कोर्ट-कचहरी शिफ्टिंग के विरोध में वकीलों का हड़ताल जारी:वाराणसी में समर सिंह की जमानत पर सुनवाई टली; 17 मई मिली नई तारीख

कोर्ट-कचहरी शिफ्टिंग के विरोध में वकीलों का हड़ताल जारी:वाराणसी में समर सिंह की जमानत पर सुनवाई टली; 17 मई मिली नई तारीख

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

वाराणसी । कोर्ट-कचहरी को शहर से दूर शिफ्ट करने के विरोध में आज दूसरे दिन भी वकीलों का हड़ताल जारी है। वाराणसी जिला न्यायालय को शहर से 12 किलोमीटर दूर चौबेपुर रोड स्थित संदहा ले जाने के प्रस्ताव का तीखा विरोध किया जा रहा है। इसकी वजह से भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री आकांक्षा दुबे के आत्महत्या प्रकरण से जुड़े समर सिंह की जमानत पर भी सुनवाई टल गई।

वाराणसी के जिला और सत्र न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में समर सिंह के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होनी थी। शिफ्टिंग के विरोध की वजह से आज वाराणसी के कचहरी में वकील हड़ताल पर हैं। अब समर सिंह के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई 17 मई को होगी।

वाराणसी जिला प्रशासन के पोर्टिगो में विरोध-प्रदर्शन करते वकील।

वाराणसी जिला प्रशासन के पोर्टिगो में विरोध-प्रदर्शन करते वकील।

RTI में शिफ्ट करने की जानकरी नहीं

वाराणसी में कचहरी स्थित न्यायालय को हटाने के विरोध में सोमवार से ही विरोध प्रदर्शन चल रहा है। वकीलों ने आज भी कोर्ट कार्यवाही बंद कर दी है। जिला अधिकारी पोर्टिको में जिला प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ दो दिन से अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। वकीलों का कहना है कि पिछले साल RTI द्वारा मांगी गई सूचना के अनुसार, शासन-प्रशासन के पास कचहरी शिफ्ट करने का कोई ऑफिशियल ऑर्डर नहीं है। वहीं, द सेंट्रल बार एसोसिएशन बनारस द्वारा जिला जज को एक लेटर भी भेजा गया है। आरोप है कि जिला प्रशासन अब न्यायालय को कचहरी के बजाय संदहा में शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है। वकीलों ने कहा कि कचहरी को इस तरह से कहीं और शिफ्ट नहीं किया जा सकता। ​

20.59 हेक्टेयर जमीन चिह्नित

जिला प्रशासन द्वारा गाजीपुर-चौबेपुर मार्ग पर 20.59 हेक्टेयर जमीन चिह्नित करने की बात सामने आ रही है। जिला न्यायालय को शहर से बाहर करने की पूरी तैयारी हो चुकी है। यहां पर कोर्ट की नई बिल्डिंग योजनाबद्ध तरीके से बनाई जाएगी। द सेंट्रल बार एसोसिएशन बनारस द्वारा वाराणसी जिला जज को भी एक लेटर लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि आज द सेंट्रल बार एसोसिएशन बनारस की आपात बैठक बुलाकर इस मसले पर चर्चा की गई। बैठक में वकीलों के आक्रोश को देखते हुए न्यायालय के कार्याें से विरत रहेंगे। सदस्यों ने कहा कि प्रस्ताव की भावनाओं को देखते हुए अपना सहयोग प्रदान करें। अपने अधीनस्थ और सभी न्यायिक अधिकारियों को भी इस प्रस्ताव से अवगत कराएं।

Share this story