जौनपुर सदर लोकसभा सीट में नामांकन रद्द होने पर फूट-फूट कर रोया निर्दल प्रत्याशी:बोला-चुनाव लड़ने के लिए घर, गहना सब बेच दिया, मैं बरबाद हो गया

जौनपुर सदर लोकसभा सीट में नामांकन रद्द होने पर फूट-फूट कर रोया निर्दल प्रत्याशी:बोला-चुनाव लड़ने के लिए घर, गहना सब बेच दिया, मैं बरबाद हो गया

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

जौनपुर । जौनपुर सदर लोकसभा सीट से एक प्रत्याशी का पर्चा खारिज होते ही वह कलेक्ट्रेट के बाहर ही फूट-फूट कर रोने लगा। उसने कहा मैंने चुनाव लड़ने के लिए अपना सब कुछ बेच दिया। घर, खेत, सोना बेच कर चुनाव में 30 से 35 लाख खर्च भी कर चुका था।

लेकिन आज उसका पर्चा खारिज हो गया जिसमें बताया गया कि उसके नामांकन पत्र में चालान शुल्क का कागजात नहीं लगा है। उसने बताया कि वह निर्दल चुनाव लड़ना चाहता था। चाहे एक ही वोट क्यों न मिले वह चुनाव लड़ता।

अमित सिंह बोले-नामांकन के दौरान एक-एक पन्ना चेक किया गया था फिर क्यों नहीं बताया कि इसमें कमी है।

अमित सिंह बोले-नामांकन के दौरान एक-एक पन्ना चेक किया गया था फिर क्यों नहीं बताया कि इसमें कमी है।

बता दें कि जौनपुर सदर लोकसभा सीट से दरियावगंज के रहने वाले राजेश कुमार सिंह के पुत्र अमित कुमार सिंह ने लोक सभा चुनाव लड़ने के लिए पर्चा दाखिल किया था। मंगलवार को उनको पता चला कि उनका नामांकन पत्र खारिज हो गया है।

उसने निर्दल लोकसभा प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। लेकिन चालान शुल्क 25,000 हजार जमा करने का कागजात नामांकन पत्र में लगाना भूल गया था। इसके लिए उसने पूरा दोष अपने वकील पर लगाया।

अमित सिंह ने कहा कि वकील की लापरवाही के चलते मेरा चुनाव लड़ने का सपना अधूरा रह गया। भले ही मुझे एक वोट मिलता लेकिन मैं चुनाव लड़ने का मन बना चुका था। नामांकन पत्र दाखिल होने से पहले आश्वस्त था कि चुनाव लड़ सकूंगा।

चुनाव के लिए मैंने सब कुछ बेच दिया।

चुनाव के लिए मैंने सब कुछ बेच दिया।

अमित सिंह ने बताया कि वकील ने मुझसे जितना पैसा मांगा मैंने उतना पैसा दिया। उसने गारंटी ली थी कि पर्चा खारिज नहीं होगा। लेकिन अब वह वकील भाग गया, फोन करने पर बोल रहा मेरी गलती नहीं है।

जबकि सारे कागजात वकील ने तैयार किए। 29 तारीख को मुझसे ट्रेजरी में 25 हजार रुपए का चालान भरवाया। करंट अकाउंट में पैसा डालने के लिए बोला, मैंने पैसा डाल भी दिया।

आगे अमित ने कहा कि हमने चुनाव लड़ने के लिए क्या-क्या नही किया। मैं 4 से 5 दिन लगातार भाग-भाग कर आया। इन लोगों ने मेरा पर्चा खारिज कर दिया। मैंने वकील को 5 हजार रुपए दिए थे। सभी काम कराने के लिए।

अमित ने कहा भले मुझे एक वोट मिलता मैं चुनाव लड़ता।

अमित ने कहा भले मुझे एक वोट मिलता मैं चुनाव लड़ता।

घर, जेवर बेच कर लड़ रहा था संसदीय चुनाव

अमित सिंह ने बताया कि मैं अपना घर, जेवर, सब बेच कर चुनाव लड़ रहा था। 35 लाख रुपए खर्च कर चुका हूं। लेकिन अब मैं बर्बाद हो गया। डीएम के ऑफिस में सीसीटीवी क्यों नहीं है, योगी, मोदी को जवाब देना होगा।

हर जगह सीसीटीवी लगा है यहां क्यों नहीं? डीएम के चेम्बर में सीसीटीवी नहीं है। नामांकन दाखिल करते समय एक-एक पन्ना चेक किया फिर कल क्यों नहीं बताया कि ये चीज तुम्हारा नहीं है। मैं कल ही दे देता उन्हें, मेरी ख्वाहीश थी कि मैं चुनाव लडूं। भले ही मुझे एक ही वोट मिलता। लेकिन इन लोगों ने मेरा पर्चा खारिज कर दिया। मैंने चुनाव के चक्कर में 7 मार्च से खाना नहीं खाया है।

 

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