श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह मामले में सुनवाई:कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किए जाने की मांग निरस्त; सर्वे होगा या नहीं, यह लोअर कोर्ट तय करेगा

श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह मामले में सुनवाई
महेंद्र प्रताप सिंह ने शाही ईदगाह का सर्वे कराए जाने को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में वाद दाखिल किया था। निचली अदालत द्वारा यह वाद खारिज कर दिया गया। इसके बाद वादी ने जिला जज की कोर्ट में रिवीजन वाद दाखिल किया। जिला जज की अदालत ने इस केस को सुनने के लिए एडीजे 6th की कोर्ट में भेज दिया था। अब एडीजे 6th की कोर्ट ने भी इस वाद को खारिज कर दिया है।

 

मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में एडीजे 6th की कोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई। अदालत ने कोर्ट कमिश्नर को नियुक्त करने से इनकार कर दिया। वहीं, शाही ईदगाह परिसर के सर्वे मामले की सुनवाई लोअर कोर्ट में चलती रहेगी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्ति की मांग को लेकर वाद दाखिल किया था।

महेंद्र प्रताप सिंह ने शाही ईदगाह का सर्वे कराए जाने को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में वाद दाखिल किया था। निचली अदालत द्वारा यह वाद खारिज कर दिया गया। इसके बाद वादी ने जिला जज की कोर्ट में रिवीजन वाद दाखिल किया। जिला जज की अदालत ने इस केस को सुनने के लिए एडीजे 6th की कोर्ट में भेज दिया था। अब एडीजे 6th की कोर्ट ने भी इस वाद को खारिज कर दिया है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा जिला जज की अदालत में रिवीजन वाद दाखिल किया गया था।

(श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा जिला जज की अदालत में रिवीजन वाद दाखिल किया गया था।)

कोर्ट ने दी थी 25 मार्च की तारीख
रिवीजन वाद पर 15 मार्च को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई थी। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में 20 मार्च को फैसला सुनाने के लिए मुकर्रर की थी। लेकिन, 20 मार्च को कोर्ट के व्यस्त होने के चलते इस मामले में 25 मार्च की तारीख दी गई थी।

हिंदू पक्षकारों का आरोप- सबूत मिटाए जा रहे
हिंदू पक्षकारों ने ये आरोप लगाया है कि मुस्लिम पक्ष के लोग शाही ईदगाह परिसर का विस्तार कर रहे हैं। वहां मौजूद कथित सबूतों को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में मस्जिद का सरकारी अमीन की मदद से सर्वे कराया जाए। इस अपील का मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में विरोध किया। 23 फरवरी को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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