लोक संस्कृति की घरोहर को दिखाकार विदा हो गया मुनाल महोत्सव

लोक संस्कृति की घरोहर को दिखाकार विदा हो गया मुनाल महोत्सव

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

लखनऊ । लखनपुरी के गोमती तट स्थित पंडित गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में चल रहे लोक संस्कृति की धरोहर मुनाल कार्यक्रम प्रमाण वितरण के साथ विदा हो गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।

शाम को हुई सांस्कृतिक संध्या में भरतनाट्यम नृत्यांगना लवली घिल्डियाल व कथक नृत्यांगना आरती शुक्ला दीक्षित ने नृत्य प्रस्तुत किए। वरिष्ठ लोक गायिका ऋचा जोशी के साथ देवेश्वरी पवार गीता शुक्ला, हर्षिता चतुर्वेदी ने सामूहिक अवधी भोजपुरी, गढ़वाली, राजस्थानी, पंजाबी गीत प्रस्तुत किया।

गायिका ऋचा जोशी ने सूफी गीत ’दमा दम मस्त कलंदर के साथ ’ऊंचा ऊंचा पहाड़....’ गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों ने गढ़वाली नृत्य प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन मेनका श्रीवास्तव व मोहन बिष्ट ने किया। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक मुनालश्री विक्रम बिष्ट व आकांक्षा आनंद थे।

प्रदेश में लुप्त हो रही लोक संस्कृति के संवर्धन संरक्षण में राजू भैंसोंड़ा के निर्देशन में गढ़वाली नृत्य को दमयंती नेगी, राधा, सुशीला नेगी, मधु नेगी कलाकारों ने प्रस्तुत किया। इसके अलावा महोत्सव में हुई विभिन्न आयु वर्ग की प्रतियोगिताओं में मिस्टर, मिस एंड मिसेज का फिनाले हुआ। महोत्सव के दौरान कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले प्रेम सिंह बिष्ट नीलम जोशी, हेमा डोबरियाल, आशू नौटियाल, राजू भैंसोंड़ा व कलाकारों को प्रतीक चिन्ह दिए गए।

महोत्सव स्थल पर भारत के विभिन्न प्रांतों की लोक संस्कृति के साथ भारतीय हस्तशिल्प के स्टॉल खानपान झूले आदि लगे हैं। उत्तराखंड का खानपान, बाल मिठाई सब को बहुत पसंद आ रहे थे।

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