मुख्तार अंसारी को दूसरी बार उम्रकैद की सजा, 17 महीने में 8वीं सजा

मुख्तार अंसारी को दूसरी बार उम्रकैद की सजा, 17 महीने में 8वीं सजा

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

वाराणसी । MP/MLA कोर्ट ने बुधवार को माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही 2 लाख 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। मुख्तार बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट की कार्रवाई से जुड़ा था। कोर्ट ने मंगलवार को 1987 में फर्जी हस्ताक्षर कर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में मुख्तार को दोषी करार दिया था।

मुख्तार को यह दूसरी उम्रकैद की सजा है। इससे पहले, 5 जून 2023 को अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार को उम्रकैद हुई थी। मुख्तार को पहली सजा 23 सितंबर 2022 को हुई थी। इस हिसाब से 17 महीने के अंदर मुख्तार को यह 8वीं सजा है।

फिलहाल, इंटरस्टेट गैंग 191 का सरगना मुख्तार 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में बंद है। उसके खिलाफ यूपी, दिल्ली, पंजाब में 65 मुकदमे दर्ज हैं।

यह फोटो 7 अप्रैल 2021 की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुख्तार को पंजाब के रोपड़ जेल से यूपी के बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था।

(यह फोटो 7 अप्रैल 2021 की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुख्तार को पंजाब के रोपड़ जेल से यूपी के बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था।)

सुनवाई के दौरान प्रोसिक्यूशन ऑफिसर उदय राज शुक्ल और ADGC विनय कुमार सिंह ने दलील दी कि मुख्तार ने लंबे समय तक शस्त्र का उपयोग किया था। मुख्तार के खिलाफ कोर्ट में अब तक 10 गवाही हुई है। पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और पूर्व DGP देवराज नागर की गवाही को कोर्ट ने आधार माना और मुख्तार को दोषी पाया।

 पढ़िए पूरा मामला...

CBCID ने दाखिल की चार्जशीट
मुख्तार के खिलाफ 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट के ऑफिस में प्रार्थना पत्र दिया था। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से उसने शस्त्र लाइसेंस लिया था। ​​​​​केस में CBCID ने 4 दिसंबर 1990 को गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत 5 नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

तत्कालीन ऑर्डिनेंस क्लर्क गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के खिलाफ 1997 में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया। सुनवाई के दौरान 18 अगस्त 2021 को गौरीशंकर श्रीवास्तव का निधन हो गया। इसके बाद उनका नाम केस से हटा दिया गया।

21 नवंबर 2022 को शुरू हुआ सजा का सिलसिला

यह फुटेज 15 दिसंबर, 2022 की है, जब जेल से निकलते समय मुख्तार ने वहां मौजूद लोगों को सलाम किया था।

(यह फुटेज 15 दिसंबर, 2022 की है, जब जेल से निकलते समय मुख्तार ने वहां मौजूद लोगों को सलाम किया था।)

मुख्तार के खिलाफ सजा का सिलसिला 21 नवंबर, 2022 को शुरू हुआ था। लखनऊ के आलमबाग थाने में 2003 में जेलर को धमकाने के मामले में ADJ कोर्ट ने दोषमुक्त किया। सरकार ने 27 अप्रैल, 2021 को हाईकोर्ट में मामले को चुनौती दी। इसी मामले में उसे पहली बार 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।

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