वाराणसी में हीटवेव से बिगड़ सकता है स्वास्थ्य:बचाव के लिए रहें सावधान, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

वाराणसी में हीटवेव से बिगड़ सकता है स्वास्थ्य

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

वाराणसी । अप्रैल के महीने से ही तापमान बढ़ने लगा है। सुबह 10 बजे से ही धूप बहुत अधिक तेज होने लगी है। इसके साथ हीटवेव (लू) भी चल रही है। इस मौसम में बच्चों से लेकर वृद्धजन को बेहोशी, मांसपेशियों में जकड़न, मिर्गी का दौरा, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, अधिक पसीना आना, कमजोरी, चक्कर आना, सांस व दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, नींद पूरी न होना आदि परेशानी हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को लू से बचने के लिए सलाह देना शुरू कर दिया है। खानपान से लेकर आवाजाही करने में विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि अचानक से तापमान में बढ़ोत्तरी हुई है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। लू और अधिक गर्मी को देखते हुए सावधानी बरतें। उन्होंने बताया कि अप्रैल से जून तक लू और गर्मी का प्रकोप रहता है। तापमान भी 42 डिग्री सेल्सियस से लेकर 46 डिग्री तक पहुंच जाने की संभावना है। जरा सी असावधानी और लापरवाही बरतने से कोई भी लू की चपेट में आ सकता है।

एसीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ राजेश प्रसाद ने बताया कि हीट वेव से संबन्धित लक्षण जैसे अधिक पसीना आना, शारीरिक तापमान 105 फारेनहाइट या उससे अधिक, उल्टी आना, बेहोशी आना, थकान, कमजोरी, चक्कर आना, मांसपेशियों में जकड़न और सिरदर्द आदि है। यदि ऐसे लक्षण लगातार देखने को मिल रहे हैं तो ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। जिले के सभी चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पाउडर, आईवी फ्ल्यूड की उपलब्ध है। सभी तरह की दवाएं उपलब्ध हैं।

गर्मी से बचाव के लिए क्या करें

- अधिक से अधिक पानी पिएं, यदि प्यास न लगी हो तब भी पानी पिएं।

- ओआरएस घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नींबू, पानी, छाछ आदि का अधिक से अधिक उपयोग करें, जिससे कि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके।

- जल की अधिक मात्रा वाले मौसमी फल तरबूज, खरबूज, संतरे, अंगूर, अन्नास एवं सब्जी खीरा, ककड़ी, सलाद पत्ता का प्रयोग करें।

- हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें। धूप के चश्में, छाता, टोपी का प्रयोग करें।

गर्मी से बचाव के लिए क्या न करें

- दिन के 12 से 3 बजे तक हो सके तो धूप में न निकलें। सूरज के सीधे संपर्क में आने से बचें।

- अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों के प्रयोग से यथासंभव बचें तथा बासी भोजन का प्रयोग न करें।

- बच्चों, वृद्धजनों तथा पालतू जानवरों को खड़ी व बंद गाड़ियों में न छोड़ें।

- अधिक गर्मी वाले समय में खाना बनाने से बचें।

- शराब, मांस-मछली, कार्बोनेटेड ड्रिंक आदि के उपयोग करने से बचें।

हीट स्ट्रोक आने पर प्राथमिक उपचार

• व्यक्ति को ठंडे एवं छायादार स्थान पर ले जाएं

• एबुलेंस को फोन करें (108) एवं नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं

• व्यक्ति को पैर ऊपर रखकर सुलाएं

• अगर बेहोश न हो तो ठंडा पानी पिलाएं

• जितना हो सके कपड़े शरीर से निकाल दें

• शरीर के ऊपर पानी से स्प्रे करें

• ओआरएस का घोल पिलाएं

• शरीर पर गीला कपड़ा या स्पंज रखें

• पंखे से शरीर पर हवा डालें

• सिर पर गीले कपड़े से सिकाई करें।

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