1129 करोड़ के लोन डिफॉल्ट का मामला:  हरिशंकर तिवारी के बेटे के ठिकानों पर ED का एक्शन,गोरखपुर-लखनऊ समेत 3 राज्यों में छापेमारी 
  

1129 करोड़ के लोन डिफॉल्ट का मामला:  हरिशंकर तिवारी के बेटे के ठिकानों पर ED का एक्शन,गोरखपुर-लखनऊ समेत 3 राज्यों में छापेमारी
गोरखपुर में सुबह 5 बजे 6 गाड़ियों में 10 से ज्यादा अफसर विनय शंकर के ठिकाने पर पहुंचे। फिलहाल, अफसरों ने कोई भी ऑफिशियल बयान नहीं दिया है। ED ने यह कार्रवाई विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेस लिमिटेड द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम का 1129.44 करोड़ रुपए हड़पने के मामले में की है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

लखनऊ । पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का छापा पड़ा है। यूपी-हरियाणा के 3 ठिकानों पर ED की टीमें मौजूद हैं। लखनऊ और गोरखपुर के ठिकानों पर दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। पुलिस की टीमें बाहर तैनात हैं, अंदर ED के अफसर मौजूद हैं।

गोरखपुर में सुबह 5 बजे 6 गाड़ियों में 10 से ज्यादा अफसर विनय शंकर के ठिकाने पर पहुंचे। फिलहाल, अफसरों ने कोई भी ऑफिशियल बयान नहीं दिया है। ED ने यह कार्रवाई विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेस लिमिटेड द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम का 1129.44 करोड़ रुपए हड़पने के मामले में की है।

बैंकों की शिकायत पर CBI मुख्यालय ने केस दर्ज किया था। इसके बाद ED ने भी विनय तिवारी समेत कंपनी के समस्त निदेशक, प्रमोटर और गारंटर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। 3 महीने पहले भी ED ने गोरखपुर के चिल्लुपार विधानसभा से बसपा के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की करीब 73 करोड़ की संपत्तियां जब्त की थीं।

लखनऊ महानगर में इसी आवास में विनय की 4 कंपनियों के ऑफस खोल रखे हैं।

( लखनऊ महानगर में इसी आवास में विनय की 4 कंपनियों के ऑफिस खोल रखे हैं )

 

लखनऊ में ईडी टीम को 1 घंटा इंतजार करना पड़ा
लखनऊ के महानगर में विनय शंकर तिवारी का आवास है। सुबह जब यहां ईडी की टीम पहुंची। तब गेट बंद थे। करीब 1 घंटा ईडी की टीम को बाहर ही इंतजार करना पड़ा। अंदर विनय शंकर के दो सहायक मौजूद थे। जब उन्होंने गेट खोला, उसके बाद टीम के लोग अंदर जा सके।

गोरखपुर, महाराजगंज, लखनऊ में जब्त हो चुकी हैं संपत्ति

ये तस्वीर गोरखपुर के तिवारी हाता की है। मुख्य गेट को बंद करवा दिया गया है। मीडिया इस गेट के बाहर ही रोक दी गई है।

(ये तस्वीर गोरखपुर के तिवारी हाता की है। मुख्य गेट को बंद करवा दिया गया है। मीडिया इस गेट के बाहर ही रोक दी गई है।)

गंगोत्री इंटरप्राइजेज पर बैंक से पैसे लेकर अदा नहीं करने का आरोप है। ED ने विनय तिवारी की गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियों को जब्त किया है। जिसमें खेती की जमीन, कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स, आवासीय परिसर और आवासीय भूखंड शामिल हैं।

ED की जांच में सामने आया कि गंगोत्री एंटरप्राइजेज ने अपने प्रमोटर्स, निदेशक, गारंटर के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 7 बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपए की क्रेडिट सुविधाओं का फायदा लिया था। बाद में इस रकम को उन्होंने अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया और बैंकों की रकम को वापस नहीं किया। इससे बैंकों के कंसोर्टियम को करीब 754.24 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

ये गाड़ियों का काफिला है। जिसमें ED के अफसर गोरखपुर पहुंचे हैं।

(ये गाड़ियों का काफिला है। जिसमें ED के अफसर गोरखपुर पहुंचे हैं।)

दिल्ली में दर्ज हुई थी FIR
CBI ने इस मामले में विनय के साथ ही उनकी पत्नी रीता तिवारी और कंपनी के एक अन्य निदेशक अजीत पांडेय को नामजद करते हुए दिल्ली में 19 अक्टूबर 2020 को FIR दर्ज की थी। यह FIR बैंक आफ इंडिया की शिकायत पर दर्ज की गई थी। बैंक ने कंपनी को दिए गए 754 करोड़ रुपए के लोन में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।

छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज जब्त किए
छापेमारी के दौरान CBI की टीमों ने लखनऊ के महानगर स्थिति आफिस और नोएडा स्थित कंपनी के ठिकानों से कई दस्तावेज अपने कब्जे में लिए। टीम ने मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ की। CBI ने गंगोत्री इंटरप्राइजेज के एक अन्य निदेशक अजीत पांडेय और एक सहयोगी फर्म रॉयल एंपायर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर भी छापेमारी की। गंगोत्री इंटरप्राइजेज कंस्ट्रक्शन कंपनी के रूप में जानी जाती है और बड़े निर्माण कार्य करती है।

  • अब आइए जानते हैं, कौन हैं विनय शंकर तिवारी

विनय शंकर तिवारी साल 2017 में बसपा के टिकट पर भी गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से विधायक चुने गए।

(विनय शंकर तिवारी साल 2017 में बसपा के टिकट पर भी गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से विधायक चुने गए।)

बाहुबलि हरि शंकर तिवारी के बेटे हैं विनय शंकर
विनय शंकर तिवारी बाहुबली पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे हैं। वे साल 2017 में बसपा के टिकट पर भी गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से विधायक चुने गए। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी को हराया था। इससे पहले इनके पिता हरि शंकर तिवारी लगातार 22 साल इसी सीट से विधायक रहे थे।

उन्हें राजेश त्रिपाठी ने ही बसपा प्रत्याशी के रूप में हराया था। जबकि साल 1997 से लेकर 2007 तक वह लगातार प्रदेश सरकार में कैबिनेट में मंत्री भी रहे। पूर्वांचल में अपने राजनीतिक रसूख के कारण यह परिवार लगातार चर्चा में रहा है।

चुनाव हारने के बाद भी सपा में बढ़ा कद
इसके बाद विनय शंकर तिवारी और उनका परिवार समाजवादी पार्टी में शामिल हो गया। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में वे एक बार फिर सपा के टिकट पर चिल्लुपार विधानसभा से मैदान में उतरे। लेकिन, भाजपा प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी ने उन्हें हरा दिया। लेकिन, चुनाव हारने के बाद भी सपा में उनका कद बढ़ता चला गया। यूपी में 12 से 14% ब्राह्मणों को जोड़ने लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें सपा का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया।

विनय के पास है अकूत संपत्ति
विनय शंकर तिवारी के पास अकूत संपत्ति है। 2022 विधानसभा चुनाव के नामांकन में जितने भी उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था, उसमें विनय शंकर तिवारी सबसे अमीर प्रत्याशी रहे। उनके और उनकी पत्नी के पास 67.51 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है। इसमें 25.64 करोड़ की चल और 41.87 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। हालांकि विधानसभा चुनाव 2017 की तुलना में तिवारी दंपती की संपत्ति में करीब सात लाख रुपए की कमी आई है। पिछले चुनाव में उनके पास कुल 67.58 करोड़ रुपए की संपत्ति थी।

गैस हाउस व आइस फैक्ट्री के मालिक हैं विनय
2022 विधानसभा चुनाव में नामांकन पत्र के साथ दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक विनय के पास लखनऊ में एक होटल और उनकी पत्नी के नाम लखनऊ में गैस हाउस और आइस फैक्ट्री है। विनय के पास एक राइफल और एक पिस्टल है तो उनकी पत्नी के पास भी एक रिवाल्वर है।

उनके पास 22 लाख रुपए के सोने के जेवरात हैं तो उनकी पत्नी के पास 1.34 करोड़ रुपए के सोने और 2.05 लाख रुपए के चांदी के आभूषण हैं। विनय ने लखनऊ विश्वविद्यालय से 1987 में LLB की ‌डिग्री हासिल कर रखी है। उन पर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, आपराधिक साजिश रचने आदि धाराओं में CBI दिल्ली में एक मुकदमा दर्ज है।

Share this story