पीएम 23 फरवरी को अमूल बनास डेयरी का करेंगे शुभारंभ

पीएम 23 फरवरी को अमूल बनास डेयरी का करेंगे शुभारंभ
वाराणसी अमूल प्लांट के निदेशक शंकर चौधरी ने बताया कि बनास काशी संकुल 30 एकड़ में फैला हुआ है। यह 8 LLPD (लाख लीटर प्रति दिन) का दूध प्रोसेसिंग संयंत्र है। इस परियोजना को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के साथ 622 करोड़ रुपए की कुल लागत में स्थापित किया गया है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिंडरा में 23 फरवरी को अमूल बनास डेयरी प्लांट का लोकार्पण करेंगे। यह पूर्वांचल के किसानों को पीएम की सौगात होगी। पहले वे अमूल के इस प्लांट का निरीक्षण करेंगे और उसके बाद बटन दबाकर प्लांट का श्रीगणेश करेंगे।

पीएम मोदी के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी मौजूद रहेंगी। इसके अलावा वाराणसी समेत पूर्वांचल के एक लाख से अधिक गोपालक, किसानों की मौजूदगी रहेगी।

वाराणसी अमूल प्लांट के निदेशक शंकर चौधरी ने बताया कि बनास काशी संकुल 30 एकड़ में फैला हुआ है। यह 8 LLPD (लाख लीटर प्रति दिन) का दूध प्रोसेसिंग संयंत्र है। इस परियोजना को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के साथ 622 करोड़ रुपए की कुल लागत में स्थापित किया गया है।

सस्टेनेबिलिटी की दिशा में प्रयास करते हुऐ इस प्लांट मे 4 LLPD का ETP और 1 MW का रूफटॉप सोलर प्लांट भी स्थापित किया गया है।

वाराणसी में बनास अमूल प्लांट करखियांव की उत्पादन क्षमता की जानकारी देते निदेशेक शंकर चौधरी। साथ में मंत्री अनिल राजभर, पूर्व मंत्री और विधायक डा. नीलकंठ तिवारी एवं अन्य विधायक गण

(वाराणसी में बनास अमूल प्लांट करखियांव की उत्पादन क्षमता की जानकारी देते निदेशेक शंकर चौधरी। साथ में मंत्री अनिल राजभर, पूर्व मंत्री और विधायक डा. नीलकंठ तिवारी एवं अन्य विधायक गण)

उन्होंने बताया कि अमूल बनास डेयरी के साथ से पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति का आगाज हो जाएगा। परियोजना को 2 साल में पूरा किया गया है। बनास डेरी का दूध का कारोबार यूपी के 47 जिलों (पूर्वांचल के 7 जिले) के 4,600 गांवों में फैला हुआ है। यहां पर दूध संग्रहण अगले साल तक 70 जिलों के 7,000 गांवों तक विस्तारित हो जाएगा, जिसमें पूर्वाचल में 15 नए जिलों का विस्तार भी शामिल है।

बनारस डेयरी करखियांव वाराणसी।

(बनारस डेयरी करखियांव वाराणसी।)

पूर्वांचल में 600 से ज्यादा समितियां चालू हैं। 1,300 से ज्यादा बन चुकी हैं और जो वर्ष के आखिर तक बढ़कर 2,600 समितियां हो जांएगी।

इस कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, पूर्व मंत्री एवं विधायक डा. नीलकंठ तिवारी, विधायक अवधेश सिंह, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, जिलाध्यक्ष एवं एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा मौजूद रहे।

प्लांट भ्रमण के दौरान जानकारी देते निदेशक शंकर चौधरी।

(प्लांट भ्रमण के दौरान जानकारी देते निदेशक शंकर चौधरी।)

अभी यूपी में 3.5 लाख दूध उत्पादक

बनास डेयरी के निदेशक शंकर चौधरी ने बताया कि प्रदेश में 3.5 लाख दूध उत्पादकों के साथ काम कर रही है। इनमें 58 हजार दूध उत्पादक वाराणसी समेत पूर्वांचल के हैं। बनास डेरी यूपी में 2 लाख अतिरिक्त दुग्ध उत्पादक परिवारों को जोड़ेगी। जिनमें से 1 लाख पूर्वांचल और वाराणसी के अन्य जिलों से आएंगे।

खुशीपुर, चोलापुर, मिर्ज़ापुर, गाजीपुर और दूबेपुर में 5 चिलिंग सेंटर हैं और अगले महीने 8 चालू हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश से 19 लाख लीटर प्रतिदिन से अधिक दूध एकत्रित किया जा रहा है। औसतन 3 लाख लीटर प्रतिदिन दूध पूर्वांचल और वाराणसी से आ रहा है, जो दिसंबर तक 25 लाख लीटर हो जाएगा। इसमें 7 लाख लीटर वाराणसी और पूर्वांचल की भागीदारी होगी।

बनास डेयरी प्लांट के भीतर कर्मचारी।

(बनास डेयरी प्लांट के भीतर कर्मचारी।)

बनारसी मिठाई को मिलेगी पहचान

वाराणसी की प्रसिद्ध मिठाईयां लौंगलता और काशी का लाल पेड़ा शामिल है, जिसका संयंत्र में स्वचालन के साथ स्वच्छतापूर्वक निर्माण किया जाएगा। बनारस के उत्पादों को अमूल ब्रांड के तहत राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाया जाएगा। संयंत्र से विभिन्न मिठाइयों को बेहतर शेल्फ-लाइफ, ताजगी और उपभोक्ता सुविधा के लिए सिंगल सर्व पैक में भी बनाया जा रहा है।

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