उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर जोर देते हुए कहा है कि लोकतंत्र के मंदिर की मर्यादा को कम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर जोर देते हुए कहा है कि लोकतंत्र के मंदिर की मर्यादा को कम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

मेरठ । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर जोर देते हुए कहा है कि लोकतंत्र के मंदिर की मर्यादा को कम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बिना नाम लिए उन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद में माइक बंद कर दिया जाता है, इससे बड़ा असत्य और कुछ नहीं हो सकता। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को लंदन में कहा था कि लोकसभा में काम करने वाले माइक अक्सर विपक्ष के बोलने के दौरान बंद हो जाते हैं। इसके जवाब में उपराष्ट्रपति की यह टिप्पणी आई है। अभी दो दिन पहले भी एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने राहुल गांधी का नाम लिये बिना उन पर निशाना साधा था। हम आपको बता दें कि आज उपराष्ट्रपति उत्तर प्रदेश के दौरे पर थे जहां उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में आयुर्वेद महाकुंभ को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कहीं।

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी भरपूर प्रशंसा करते हुए कहा, 'उत्तर प्रदेश के लोगों ने क्या कभी सोचा था कि कानून व्यवस्था ठीक हो पाएगी? लेकिन ऐसा हुआ। लोगों ने मुख्यमंत्री के बारे में कहा था कि देखते हैं कि इनकी कानून व्यवस्था कब तक टिकेगी, लेकिन यह टिक गयी है।

 

उन्होंने राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, 'हम लोकतंत्र के मंदिरों का इस तरह अनादर होते हुए नहीं देख सकते। लोकतंत्र के मंदिर की मर्यादा को कम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। हम न केवल सबसे बड़े प्रजातंत्र हैं, हम लोकतंत्र की जननी भी हैं।' उन्होंने कहा, 'हमारी संविधान सभा ने तीन वर्षों तक अनेक जटिल और विभाजनकारी मुद्दों पर बहस की, उन्हें सुलझाया। लेकिन तीन वर्ष के लंबे समय में, कोई व्यवधान नहीं हुआ, कोई अध्यक्ष के आसन्न के समक्ष में नहीं आया, किसी ने पोस्टर नहीं दिखाये । हमारा आचरण आज उसके विपरीत है।' उपराष्ट्रपति ने ऐसा माहौल बनाने का आह्वान किया जहां राज्यसभा, लोकसभा, विधानसभा जैसे लोकतंत्र के मंदिरों के सदस्यों का व्यवहार अनुकरणीय होना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'एक वातावरण तैयार कीजिए, संसद और विधानसभाओं में आचारण अनुकरणीय होना चाहिए। वहां व्यवधान नहीं होना चाहिए। पर ये कैसे होगा- इसके लिए आप सभी को जनांदोलन करना होगा। उन लोगों को जवाबदेह बनाना होगा जो इस महान देश की उपलब्धियों का निरादर करते हैं।' 

उपराष्ट्रपति ने बिना राहुल गांधी का नाम लिए कहा, 'कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद में माइक बंद कर दिया जाता है। इससे बड़ा असत्य और कुछ नहीं हो सकता। आज राज्य सभा के सभापति होने के नाते मजबूरन मुझे कहना पड़ रहा है कि भारत की संसद में माइक बंद नहीं होता। हां एक समय था, एक काला अध्याय था, वह आपतकाल का समय था।' उपराष्ट्रपति ने कहा, 'मैंने अपनी दो विदेश यात्राओं के दौरान देखा है कि जब मैं खुद का परिचय देता हूं तो लोग सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, यह है आज के भारत की ताकत। फिर भी कुछ लोग भारत को विदेश में बदनाम कर रहे हैं। हमारा इतिहास हजारों साल पुराना है, हम एक महान राष्ट्र हैं, हमारे लोग महान हैं।'

हम आपको यह भी बता दें कि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयुष मंत्रालय बेहतरीन कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह महासम्मेलन पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है। राज्यपाल ने कहा कि भारत आयुर्वेद का मूल स्थल है।

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरठ भारत के इतिहास की धरती है, महाभारत की धरती है। उन्होंने कहा कि हस्तिनापुर ने महाभारत की नींव रखकर इतिहास रचा था, धर्म, कर्म, काम, मोक्ष इससे संबंधित जो है, वह इस ग्रंथ में हैं। उन्होंने कहा कि परंपरागत चिकित्सा पद्धति ने नौ वर्ष के अंदर दुनिया में लंबी छलांग लगाई है, जिसका श्रेय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।

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