कबीरमठ के महंत को जेल, आश्रम पर कब्जा की कोशिश:विचारदास ने समर्थकों संग ठोका दावा

कबीरमठ के महंत को जेल, आश्रम पर कब्जा की कोशिश:विचारदास ने समर्थकों संग ठोका दावा

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

वाराणसी । कबीरमठ मूलगादी के मुख्य महंत के जेल जाने के बाद मगहर आश्रम के महंत विचारदास ने समर्थकों के साथ मठ पर कब्जे की कोशिश की। समर्थकों ने आश्रम गेट में घुसकर सभी स्थलों पर डेरा जमा लिया तो दर्शन के बहाने घुसकर महंत की मूलगद्दी पर बैठने का प्रयास किया।

मंगलवार को सैकड़ों समर्थक गेट और गली में खड़े हो गए और आश्रम की ओर जाने वालों को लौटा दिया। मठ पर कब्जे की सूचना पार स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची, ADCP-ACP आला अधिकारियों ने महंत और मठ के उत्तराधिकारी को बुलाकर दोनों को समझाया। महंत के जेल से ना छूटने तक किसी भी नए व्यक्ति के आश्रम में प्रवेश पर रोक लगा दी।

मठ पर कब्जे की सूचना के बाद पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। किसी नए व्यक्ति को मठ के अंदर प्रवेश पर रोक दिया।

(मठ पर कब्जे की सूचना के बाद पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। किसी नए व्यक्ति को मठ के अंदर प्रवेश पर रोक दिया।)

मंगलवार को मगहर आश्रम से जुड़े महंत विचारदास अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ वाराणसी कबीरचौरा पहुंचे। मंदिर में दर्शन करने की बात कहकर गेट खुलवाया और फिर कुछ समर्थकों के साथ अंदर पहुंच गए। वाहनों और सड़क पर कई समर्थक खड़े रहे।

अंदर पहुंचकर पहले कबीर स्थल के दर्शन किए और फिर मुख्य महंत के कक्ष की मूलगद्दी पर बैठने की कोशिश की। उनको ऐसा करते देखकर आश्रम के अन्य शिष्यों ने रोका तो विचारदास ने नाराजगी जताई। दावा किया कि मुख्य महंत के जेल जाने के बाद उन्हें ही गद्दी पर बैठने का अधिकार है।

शिष्यों ने मूलगादी के उत्तराधिकारी प्रमोददास को सूचना दी और इसके बाद विचारदास को कक्ष से बाहर लाया गया। बाहर आकर विचारदास ने मठ पर स्वामित्व की बात कही और समर्थकों के साथ अब आश्रम में डेरा जमाने का दावा किया।

वाराणसी के कबीरचौरा पर समर्थकों संग कब्जा करने पहुंचे कथित महंत विचारदास।

(वाराणसी के कबीरचौरा पर समर्थकों संग कब्जा करने पहुंचे कथित महंत विचारदास।)

मठ से जुड़े लोगों ने पहले चेतगंज पुलिस और फिर यूपी 112 पर सूचना दी, जिसके बाद पहुंची पुलिस का रवैया ढुलमुल रहा। महंतगद्दी पर बैठने की जिद पर अड़े विचारदास पर कार्रवाई की जगह पुलिस मामले में समझौत कराती नजर आई। हालांकि इसके बाद आश्रम के उत्तराधिकारी प्रमोद दास ने आला अधिकारियों को अवगत कराया।

मामले की जानकारी पर एसीपी चेतगंज नीतू सिंह ने दोनों महंतों को बुलाया और दस्तावेज पेश करने की बात कही। दो घंटे तक चली बैठक में तय हुआ कि मुख्य महंत विवेकदास के जेल से छूटने तक मठ पर कोई भी स्वामित्व नहीं जताएगा। इसके अलावा मठ के अंदर किसी भी नए व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मठ के वर्तमान उत्तराधिकारी प्रमोद दास अपने साथियों के साथ कबीरचौरा मठ में रहेंगे।

पहले जानिए महंत विवेकदास के जेल जाने का घटनाक्रम...

कबीर मठ के महंत विवेक दास को पांच दिन पहले महिला से अश्लीलता करने के मामले में विशेष कोर्ट के जज ने जेल भेज दिया था। SC/ST कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने महंत के खिलाफ दर्ज परिवाद दर्ज था, जिसकी अग्रिम जमानत और नई जमानत याचिका को खारिज कर जेल भेज दिया था। महंत अभी जेल में हैं हालांकि फिर से रिहाई का प्रयास जारी है।

कबीरमठ पर पुलिस को दस्तावेज दिखाते उत्तराधिकारी प्रमोददास।

(कबीरमठ पर पुलिस को दस्तावेज दिखाते उत्तराधिकारी प्रमोददास।)

वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायालय के SC/ST कोर्ट में जज अनिल कुमार पंचम की कोर्ट में शिवपुर की निवासी महिला ने परिवाद दायर किया था। 7 मार्च 2022 में दाखिल परिवार में महिला ने कबीर मठ के महंत विवेक दास पर अश्लीलता का आरोप लगाया था।

बताया था कि वह कबीरचौरा मठ में गई थी। महंत ने साथियों की मौजूदगी में अश्लील टिप्पणियां की। SC/ST कोर्ट ने वारंट जारी करते हुए महंत को तलब किया। लेकिन उसकी याचिका पर अग्रिम जमानत दे दी। 3 मार्च को अग्रिम जमानत अवधि समाप्त होने के साथ महंत विवेक दास कोर्ट में पहुंचे और जमानत याचिका दायर की।

उन्होंने बीमारी और हार्ट सर्जरी के चलते जमानत की गुहार लगाई, हालांकि जज अनिल कुमार पंचम ने याचिका को रद्द करते हुए जमानत खारिज कर दी। कड़ी सुरक्षा के बीच महंत को जिला कारागार में निरुद्ध किया गया। कबीर चौरा मठ पर श्री सद्गुरु कबीर मंदिर सोसाइटी रजिस्टर्ड संस्था है। संस्था की समिति उसका संचालन करती है और विवेकदास 1993 में इसके 23वें आचार्य बनाए गए थे।

उत्तराधिकारी ने बताया जमीन कब्जाने का षडयंत्र

कबीर मठ मूलगादी कबीरचौरा के महंत विवेक दास के खिलाफ दर्ज परिवाद और महंत को जेल जाने पर अनुयायियों में रोष है। कबीर मठ मूलगादी के उत्तराधिकारी प्रमोद दास ने बताया कि महिला का आरोप पूरी तरह से मनगढंत है। उसने फर्जी मामला पेश किया है।

दरअसल पूरा विवाद अश्लीलता नहीं बल्कि जमीन और मठ की संपत्ति पर कब्जे का है। आश्रम से जुड़े कथित महंत विचारदास फर्जी दस्तावेज के सहारे मठ पर कब्जा करना चाहते हैं और आज उनके कब्जे के प्रयास को प्रशासन ने विफल कर दिया। हम मुख्य महंत की जमानत का प्रयास कर रहे हैं।

मठ के उत्तराधिकारी ने कहा विचारदास मठ में दर्शन करने के बहाने के घुसे फिर गद्दी पर बैठने की कोशिश की।

(मठ के उत्तराधिकारी ने कहा विचारदास मठ में दर्शन करने के बहाने के घुसे फिर गद्दी पर बैठने की कोशिश की।)

विवेक दास पर पहले भी दर्ज हो चुका केस

वाराणसी के चेतगंज थाने में पिछले दिनों कबीर मठ के महंत विवेक दास सहित 9 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई अदालत के आदेश से कबीर चौरा स्थित कबीर मठ निवासी 80 वर्षीय बाबा प्रह्लाद दास के प्रार्थना पत्र के आधार पर की गई थी।

मुकदमे में महंत विवेक दास के अलावा अन्य आरोपियों में कबीर मठ के रामदास व प्रमोद दास, कबीर चौरा के डॉ. दीपक मलिक, चेतगंज के त्रिभुवन प्रसाद, सीतापुर रामनगर के आनंद दास और नगर निगम के चेतगंज वार्ड के कर अधीक्षक, सर्किल क्लर्क व इंस्पेक्टर के नाम शामिल हैं।

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