बांके बिहारी कॉरिडोर को हाईकोर्ट की मंजूरी:कुंज गलियों से अतिक्रमण हटाने का आदेश, यूपी सरकार 5 एकड़ में बनाएगी कॉरिडोर

बांके बिहारी कॉरिडोर को हाईकोर्ट की मंजूरी:कुंज गलियों से अतिक्रमण हटाने का आदेश, यूपी सरकार 5 एकड़ में बनाएगी कॉरिडोर

 Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

प्रयागराज । बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही कुंज गलियों से अतिक्रमण हटाने का आदेश भी दिया है। हालांकि हाईकोर्ट ने मंदिर के बैंक खाते में जमा धन 262.50 करोड़ रुपए का कॉरिडोर बनाने में उपयोग करने की सरकार को परमिशन नहीं दी है।

सोमवार को चीफ जस्टिस प्रितिंकर दिवाकर की डबल बेंच ने यह फैसला सुनाया। इस फैसले के बाद यूपी सरकार मंदिर के आस-पास 5 एकड़ में कॉरिडोर बनाएगी।

हाईकोर्ट ने 8 नवंबर को इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सरकार अपनी प्रस्तावित योजना के साथ आगे बढ़ सकती है, मगर यह भी तय करे कि दर्शनार्थियों को दर्शन में बाधा न आए।

कोर्ट ने कहा कि एक बार अतिक्रमण हटाने के बाद इन गलियों में दोबारा अतिक्रमण न हो और मंदिर के पहुंच मार्गों पर कोई बाधा न पहुंचे, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा। इस केस में 31 जनवरी 2024 को अगली सुनवाई होगी।

1 साल पहले दाखिल की गई थी जनहित याचिका
अनंत शर्मा, मधुमंगल दास और अन्य की ओर से 2022 में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया था कि आम दिनों में मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संख्या 40 से 50 हजार होती है। मगर, शनिवार-रविवार और छुट्टियों के दिन यह संख्या डेढ़ से ढाई लाख तक पहुंच जाती है। त्योहार और शुभ दिनों में मंदिर में ठाकुर जी के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संख्या लगभग 5 लाख पहुंच जाती है।

यह बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का प्रस्तावित मॉडल है।

यह बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का प्रस्तावित मॉडल है।

मंदिर तक पहुंचने की सड़कें बहुत संकरी और भीड़-भाड़ वाली हैं। लिहाजा, भारी भीड़ की वजह से आवाजाही में तमाम दिक्कतें होती हैं। संकरी गलियों पर अतिक्रमण कर लिया गया है। इससे स्थिति और खराब हो गई है। गलियां और संकरी हो गई हैं। अक्सर भगदड़ जैसी स्थिति बन जाती है। हाल ही में ही कुछ लोगों की दम घुटने से मौत हो चुकी है।

प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से भीड़ वाले दिनों में फेल हो जाती है। इसके बाद भी यूपी सरकार और जिला प्रशासन ने कोई उचित और ठोस कदम नहीं उठाया। रिट में हाईकोर्ट से इस मामले में उचित कदम उठाए जाने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की अपील की गई थी।

सेवायतों ने कहा था- सरकार जमीन उपलब्ध करा दे, बांके बिहारी को शिफ्ट कर लेंगे
7 नवंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सेवायतों की ओर से कहा गया था कि सरकार उन्हें जमीन उपलब्ध करा दे। वे नया मंदिर बनवाकर बांके बिहारी को शिफ्ट कर लेंगे। इससे कुंज गालियों का स्वरूप भी नष्ट नहीं होगा। सब कुछ सुरक्षित भी रहेगा। इस पर मुख्य स्थायी वकील कुणाल रवि ने कहा था कि बांके बिहारी का मंदिर जहां है, वहीं रहेगा। मंदिर को दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जा सकता है।

Share this story