ठाकुर जी की मूर्ति से लिपटकर रोए रामभद्राचार्य,  40 साल बाद आगरा के प्रेम निधि मंदिर पहुंचे 

ठाकुर जी की मूर्ति से लिपटकर रोए रामभद्राचार्य,  40 साल बाद आगरा के प्रेम निधि मंदिर पहुंचे

रामभद्राचार्य ठाकुरजी की भक्ति में ऐसे लीन हुए कि उनकी आंखों से आंसू निकल आए। ठाकुरजी की प्रतिमा से बोले, 'देखिए में आपसे मिलने आ गया। आपने हमें बुला ही लिया।' ठाकुरजी से गले मिलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

नाई की मंडी में प्राचीन प्रेम निधि परिवार का मंदिर है। मंदिर में श्याम बिहारी की प्रतिमा है। बताया गया है कि 40 साल पहले वर्ष 1983 में स्वामी रामभद्राचार्य महाराज इस मंदिर में आए थे। तब उन्होंने यहां पर राम कथा की थी। 

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

आगरा । जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज का ठाकुरजी के लिए प्रेम देखने को मिला। वह करीब 40 साल बाद नाई की मंडी स्थित प्रेम निधि मंदिर पहुंचे, तो ठाकुर जी की प्रतिमा को गले लगा लिया। इसके बाद वो ठाकुरजी की प्रतिमा से अपने मन की बात करने लगे।

रामभद्राचार्य ठाकुरजी की भक्ति में ऐसे लीन हुए कि उनकी आंखों से आंसू निकल आए। ठाकुरजी की प्रतिमा से बोले, 'देखिए में आपसे मिलने आ गया। आपने हमें बुला ही लिया।' ठाकुरजी से गले मिलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

नाई की मंडी में प्राचीन प्रेम निधि परिवार का मंदिर है। मंदिर में श्याम बिहारी की प्रतिमा है। बताया गया है कि 40 साल पहले वर्ष 1983 में स्वामी रामभद्राचार्य महाराज इस मंदिर में आए थे। तब उन्होंने यहां पर राम कथा की थी। रविवार सुबह रामभद्राचार्य महाराज फिर से मंदिर पहुंचे। मंदिर में पहुंचते ही उन्होंने ठाकुरजी की प्रतिमा को प्रणाम किया और उनके चरण स्पर्श किए।

दृश्य देख लोग हुए भाव विभोर

इसके बाद वो ठाकुरजी की प्रतिमा को स्पर्श करते हैं और उन्हें गले लगा लेते हैं। करीब एक मिनट तक वो प्रतिमा से लिपटे रहते हैं और उनसे बात करते रहते हैं। जगद्गुरु का ठाकुरजी के प्रति प्रेम देखकर मंदिर में मौजूद लोग भाव विभोर हो गए।

हर भक्त की आंखों में आंसू आ गए। इसके बाद रामभद्राचार्य महाराज ने ठाकुरजी की आरती की। स्वामीजी ने मंदिर के सेवायत हरीमोहन गोस्वामी से भी काफी देर तक बात की। सेवायत ने जगद्गुरु को मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं होने के बारे में बताया।

मंदिर के जीर्णोद्धार की अपील की
रामभद्राचार्य महाराज ने कथा के दौरान प्रेम निधि मंदिर के बारे में भक्तों को बताया। कहा कि मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं हो रहा है। मैंने वहां मंगला आरती की और सुबह ठाकुरजी के दर्शन किए। मुझे वहां भागवत की हस्तलिपि प्रति भी महसूस कराई गई। ये वही प्रति थी, जिससे पहले प्रेम निधि महाराज भागवत करते थे।

उन्होंने कहा कि अकबर के समय में प्रेम निधि ठाकुरजी की सेवा कर रहे थे, तो अकबर को किसी ने बताया कि इनके यहां सुंदर महिलाएं आती रहती हैं। अकबर ने उनको बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया। तब उन्हें पैगंबर साहब ने समझाया कि आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हो, तब अकबर ने उनसे क्षमा मांगी थी।

रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि मंदिर का जीर्णोद्धार अगर नवंबर तक होगा तो मैं दिसंबर में भागवत कथा यहीं सीता बाजार मैदान में सुनाऊंगा। इसके बाद सांसद रामशंकर कठेरिया ने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 50 लाख रुपए देने की घोषणा की।

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