मित्र जी ने नाटकों में समाज की विसंगतियों को दर्शायाः डॉ. सुधाकर अदीब 

 मित्र जी ने नाटकों में समाज की विसंगतियों को दर्शायाः डॉ. सुधाकर अदीब 

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 

लखनऊ। इस वर्ष-2023 का मित्र स्मृति अवधी सम्मान लखीमपुर खीरी निवासी वरिष्ठ साहित्यकार पं. सत्यधर शुक्ल को प्रदान किया गया,। उन्हें यह पुरस्कार गुरूवार को प्रेस क्लब में आयोजित समारोह में दिया गया। पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार की धनराशि, स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र भेंट किये गए। समारोह का आयोजन लक्ष्मण प्रसाद मित्र सेवा संस्थान की ओर से किया गया।

समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं उ.प्र. हिन्दी संस्थाान के निदेशक रहे डॉ. सुधाकर अदीब ने मित्र जी के नाटकों की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने अवधी और खड़ी बोली में पन्द्रह नाटक और एकांकी लिखे हैं, जिनमें समकालीन समाज की विसंगतियों को बहुत सलीके से दर्शाया गया है।

वरिष्ठ साहित्यकार विजय प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि आधुनिक अवधी की गौरवशाली परम्परा में लक्ष्मण प्रसाद मित्र का नाम अग्रगण्य है। वे मूलतः ग्राम्य संस्कृति और श्रम संस्कृति के वाहक हैं।

डॉ. संतलाल ने मित्र को अवधी लोक जीवन का कुशल चितेरा बताते हुए मित्र साहित्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर समालोचक डॉ. विनयदास, रवीन्द्र प्रभात, आराध्य शुक्ल आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मित्र की पुत्री मनोरमा साहू ने उनसे जुड़े संस्मरण सुनाये।

इससे पहले अवधी साहित्यकार डॉ. रामबहादुर मिश्र ने मित्र पर दिए जाने वाले पुरस्कार के बारे में बताया और आए साहित्यकारों का स्वागत किया। संस्था के अध्यक्ष अजय साहू ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम का संचालन प्रदीप सारंग ने किया। एस. के. गोपाल ने पुरस्कृत साहित्यकार के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा की। कार्यक्रम में सर्वश्री अर्जुन पाण्डेय, डा. शोभा मिश्रा, डा. विन्ध्यमणि, अनिल मिश्रा, कुमार तरल, विष्णु शर्मा, अरुण तिवारी, रजत वर्मा, राकेश गुप्ता, अशोक साहू, धर्मेन्द्र गुप्ता, निहारिका साहू, विद्या साहू, प्रीति साहू, अवध भारती संस्थान के उपाध्यक्ष पप्पू अवस्थी आदि की प्रमुख उपस्थिति रही।
 

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