विधायक नीलकंठ तिवारी बोले- संस्कृत के प्रति समर्पित हैं पीएम मोदी

विधायक नीलकंठ तिवारी बोले- संस्कृत के प्रति समर्पित हैं पीएम मोदी

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

वाराणसी । अपने संस्कारों व पूर्वजों का ज्ञान होना आवश्यक है। इसके लिए गोत्र व प्रवर इत्यादि विधाओं का ज्ञान होना जरूरी है। जो सीखने के लिए संस्कृत भाषा सबसे सरल और उत्तम मार्ग है। अतः इसकी सेवा भाव जरूरी है।

दशाश्वमेध घाट पर गुरुवार को शास्त्रार्थ महाविद्यालय (दशाश्वमेध) के 80वें स्थापनोत्सव के समापन व पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें में मुख्य अतिथि पूर्व राज्यमंत्री व विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री भी संस्कृत के प्रति काफी समर्पित हैं। सदैव इसके उत्थान में लगे रहते हैं। यही वजह है कि आज इतने बड़े स्तर पर काशी ज्ञान संस्कृत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

छात्रों को पुरस्कृत करते हुए डॉ. नीलकंठ तिवारी

छात्रों को पुरस्कृत करते हुए डॉ. नीलकंठ तिवारी

बटुकों ने किया मंगलाचरण पाठ

इस प्रकार के वृहद कार्यक्रम सरकार द्वारा संस्कृत के क्षेत्र में किए जाएंगे। स्वागत भाषण करते हुए राष्ट्रपति पुरस्कृत पूर्व प्राचार्य डॉ. गणेश दत्त शास्त्री ने बताया कि यह संस्था सदैव संस्कृत के छात्रों के उत्तरोत्तर विकास के लिए प्रतिबद्ध रही है। भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन कर विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा निखारने के अवसर प्रदान किया जाएगा। प्रारम्भ में पंडित विकास दीक्षित के आचार्यत्व में बटुकों व छात्राओं ने मंगलाचरण का पाठ किया।

इसके बाद संस्कृत क्रिकेट मैच, सम्भाषण व श्लोक अन्त्याक्षरी में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार व प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। अम्पायर की भूमिका निभा रहे धीरज मिश्र व संजीव तिवारी को स्मृति चिह्न व अंगवस्त्र प्रदान कर अभिनंदन किया गया।

बटुकों एवं शिक्षक

बटुकों एवं शिक्षक

51 प्रतिभागियों को मिला पुरस्कार

अध्यक्षता काशी पंडित सभा के मंत्री संस्कृत के उद्घाटन डॉ. विनोद राव पाठक ने किया। विशिष्ट अतिथि पूर्व चिकित्साधिकारी डॉ. सारनाथ पाण्डेय ने पुरस्कार प्राप्त न कर पाने वाले बच्चों को आगे और मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया। सारस्वत अतिथि टीकमणि डिग्री कालेज के विभागध्यक्ष डॉ. आमोद दत्त शास्त्री, डा. सुरेश चंद्र उपाध्याय व डॉ. गोविंद मिश्र थे।

जिन्होंने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया। संचालन संस्था के प्राचार्य डॉ. पवन कुमार शुक्ल व धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक डॉ. अशोक पाण्डेय ने दिया। इस अवसर पर 51 प्रतिभागियों को पुरस्कार व प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। अन्य प्रमुख लोगों में दिलीप तुलस्यानी, रमेश तिवारी व अशेष नारायण द्विवेदी आदि शामिल थे।

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