'जज बने रहने लायक नहीं बांदा CJM':हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी

'जज बने रहने लायक नहीं बांदा CJM':हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांदा के CJM भगवान दास गुप्ता के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा- जज ने निजी हित के लिए पद का गलत इस्तेमाल किया। बिल भेजने पर बिजली विभाग के अफसरों पर फर्जी केस कराया। वह जज बने रहने लायक नहीं हैं।

साथ ही, हाईकोर्ट ने हिदायत दी कि निचली अदालत का कोई भी जज बिना जिला जज की परमिशन के FIR दर्ज न कराएं। हालांकि, अति गंभीर मामलों में केस करा सकते हैं।

बुधवार को जस्टिस राहुल चतुर्वेदी और मो. अजहर हुसैन इदरीसी ने लखनऊ के अधिशासी अभियंता मनोज गुप्ता, SDO दीपेंद्र सिंह और संविदा कर्मी राकेश सिंह की याचिका पर यह आदेश दिया। CJM ने 2023 में इनके खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

पहले CJM की ​​कंप्लेंट पर हुई थी SIT जांच
CJM भगवान दास गुप्ता ने 2009 में लखनऊ के अलीगंज में मकान खरीदा था। इस पर 1 लाख 66 हजार 916 रुपए का बिजली बिल बकाया था। बिजली कनेक्शन मकान मालिक के नाम था। CJM ने कनेक्शन अपने नाम करवाने के लिए अलीगंज सब स्टेशन पर एप्लिकेशन दी। विभाग ने बताया कि बिल भुगतान होने के बाद ही नाम बदला जा सकता है।

बिजली विभाग ने‌ बिल वसूली के लिए नोटिस भेज दी। CJM भगवान दास ने मकान बेचने वाले और बिजली विभाग के अफसरों के खिलाफ लखनऊ की ACJM कोर्ट में कंप्लेंट कर दी। उनकी कंप्लेंट पर कोर्ट ने SIT जांच के आदेश दिए। अफसरों को समन भी भेजा, लेकिन बाद में वापस ले लिया था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने केस खारिज कर दिया था।

जज ने फिर बांदा कोतवाली में केस दर्ज कराया
CJM भगवान दास ने 27 जुलाई 2023 को धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए बिजली विभाग के अफसरों के खिलाफ बांदा कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया। इस मुकदमे को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अफसरों के खिलाफ दर्ज मुकदमे को रद्द कर दिया।

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