यूपी में लू का कहर जारी , तापमान 43°C पार : प्रयागराज-वाराणसी सबसे गर्म रहा

यूपी में लू का कहर जारी , तापमान 43°C पार : प्रयागराज-वाराणसी सबसे गर्म रहा
प्रयागराज और वाराणसी प्रदेश में सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 43.6 डिग्री तक चला गया है। कानपुर मंडल में अगले 5 दिनों में हल्के और मध्यम बादल छाए रहेंगे। गरज-चमक के साथ धूल भरी आंधी चल सकती है। स्थानीय स्तर पर लो प्रेशर के कारण बूंदाबांदी भी हो सकती है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

लखनऊ। यूपी में लू का कहर जारी है। तापमान 43°C पार कर गया है। दिन के साथ रातें भी गर्म होने लगी हैं। मौसम विभाग ने इस सीजन में पहली बार 19 जिलों के लिए वार्म नाइट का येलो अलर्ट जारी किया है। अभी पारा और चढ़ेगा। 5 दिन तक ऐसी ही गर्मी पड़ेगी। महीने के अंत तक यानी एक हफ्ते में पारा 45°C पार कर जाएगा।

2 दिन से लगातार प्रदेश का औसत तापमान 42°C बना हुआ है। अरब सागर की नम हवाएं राजस्थान के थार मरुस्थल से होकर पूर्वी यूपी की तरफ से आ रही हैं। इसके कारण दिन में लू चलना शुरू हो गई है।

प्रयागराज-वाराणसी सबसे गर्म रहा
डॉ. SN सुनील पांडेय ने बताया- पश्चिमी विक्षोभ का असर दिल्ली और पंजाब पर थोड़ा बहुत हो सकता है। इससे बादलों की आवाजाही रहेगी। प्रयागराज और वाराणसी प्रदेश में सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 43.6 डिग्री तक चला गया है। कानपुर मंडल में अगले 5 दिनों में हल्के और मध्यम बादल छाए रहेंगे। गरज-चमक के साथ धूल भरी आंधी चल सकती है। स्थानीय स्तर पर लो प्रेशर के कारण बूंदाबांदी भी हो सकती है।

डॉक्टर पांडेय ने बताया, रात का तापमान जब 35 डिग्री से अधिक होता है तो उसे वार्म नाइट अलर्ट कहते हैं। इस दौरान सुबह का तापमान भी 30 डिग्री से अधिक होता है। सुबह से ही लोगों को गर्मी का अहसास होता है।

कानपुर में सुबह से तेज गर्म हवाएं चल रही हैं।

(कानपुर में सुबह से तेज गर्म हवाएं चल रही हैं)

कब घोषित होती है हीटवेव?
IMD के अनुसार, अधिकतम तापमान 40°C से अधिक और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री अधिक होने पर हीटवेव घोषित की जाती है। अगर सामान्य तापमान से पारा 6.4 डिग्री से अधिक है, तो गंभीर हीटवेव घोषित की जाती है। पहले रिकॉर्ड किए गए तापमान के आधार पर कहा जा सकता है कि हीटवेव तब घोषित की जाती है जब किसी क्षेत्र का अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता है।

अगर अधिकतम तापमान 47 डिग्री को पार कर जाता है, तो भीषण लू की घोषणा की जाती है। आमतौर पर अप्रैल और जून के बीच लू चलती है और मई में चरम पर होती है।

सामान्य से अच्छी बारिश का अनुमान
मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि इस बार जून से सितंबर तक मानसून सामान्य से बेहतर रहेगा। मौसम विभाग (IMD) 104 से 110 फीसदी के बीच बारिश को सामान्य से बेहतर मानता है। यह फसलों के लिए अच्छा संकेत है।

2024 में 106% यानी 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है। 4 महीने के मानसून सीजन के लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) 868.6 मिलीमीटर यानी 86.86 सेंटीमीटर होता है। यानी मानसून सीजन में कुल इतनी बारिश होनी चाहिए।

गर्मी से फसलों का उत्पादन होगा प्रभावित
गर्मी बढ़ने से कृषि उत्पादन प्रभावित हो सकता है, पानी की कमी हो सकती है, ऊर्जा की मांग बढ़ सकती है और इको सिस्टम और एयर क्वालिटी प्रभावित होगी।

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