पहाड़ों और झरनों का हसीन संगम है चूनादरी व लखनिया दरी
 

 पहाड़ों और झरनों का हसीन संगम है चूनादरी व लखनिया दरी

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

मीरजापुर। प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जल प्रपातों के विकास के लिए बजट दे रही है, लेकिन जिला प्रशासन ने चूनादरी व लखनिया जैसे विहंगम जल प्रपात पर रोक लगा रखा है। आए दिन सैलानी निराश होकर जल प्रपात से वापस लौट रहे हैं।

जबकि कुछ दिन पूर्व 70 लाख रुपये लखनिया दरी जल प्रपात के विकास के लिए जारी किया गया है, लेकिन प्रशासनिक रोक के चलते विकास बाधित है। लखनिया व चूनादारी जलप्रपात पहाड़ों और झरनों की हसीन वादियों का संगम है। इसका लुत्फ हर कोई उठाना चाहता है, लेकिन प्रशासनिक रोक सैलानियों की राह में रोड़ा बना है।

सुरक्षा की विफलता को दर्शाता है प्रशासनिक रोक

लखनिया दरी व चूनादरी जल प्रपात पर प्रशासनिक कमजोरी को उजागर कर रहा है। जिस स्थल पर डेंजर जोन है उसे चिंहित करते हुए उसे सुरक्षित किया जाना चाहिए, लेकिन उसके लिए प्रशासन को कमर कसनी पड़ेगी। गहरे कुंड के सुरक्षा के इंतजाम कर उसे लोहे के तार से घेराबंदी किया जाए तो उससे सैलानियों के साथ हो रही दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा।

मनोरम जल प्रपात है लखनिया दरी व चूनादरी

सैकड़ों फीट की ऊंचाई पर स्थित पहाड़ों की शिखर से गिरते हुए झरनों की कल-कल करती हुई ध्वनी। चट्टानों से टकराकर कर छलकता हुआ पानी चारों ओर हरियाली एवं झरने में दूध जैसी सफेदी देखकर नजर ठहर जाती है। कुछ मिनट तक निहारते ही रह जाते हैं।

सब कुछ भूल जाते हैं। शांति एवं सुकून महसूस होता है। मानो प्रकृति के खूबसूरत जगह पर आ गए हों। ऊंचाई से गिरते हुए झरनों के मनोरम दृश्य को देखने की लालसा हर सैलानी में रहती है। पर्यटन विभाग द्वारा सैलानियों को बताया जा रहा है कि चुनादरी केवल एक जल प्रपात ही नहीं बल्कि यह जीवन भर का अनुभव है। इसका मनोरम दृश्य आपको हतप्रभ कर देगा। इससे सहजता से यहां के रमणीयता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

चूनादारी में डूबने से हुई थी नौ सैलानियों की मौत

चूनादारी जल प्रपात के गहरे कुंड में सितंबर 2022 में नौ सैलानियों की डूबने से मौत हो गई थी। इसके बाद से प्रशासन ने चूनादरी ही नहीं लखनिया दरी जल प्रपात पर भी सैलानियों के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया। जबकि प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम कराते हुए उसे चालू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन उसके बाद भी अभी तक जल प्रपात पर लगी रोक हटाई नहीं जा सकी।

पर्यटन अधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि लखनिया दरी व चूनादरी जलप्रपात पर आए दिन हो रही घटना को लेकर प्रशासन की ओर से सुरक्षा घेरा बनाया गया है। सुरक्षा के दृष्टिगत सैलानियों के आवागमन पर फिलहाल रोक लगाया गया है।

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