लखनपुरी में होगा पांच दिनी अवध महोत्सव, अवधी संस्कृति को देखने का मिलेगा अवस

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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

लखनऊ । लखनपुरी और उसके आस-पास के रहने वालों को अवधी सांस्कृतिक परम्परा को नजदीक से जानने और समझने का अवसर प्राप्त होगा। उत्तर प्रदेश पर्यटन, संस्कृति विभाग और उप्र संगीत नाटक अकादमी की ओर से पहली बार पांच दिवसीय ’अवध महोत्सव’ का आयोजन किया जाएगा।

18 से 22 मार्च तक चलने वाले इस महोत्सव में हिमांशु वाजपेई किस्से सुनाएंगे। वहीं पं. जयकिशन महाराज और महान उस्ताद पद्म विभूषण पं. बिरजू महाराज के पोते त्रिभुवन महाराज कथक प्रस्तुति देंगे। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के विशाल परिसर में यह वृहद सांस्कृतिक आयोजन शनिवार 18 से बुधवार 22 मार्च तक होगा। उसमें संगीत के साथ-साथ अवधी खानपान, पतंगबाजी और शतरंज का दिचलस्प मुकाबला भी होगा।

जानकारी के मुताबिक शनिवार 18 मार्च को अकादमी परिसर में स्थानीय कथक नृत्यांगनाएं नेहा सिंह और कांतिका मिश्रा युगल नृत्य करेंगी। कानपुर की डॉ. मेनका मिश्रा और स्थानीय किशोर चतुर्वेदी के सुगम गायन प्रस्तुत होगा। उसके बाद जयपुर से आमंत्रित पद्मश्री उस्ताद अहमद हुसैन, मो. हुसैन गजल सुनाएंगे। इस क्रम में मथुरा के कलाकार मयूर नृत्य कर शाम को विराम देंगे।

रविवार 19 मार्च को नई दिल्ली से आमंत्रित माया निगम का दल कथक नृत्य नाटिका करेगा। शिखा भदौरिया के अवधी लोक गायन और मध्य प्रदेश के मालवा निवासी कालूराम बमानियां के गायन के बाद मुम्बई से आमंत्रित ऐश्वर्या पंडित का सुगम गायन होगा। अवधी परिधान प्रतियोगिता की प्रथम संध्या पर 15 से 25 आयु वर्ग तक के प्रतिभागी भाग ले सकेंगे। प्रयागराज के ढेढ़िया लोकनृत्य से शाम विराम लेगी।

सोमवार 20 मार्च को वाराणसी से आमंत्रित कथक नृत्यांगना विधि नागर ’कबीर द वीवर’ नृत्य नाटिका करेंगी। स्थानीय हिमांशु बाजपेई किस्सागोई से उस शाम को दिलचस्प बनाएंगे वहीं स्थानीय पराक्रम बैंड शास्त्रीय फ्यूजन कर शाम को परवान चढ़ाएगा। जयपुर से आमंत्रित निराली कार्तिक और सलीम खान का गायन अन्य आकर्षण होगा। अवधी परिधान प्रतियोगिता के दूसरे दिन 26 से 35 साल तक के प्रतिभागी भाग ले सकेंगे। कार्यक्रम का समापन मीरजापुर के करमा लोक नृत्य से होगा।

मंगलवार 21 मार्च को नई दिल्ली के लोकप्रिय कथक कलाकार त्रिभुवन महाराज और रजनी महाराज की प्रस्तुतियों से शाम का आगाज होगा। उत्तर प्रदेश अकादमी की ओर से ताल वाद्य कचहरी के बाद बिहार बांका निवासी कुमार सत्यम गजल सुनाएंगे। कवि सम्मेलन में प्रदीप महाजन, जगजीवन मिश्रा, सुफलता त्रिपाठी और सर्वेश अस्थाना को आमंत्रित किया गया है। सुलतानपुर के फरवाही लोक नृत्य से संध्या विश्राम लेगी।

अंतिम दिन बुधवार 22 मार्च को वाराणसी के रुद्र शंकर मिश्रा की कथक प्रस्तुति के बाद प्रयागराज के विवेक विशाल कबीरवाणी, बहराइच के बावरे सूफी बैंड और चंडीगढ़ के अली ब्रदर्स का सूफी गायन होगा। संध्या और समारोह की अंतिम प्रस्तुति ललितपुर के राई लोक नृत्य होगी। इस महोत्सव में शास्त्रीय, उपशास्त्रीय, लोक संगीत और बैंड ही नहीं परिधान प्रतियोगिता के माध्यम से हर उम्र के लोगों को इससे जोड़ा जाएगा।

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