काशी में रवीना टंडन ने किया दीपदान, नाव से सुबह-ए बनारस का दीदार किया, सेल्फी खींची

काशी में रवीना टंडन ने किया दीपदान, नाव से सुबह-ए बनारस का दीदार किया, सेल्फी खींची

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 
वाराणसी। महाशिवरात्रि पर बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन काशी पहुंची। उन्होंने गंगा के बीचो-बीच बोट से दीपदान करते हुए अपने पिता की पहली जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद अभिनेत्री ने गंगा विहार और संकट मोचन मंदिर में दर्शन-पूजन किया। शाम को उन्होंने दशाश्वमेध घाट पर होने वाली महाआरती को भी दूर से निहारा। फिर, तड़के सुबह 5 बजे बजड़े पर सवार होकर अस्सी पर सुबह-ए-बनारस की आरती और गंगा में सनराइज का दीदार किया। अभिनेत्री ने ट्विटर अकाउंट पर फोटो शेयर करते हुए लिखा- इससे अधिक दिव्य और सुंदर कुछ भी नहीं।

रवीना टंडन ने घाटों और पुराने भवनों के साथ फोटो खिंचवाई। जिसे उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा, ' मैं बंजारन...'। इसके साथ ही रवीना टंडन ने देर रात संकट मोचन मंदिर में दर्शन-पूजन किया। मंदिर के आस-पास लोग रवीना टंडन का वीडियो बनाते रहे। इसके बाद वह कार में सवार होकर अपने गंतव्य चली गईं।

पिता की याद में भावुक हो गईं रविना
महाशिवरात्रि पर रवीना टंडन गुपचुप तरीके से वाराणसी में घूमीं। घाटों पर जाकर उन्होंने जमकर फोटोग्राफी की। वहीं, रात के वक्त बोटिंग करते हुए सेल्फियां भी खींचीं। गंगा में आध्यात्मिकता को फील करते हुए रवीना टंडन ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर लिखा कि काशी... आखिरकार मैंने यहां पर उस शांति का ऐहसास किया, जिसे मैं हमेशा के लिए अपने दिल में सहेज कर रखूंगी।

'जन्मदिन और शिवरात्रि, आपको याद करने के लिए इससे अच्छी जगह नहीं'
स्वर्गीय पापा को याद करते हुए रवीना लिखती हैं कि आपके जन्मदिन और महाशिवरात्रि पर, मेरे लिए आपको स्मरण करने का इससे बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती। सांझ से भोर तक, हम पूरे टाइम काशी विश्वनाथ और आपके साथ हैं। यहां से आपको अलविदा कह रहीं हूं। आपको हमेशा प्यार ! जय शिव शंकर भोलेनाथ! हर हर महादेव ! हर हर गंगे। रवीना टंडन के पिता रवि टंडन की मौत पिछले साल 11 फरवरी को हुई थी। 17 फरवरी को रवि टंडन की पहली जयंती थी। इस दौरान रवीना ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर अपने पापा के साथ कुछ पुरानी तस्वीरें भी डालीं।

बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में महाशिवरात्रि की भव्य छटा देखने को मिली। पूरी काशी शिवमय हो गई। महाशिवरात्रि के महापर्व पर भगवान शिव की बारात निकली। इसमें शिव दूल्हा बने घोड़े पर सवार दिखे। दूसरी तरफ बारात में शामिल भूत, पिशाच, दानव, साधु-संन्यासी का अद्भुत रूप शिवभक्तों के आकर्षण का केंद्र रहा।
 

Share this story