लखनऊ में पुलिस और शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का प्रदर्शन:ईको गार्डन में 10 हजार छात्र पेपर लीक को लेकर लगा रहे नारे
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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
लखनऊ । राजधानी लखनऊ में पुलिस और शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का प्रदर्शन चल रहा है। पुलिस भर्ती को लेकर ईको गार्डन में 10 से 12 हजार अभ्यर्थी जुटे हैं। छात्र नारेबाजी कर रहे हैं। हाथों में तख्तियां हैं। इसमें तरह-तरह खिलाफ स्लोगन लिखे हैं। प्रदर्शन बढ़ता देख प्रशासन भी सतर्क हो गया है। पूरे गार्डन में PAC तैनात है।
दूसरी तरफ बीजेपी मुख्यालय के गेट पर 69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। दोपहर में भारी संख्या में छात्र गेट पर पहुंच गए। नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने उन्हें जबरन हटाया। इस दौरान पुलिस से अभ्यर्थियों की धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद पुलिस उन्हें जबरन गाड़ियों में भरकर ईको गार्डन भेजा।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया-Re-Exam, Re-Exam….
Re-Exam, Re-Exam….
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 23, 2024
बस एक बार सोच कर देखिए- 50 लाख से अधिक युवाओं ने फॉर्म भरा। ये प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा थी। 400रू का एक फॉर्म था। 48 लाख एडमिट कॉर्ड जारी हुए। और परीक्षा के पहले पेपर लीक हो गया। क्या बीत रही होगी बच्चों पर? उनके परिवारों पर?
ऐसा ही RO Exam… pic.twitter.com/xdx86zftRS
ईको गार्डन में पुलिस परीक्षा को लेकर 10 से 12 हजार छात्र जुट गए हैं।
छात्रों का कहना है कि जब तक पेपर रद्द नहीं होता है। तब तक हम यहीं डटे रहेंगे।
छात्रों को प्रदर्शन को देखते हुए ईको गार्डन में PAC तैनात कर दी गई है।
अभ्यर्थियों के हाथ में तख्तियां हैं। वो मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगा रहे थे।
प्रियंका गांधी ने कहा- सरकार सो रही
प्रियंका गांधी ने आगे लिखा- "बस एक बार सोच कर देखिए- 50 लाख से अधिक युवाओं ने फॉर्म भरा। ये प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा थी। 400 रुपए का एक फॉर्म था। 48 लाख एडमिट कॉर्ड जारी हुए। और परीक्षा के पहले पेपर लीक हो गया। क्या बीत रही होगी बच्चों पर? उनके परिवारों पर?
इको गार्डन पहुंचीं अपना दल (कमेरावादी) नेता पल्लवी पटेल ने कहा- ये प्रदेश के नौजवान, युवा के वर्तमान और भविष्य को खत्म करने की सरकार में बैठे लोगों की साजिश है। पिछले 7 साल के कार्यकाल में यह पहली घटना नहीं है। शुरुआता में कभी भी सरकार ने माना ही नहीं कि पेपर लीक हुआ है।
ऐसे ही जब प्रेशर पड़ा है तभी सरकार मानती है कि पेपर लीक हुआ है। पेपर लीक जैसी घटना से युवाओं का भविष्य खत्म हो रहा हैं। मैं यहां अभ्यर्थियों से मिली, और मैंने उनसे कहा कि मैं पूरी ताकत से सड़क से लेकर सदन तक उनकी मांगों का समर्थन करूंगी।"
अभ्यर्थी बोले- कइयों को एक दिन पहले ही पेपर मिल गए थे
ईको गार्डन में आए छात्रों का कहना है कि हम यहां से तभी जाएंगे। जब सरकार परीक्षा रद्द नहीं करती है। परीक्षा का पेपर पहले ही लीक हो चुका था। ऐसे में मार्किंग ठीक कैसे होगी? इस तरह से जो लोग काबिल नहीं हैं, वो भी सिलेक्ट होकर आएंगे।
अंबेडकरनगर के अश्वनी वर्मा ने कहा- कई अभ्यर्थियों के पास एक दिन पहले ही पेपर पहुंच गए थे। ऐसे हालात में हमारी मेहनत पर पानी फिर गया। यही कारण है कि अब परीक्षा रद्द कर दोबारा से परीक्षा कराने की मांग की जा रही है।
48 लाख छात्रों ने किया था आवेदन
पुलिस भर्ती परीक्षा 17 और 18 जनवरी को यूपी के 75 जिले में हुई थी। 60244 पदों पर होने वाली सीधी भर्ती के लिए 48 लाख बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। 2 दिन यानी 17-18 फरवरी को 4 शिफ्ट में एग्जाम हुए। इस दौरान 244 सॉल्वर पकड़े गए।
BJP मुख्यालय पर शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों की पुलिस से धक्का-मुक्की: बोले- चाहे गिरफ्तार कर लो, मगर हमें नौकरी दो
लखनऊ में बीजेपी मुख्यालय के गेट पर शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन हुआ। 12 बजे अचानक 69000 शिक्षक भर्ती 6800 आरक्षित चयनित अभ्यार्थी बीजेपी मुख्यालय पर पहुंचे गए। इसके बाद नारेबाजी शुरू कर दी। छात्रों का प्रदर्शन देखकर पुलिसवाले सकते में हैं। आनन-फानन में भारी संख्या में फोर्स मंगाई गई।
पुलिसकर्मी अभ्यर्थियों को हटाने शुरू किए। मगर अभ्यर्थी अड़ गए। अभ्यर्थियों ने कहा कि भले ही हमें गिरफ्तार कर लो, लेकिन हमारे नियुक्ति पत्र दे दीजिए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें जबरन हटाया। इस दौरान पुलिस से अभ्यर्थियों की धक्का-मुक्की हुई। उन्हें जबरन गाड़ियों में भरकर हिरासत में लिया गया। अब उन्हें ईको गार्डन ले जाया जा रहा है।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि हमारे साथ अभद्रता की गई।
(लड़कियां सड़क पर लेट गई। उन्हें उठाकर पुलिस ने वैन में डाला।)
69000 भर्ती निकली तो कटऑफ को लेकर विवाद हो गया
6 जनवरी 2019, योगी सरकार ने 69 हजार पदों को भरने के लिए भर्ती निकाली। इस भर्ती में जनरल का कटऑफ 67.11% था। ओबीसी वर्ग का कटऑफ 66.73% था। लेकिन ओबीसी वर्ग के जो अभ्यर्थी जनरल के कटऑफ के ऊपर थे उन्हें भी ओबीसी आरक्षण कोटे का हिस्सा माना गया। जबकि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 कहती है, अगर ओबीसी वर्ग का अभ्यर्थी जनरल कटऑफ से अधिक नंबर पाता है तो उसे जनरल कोटे में नौकरी मिलेगी न कि ओबीसी कोटे से।
अभ्यर्थियों का दावा है कि इस भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण के बजाय महज 3.86% ही आरक्षण मिला। जिन 31 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिली है उसमें करीब 29 हजार लोग ऐसे थे जो जनरल कोटे की सीट पाने के हकदार थे। अभ्यर्थियों का दावा यह भी है कि एससी वर्ग में भी 21% के बजाय 16.6% ही आरक्षण मिला है। इस पूरी भर्ती में 19 हजार सीटों का हेरफेर हुआ है। पिछड़ा आयोग ने भी भर्ती में घोटाले की बात मानी है।