वाराणसी पहुंची अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, अपलक निहारती रहीं घाट, गंगा आरती में हुईं शामिल

वाराणसी पहुंची अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, अपलक निहारती रहीं घाट, गंगा आरती में हुईं शामिल

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

वाराणसी। अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन गुरुवार की शाम को वाराणसी पहुंची। इस दौरान वह शाम को दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती देख अभिभूत हो गईं। वहीं बजड़े पर सवार क्लिंटन ने गंगा आरती के विहंगम दृश्य को कई बार कैमरे में भी कैद किया।

साथ ही गंगा आरती का महात्म्य को भी वह अपने करीबियों से समझती रहीं। इसके बाद गंगा सेवा निधि के तीर्थ पुरोहितों ने उन्हें बजड़े पर गंगा पूजा कराई। बता दें कि हिलेरी क्लिंटन दोपहर तीन बजे विशेष विमान से बाबतपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचीं। जहां पर हवाई अड्डे की निदेशक आर्यमा सान्याल ने उनका स्वागत किया।

सारनाथ का भी करेंगी भ्रमण

इसके बाद हिलेरी क्लिंटन सड़क मार्ग से नदेसर स्थित होटल के लिए रवाना हो गईं। वहीं शाम को वह नमो घाट पर पहुंचकर बजड़े पर सवार होकर गंगा आरती देखने निकलीं। जिसके बाद वह रात में विश्राम के लिए देसर स्थित होटल लौट गईं। बता दें कि आज यानि की शुक्रवार को वह सारनाथ का भ्रमण करेंगी।

दरभंगा घाट स्थित एक होटल में हिलेरी क्लिंटन ने डिनर किया। होटल की छत पर डिनर करने के साथ ही उन्होंने शास्त्रीय संगीत का भी लुत्फ उठाया। वहीं भोजन के बाद उन्होंने कहा कि पवित्र नदी के किनारे डिनर करके उन्हें काफी अच्छा लगा। वहां से रवाना होने के बाद मणिकर्णिका घाट पर जलती चिताओं को देख कर हिलेरी क्लिंटन ने अपनी सहयोगियों से इसके बारे में पूछा।

दोबारा स्वागत का मिला अवसर

जिसके बाद उन्हें बताया गया कि मृत्यु के बाद भारतीय संस्कृति के अनुसार यहां पर शवदाह किया जाता है। साथ ही उन्हें यह भी बताया गया कि गंगा किनारे का यह स्थान पौराणिक महत्व वाला है। इस दौरान वह मणिकर्णिका घाट को अपलक देखती रहीं।

हवाई अड्डे पर निदेशक आर्यमा सान्याल ने हिलेरी क्लिंटन से कहा कि उन्हें दूसरी बार हिलेरी क्लिंटन का स्वागल करने का मौका मिला है। आर्यमा सान्याल ने बताया कि इससे पहले जब हिलेरी क्लिंटन अपने पति और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के साथ जयपुर आई थीं तो वह जयपुर हवाई अड्डे पर तैनात थीं। निदेशक सान्याल ने हिलेरी क्लिंटन को एक पौधा भेंट कर कहा कि यह हमेशा आपको काशी की याद दिलाता रहेगा।

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