढाई हजार कार्यकर्ता यज्ञ की व्यवस्था देखेंगे। महायज्ञ में भारत की विभिन्न संस्कृतियों के अनुसार सात्विक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए 12 भोजनालय बनाए गए हैं। हर भोजनालय में 20-20 काउंटर होंगे।

कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए उत्तर प्रदेश के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार से बड़ी संख्या में अनुयायी पहुंच रहे हैं। इसके अलावा, कई देशों इटली, जर्मनी, कनाडा, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया और अमेरिका से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

वंदेभारत एक्सप्रेस सुबह 6 बजे वाराणसी से चलेगी

देर शाम 7.18 बजे कानपुर पहुंचेगी और चार मिनट रुकते हुए 7.22 बजे खुलेगी।

पीएम मोदी वाराणसी-नई दिल्ली रूट के पांच साल में काशी को दूसरी वंदे भारत की सौगात देंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री ने देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत को 15 फरवरी 2019 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। पूर्वोत्तर रेलवे के बनारस स्टेशन से नई वंदे भारत एक्सप्रेस का शेड्यूल रेलवे बोर्ड (कोचिंग) ने जारी करते हुए ट्रेन हफ्ते में छह दिन शेड्यूल की है। ट्रेन संख्या 22415/22416 वंदेभारत सुबह छह बजे बनारस स्टेशन से खुलेगी। 7.35 बजे प्रयागराज पहुंचेगी और 7.39 पर खुलेगी।

9.32 बजे कानपुर पहुंचेगी और चार मिनट के ठहराव के बाद नई दिल्ली पहुंचेगी। वहीं, 22416 दिल्ली- बनारस वंदे भारत अपराह्न 3 बजे दिल्ली स्टेशन से खुलेगी। देर शाम 7.18 बजे कानपुर पहुंचेगी और चार मिनट रुकते हुए 7.22 बजे खुलेगी। रात 8.26 बजे प्रयागराज पहुंचेगी। इसके बाद रात 11.05 बजे बनारस स्टेशन पहुंचेगी।

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