वाराणसी लोकसभा सीट से PM नरेंद्र मोदी भाजपा के उम्मीदवार:चंदौली से महेंद्रनाथ पांडेय, आजमगढ़ से निरहुआ और जौनपुर से पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह

pm modi

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

वाराणसी। काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर एक बार वाराणसी से ही चुनाव लड़ेंगे। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने तीसरी बार नरेंद्र मोदी को वाराणसी से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है। वाराणसी से चुनाव कमेटी ने अंतिम सूची में केवल प्रधानमंत्री का नाम ही केंद्रीय नेतृत्व को भेजा था। नरेंद्र मोदी को तीसरी बार उम्मीदवार बनाये जाने के बाद काशी में कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। बता दें कल ही उम्मीदवारों के चयन को लेकर बीजेपी हेडक्वॉर्टर में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई थी।

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मिशन 2024 में 400 सीटों के लक्ष्य में जुटी ने पूर्वांचल की पांच प्रमुख सीटों की घोषणा की। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय, जौनपुर से कृपाशंकर सिंह, आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ, लालगंज सीट से नीलम सोनकर के नाम की घोषणा की गई है। शनिवार को भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने चुनाव समिति के साथ 195 लोगों की सूची जारी की। जिसमें नरेंद्र मोदी के नाम की घोषणा की गई है। इन सीटों में वाराणसी, आजमगढ़ और चंदौली पर पहले से ही भाजपा का कब्जा है।

वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा उम्मीदवार बनाये जाने के बाद कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न

वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा उम्मीदवार बनाये जाने के बाद कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न

वाराणसी में कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न

पीएम मोदी को तीसरी बार लोकसभा उम्मीदवार बनाये जाने के बाद वाराणसी में जगह-जगह कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। मिठाई खिलाकर एक दूसरे को बधाई दी और पटाखे भी फोड़े। अबीर-गुलाल लगा कर घोषणा का स्वागत किया गया।

वाराणसी लोकसभा पर देशभर की नजर

वाराणसी सीट के चुनावी समीकरण पर पूरे देश की नजर है। वाराणसी में 18वीं लोकसभा के लिए 2024 में चुनाव होगा। काशी के सियासी समीकरण भी बेहद दिलचस्प है, यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पहली बार नामांकन किया था।

वाराणसी सीट से बीजेपी के कई दिग्गज सांसद रह चुके हैं, लेकिन पीएम मोदी के एंट्री के बाद से यहां का चुनाव काफी दिलचस्प रहा है। साल 2014 में आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े थे, और दूसरे नंबर पर रहे। कांग्रेस के अजय राय तीसरे और बसपा चौथे नंबर पर रही। पीएम मोदी को इस चुनाव में 32.89 फ़ीसदी वोट मिले. जबकि केजरीवाल को सिर्फ 11.85 फ़ीसद वोट मिले।

2019 में ये रहा था चुनावी परिणाम

2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। सपा और बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को से भी कहीं ज़्यादा 6,74,664 वोट मिले और वोट फीसद 63.6% रहा। गठबंधन की प्रत्याशी सपा के सिंबल पर लड़ने वाली शालिनी यादव दूसरे नंबर पर रही, उन्हें कुल 1,95,159 वोट मिले और वोट 18.4% रहा। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के अजय राय रहे, उन्हें 14.38% वोट के साथ कुल 1,52,548 मत मिले।

इस सीट पर अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं और जिनमें से सात बार यहां कांग्रेस को जीत मिली और सात बार ही बीजेपी ने लोकसभा सीट पर कब्जा जमाया है। कुर्मी और ओबीसी जाति बाहुल्य सीट पर किसी भी दल की जीत में अहम भूमिका इस वर्ग की रहती है। इसके साथ ही ब्राह्मण, भूमिहार, वैश्य और मुस्लिम मतदाताओं की निर्णायक भूमिका में रहते हैं। शालिनी यादव इस समय भाजपा में शामिल हो चुकी हैं।

चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय को भी तीसरी बार टिकट

वाराणसी लोकसभा सीट के बगल चंदौली सीट से केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय को भी तीसरी बार भाजपा ने टिकट दिया है। इससे पहले उन्होने साल 2014 और 2019 में चंदौली सीट से जीत दर्ज की थी। 2019 में महेंद्र नाथ पांडेय ने सपा के संजय चौहान को 13959 मतों से हराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने 16 साल बाद इस सीट से भाजपा को जीत दिलाई थी। इस चुनाव मेंमहेंद्र नाथ पांडेय को 4 लाख 14 हजार 135 वोट मिले थे। उन्होंने बसपा प्रत्याशी अनिल कुमार मौर्या को एक लाख 56 हजार 756 वोट के भारी अंतर से हराया था।

कृपाशंकर सिंह जौनपुर से उम्मीदवार

जौनपुर लोकसभा सीट से भाजपा ने कृपाशंकर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। कृपाशंकर सिंह एक दशक पहले महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार में गृहमंत्री थे। 2021 में वो भाजपा में शामिल हो गए। जौनपुर के तेजीबाजार इलाके के रहने वाले कृपाशंकर जिले से पहला चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले वो महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय रहेंगे।

2019 में जौनपुर लोकसभा सीट से भाजपा को हार मिली थी। भाजपा के केपी सिंह को सपा -बसपा गठबंधन के उम्मीदवार श्याम सिंह यादव ने हराया था। इस चुनाव में श्याम सिंह यादव ने बीजेपी उम्मीदवार केपी सिंह को 80754 मतों से पराजित किया था। श्याम सिंह यादव को कुल 520046 मत जबकि केपी सिंह को 439292 मत मिले थे।

आजमगढ़ लोकसभा सीट से निरहुआ को मौैका

आजमगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ 2022 के लोकसभा उप चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव से चुनाव जीते थे। दिनेश लाल यादव 2019 में भी अखिलेश यादव के सामने मैदान में आए थे, हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब ऐसे में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने दिनेश लाल यादव निरहुआ पर अपना भरोसा जताया है। 2019 में आजमगढ़ सीट सपा प्रमुख अध्यक्ष यादव ने जीत दर्ज की थी। उन्होने भाजपा के दिनेश लाल यादव को 2,59951 वोटों से मात दी थी। सपा प्रत्याशी अखिलेश यादव को 620889 वोट जबकि भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' को 360898 वोट मिले थे। अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद उपचुनाव में भाजपा के निरहुआ सपा के धर्मेंद्र यादव को हराकर चुनाव जीता था।

लालगंज से नीलम सोनकर लड़ेंगी चुनाव

लालगंज लोकसभा सीट पर 2019 में बसपा की संगीता आजाद ने चुनाव जीता था। भाजपा की नीलम सोनकर को हार मिली थी। सपा बसपा गठबंधन की प्रत्‍याशी संगीता आजाद को 5,18,820 वोट जबकि भाजपा की नीलम सोनकर को 3,57,223 मत मिले थे। संगीता आजाद ने भाजपा की प्रत्याशी नीलम सोनकर को 1,61,597 मतों से हराया था। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में नीलम सोनकर इस सीट से सांसद चुनीं गईं थीं।

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