अयोध्या में नहीं मिला BJP को रामलला का आशीर्वाद,आसपास की सीटें भी गंवाई

Lok Sabha Election Result 2024: अयोध्या में नहीं मिला BJP को रामलला का आशीर्वाद

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

लखनऊ । लोकसभा चुनाव के जो नतीजे इस बार सामने आ रहे हैं, उसने बीजेपी की नींद उड़ा दी है। कहने को एक बार फिर केंद्र में मोदी सरकार बनती दिख रही है, लेकिन इस बार के नतीजे कमजोर बहुमत की ओर इशारा कर रहे हैं। जिस चुनाव में नारा 400 पार का दिया गया, वहां पर इस समय 300 सीटों तक पहुंचने में भी पसीने छूट रहे हैं। इस चुनाव में बीजेपी ने राम मंदिर का मु्द्दा भी काफी जोर-शोर से उठाया। पार्टी की तरफ से लगातार राम के नाम पर हिंदू वोटरों को एकमुश्त करने का प्रयास दिखा।

 

 

जहां पहले जीते, अब वहां बुरी तरह पिछड़े

बड़ी बात यह थी कि राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम भी इसी साल जनवरी में हुआ, ऐसे में बीजेपी को पूरा विश्वास था कि UP में तो आसानी से स्वीप कर जाएगी, उसे वहां से जनता का पूरा आशीर्वाद मिलेगा, इसी वजह से 80 की 80 सीटें जीतने का दावा कर दिया गया। लेकिन जो नतीजे सामने आ रहे हैं, उसने मोदी-योगी की चिंता को बढ़ा दिया है। समाजवादी पार्टी ने बड़े स्तर पर यूपी में सेंधमारी की है, उन इलाकों में जीत के करीब पहुंच चुके हैं जहां पर पिछले चुनाव तक बीजेपी को बड़ी बढ़त मिली हुई थी।

 

राम लहर कहां गायब हो गई?

राम मंदिर का मुद्दा वैसे तो पूरे देश के लिए अहम था, लेकिन उत्तर प्रदेश के लिहाज से कुछ सीटों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव था। अब फैजाबाद सीट तो केंद्र में थी ही, इसके अलावा गोंडा, कैसरगंज, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर,बस्ती सीट पर भी राम मंदिर का काफी प्रभाव था। यह सारी सीटें फैजाबाद के आसापास ही पड़ती हैं, ऐसे में माना जा रहा था यहां से बीजेपी को ज्यादा चुनौती नहीं मिलेगी। लेकिन चुनावी नतीजों ने सभी हैरान कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि फैजाबाद सीट से बीजेपी के लल्लू सिंह ही पिछड़ रहे हैं। जिस अयोध्या को लगातार राम नगरी कहकर संबोधित किया गया, जहां पर सबसे ज्यादा बीजेपी ने राम के नाम पर वोट मांगा, उसी सीट पर समाजवादी पार्टी ने खेल कर दिया है।

अयोध्या के पास जितनी सीटें, बीजेपी की हालत खराब

फैजाबाद सीट से समाजवादी पार्टी ने इस बार पिछड़ा कार्ड चलते हुए अवधेश प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा था। अब चुनावी नतीजे बता रहे हैं कि इस सीट पर अखिलेश की रणनीति रंग लाई है, इस समय फैजाबाद में अवधेश प्रसाद 40097 वोटों से आगे चल रहे हैं, वर्तमान सांसद बीजेपी के लल्लू सिंह काफी पिछड़ चुके हैं। दो बार से लगातार वे जीत दर्ज कर रहे थे, लेकिन इस बार जनता ने उनसे ज्यादा सपा प्रत्याशी पर भरोसा जताया है। यह भरोसा भी तब जताया गया जब राम लहर सबसे ज्यादा हावी रही।

इसी तरह सुल्तानपुर सीट भी फैजाबाद से ज्यादा दूर नहीं पड़ती है, यहां पर भी राम मंदिर का मुद्दा हावी था। इस सीट से बीजेपी ने मेनका गांधी को उतार रखा था। मानकर चला जा रहा था कि उनकी आसान जीत हो जाएगी। लेकिन यहां भी समाजवादी पार्टी के राम भुअल निषाद ने मेनका गांधी को बड़ा झटका दे दिया। अभी के नतीजे बता रहे हैं कि इस बार सुल्तानपुर सीट बीजेपी के हाथ से फिसल रही है, मेनका गांधी 34 हजार के भी बड़े अंतर इस समय पिछड़ रही है।

बीजेपी को इस बार अंबेडकर नगर सीट पर भी झटका लगता दिख रहा है। समाजवादी पार्टी के लालजी वर्मा ने 1 लाख 13 हजार से भी ज्यादा बढ़त बना ली है। इस समय बीजेपी के रितेश पांडेय काफी पीछे छूट चुके हैं, यह सीट सपा के खाते में जाती दिख रही है।

बीजेपी की क्या थी रणनीति?

अगर उत्तर प्रदेश की बस्ती सीट की बात करें तो यहां भी राम मंदिर का असर था, यहां की सियासत भी अयोध्या की राजनीति से प्रभावित रहती है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि यहां भी राम जी का आशीर्वाद बीजेपी को मिलता नहीं दिखा है। इस सीट पर सपा के राम प्रसाद चौधरी ने भारी बढ़त बना रखी है और बीजेपी के हरीश चंद्र काफी पीछे छूट चुके हैं। अब यूपी में बीजेपी का चुनावी शोर काफी कुछ बता रहा है। जो बीजेपी चाहती थी कि इस बार का चुनाव राम के नाम पर लड़ा जाए, किसी तरह से विपक्ष को राम विरोधी दिखाया जाए, ऐसा होता दिखा नहीं है।

विपक्षी नेताओं का राम मंदिर कार्यक्रम में ना जाना एक बड़ा मुद्दा बना था। जानकार तक मान रहे थे कि राम से दूरी विपक्ष को वोटों से भी दूर कर देगी। लेकिन चुनावी नतीजे बता रहे हैं कि अयोध्या और आस पास की सीटों पर भी स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी रहे हैं। राम मंदिर बनने की खुशी है, लेकिन उसके नाम पर किसी को वोट दिया जाए, ऐसा होता नहीं दिखा।

Share this story