स्वतंत्र देव सिंह के आवास का अभ्यर्थियों ने किया घेराव: भारी संख्या में पुलिस बल तैनात , नौकरी देने की मांग को लेकर 600 दिन से दे रहे धरना   

स्वतंत्र देव सिंह के आवास का अभ्यर्थियों ने किया घेराव: भारी संख्या में पुलिस बल तैनात , नौकरी देने की मांग को लेकर 600 दिन से दे रहे धरना

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

लखनऊ । 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के आवास का घेराव कर दिया गया है। इससे पहले शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय पर जमकर हंगामा किया था। शनिवार सुबह करीब 11 बजे स्वतंत्र देव सिंह के आवास का घेराव किया और नारेबाजी की।

शासन और पुलिस से बचने के लिए अभ्यर्थी दो से तीन की संख्या में पहुंचे। इसके बाद वहां इकट्‌ठा हुए। फिर उन लोगों ने धरना कालीदास मार्ग स्थित स्वतंत्र देव के सरकारी आवास का घेराव किया। पुलिस फिलहाल उनको हटाने में जुटी है लेकिन वह लोग हटने को तैयार नहीं है।

600 दिन से ज्यादा समय से चल रहा धरना
अभ्यर्थी पिछले 600 से ज्यादा दिन से लखनऊ के धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे है। 69000 शिक्षक भर्ती में 6800 आरक्षित चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। बीजेपी कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान इन लोगों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के विरोध में नारे लगाए थे।

अब वह स्वतंत्र देव सिंह के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। बीजेपी के यह दोनों नेता OBC वर्ग से आते हैं, ऐसे में यह लोग इनको ज्यादा टारगेट करते हैं।

नौकरी की मांग को लेकर पिछले 600 दिन से धरना दे रहे है आंदोलकारी ।

नौकरी की मांग को लेकर पिछले 600 दिन से धरना दे रहे है आंदोलकारी ।

शिक्षा मित्रों के समायोजन के रद्द होने से शुरू हुई थी भर्ती
25 जुलाई 2017, सुप्रीम कोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बने शिक्षा मित्रों के समायोजन को रद्द कर दिया। इससे वह दोबारा शिक्षा मित्र बन गए। सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को आदेश दिया कि जल्द से जल्द सहायक अध्यापकों के पद भरे जाएं।

सरकार ने कहा, हम एक बार में इतनी भर्ती नहीं कर पाएंगे, दो बार में करेंगे। सरकार ने पहले 2018 में 68500 पदों के लिए भर्ती निकाली। इसमें भी 22 हजार पद नहीं भरे गए। हालांकि इस भर्ती पर आरक्षण से जुड़ा कोई सवाल नहीं खड़ा हुआ।

69000 भर्ती निकली तो कटऑफ को लेकर विवाद हो गया
6 जनवरी 2019, योगी सरकार ने 69 हजार पदों को भरने के लिए भर्ती निकाली। इस भर्ती में जनरल का कटऑफ 67.11% था। ओबीसी वर्ग का कटऑफ 66.73% था। लेकिन ओबीसी वर्ग के जो अभ्यर्थी जनरल के कटऑफ के ऊपर थे उन्हें भी ओबीसी आरक्षण कोटे का हिस्सा माना गया।

जबकि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 कहती है, अगर ओबीसी वर्ग का अभ्यर्थी जनरल कटऑफ से अधिक नंबर पाता है तो उसे जनरल कोटे में नौकरी मिलेगी न कि ओबीसी कोटे से।

अभ्यर्थियों का दावा है कि इस भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण के बजाय महज 3.86% ही आरक्षण मिला। जिन 31 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिली है उसमें करीब 29 हजार लोग ऐसे थे जो जनरल कोटे की सीट पाने के हकदार थे।

अभ्यर्थियों का दावा यह भी है कि एससी वर्ग में भी 21% के बजाय 16.6% ही आरक्षण मिला है। इस पूरी भर्ती में 19 हजार सीटों का हेरफेर हुआ है। पिछड़ा आयोग ने भी भर्ती में घोटाले की बात मानी है।

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