बनारस के होटल-गेस्ट हाउस सब फुल, बनारस आने का है प्लान, तो पढ़ें ये खबर

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
वाराणसी। काशी में श्रद्धालु और पर्यटकों का जमावड़ा है। गंगा किनारे के ज्यादातर होटलों में कमरे नहीं मिल रहे हैं। शहर के दूसरे होटल व गेस्ट हाउस भी फुल हैं। टूर एंड ट्रेवेल्स ऑपरेटरों के मुताबिक तीन दिनों (शुक्रवार, शनिवार व रविवार) में 12 लाख से ज्यादा श्रद्धालु और पर्यटक काशी आए हैं। इससे पर्यटन उद्योग को जबरदस्त उछाल में मिला है। होटल, रेस्टोरेंट व गेस्ट हाउस संचालक गदगद हैं।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। मंगला आरती का भी क्रेज है। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों के साथ ही देश-दुनिया के पर्यटक काशी आ रहे हैं। वीकेंड की वजह से शुक्रवार, शनिवार व रविवार को पर्यटकों का जबरदस्त दबाव रहा। रविवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन के लिए लंबी लाइन लगी रही।
काशी विश्वनाथ धाम - फोटो : newspoint24
टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता ने पर्यटक अस्सी घाट, सारनाथ और नमोघाट के आसपास होटल, गेस्ट हाउस में रहना पसंद कर रहे हैं। बनारस होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष गोकुल शर्मा ने बताया कि घाट किनारे होटल मिलना मुश्किल है। काशी आने वाले पर्यटकों की पहली प्राथमिकता गंगा के किनारे होटल में ठहराना है। वीकेंड में पर्यटक बढ़ जाते हैं। होटल में कमरों के लिए मुंहमांगी कीमत मिलती है। यही इस वीकेंड पर हुआ है। जो पर्यटक काशी आए, उन्होंने रुककर दर्शन-पूजन किया। गंगा घाटों का भ्रमण किया। नौका विहार के साथ ही क्रूज से गंगा आरती देखी। अलकनंदा क्रूज के विकास मालवीय ने बताया कि अप्रैल में क्रूज की बुकिंग फुल हैं। टूर आपरेटर संतोष सिंह के मुताबिक, पर्यटक काशी की प्राचीनता जानने और घूमने के लिए टूर ऑपरेटरों की मदद ले रहे हैं। इससे ट्रेवेल्स की गाड़ियों की मांग बढ़ी है।
गाड़ियों में गुजारी रात
शनिवार की देर शाम शहर आने वाले पर्यटकों को जब होटल, गेस्ट हाउस में कमरे नहीं मिले तो उन्होंने ने अपनी-अपनी गाड़ियों को ही आशियाना बना लिया। गाड़ियों को सुरक्षित स्थान पर खड़ा किया और आराम करने लगे। रविवार की सुबह दर्शन-पूजन किया, फिर अपने-अपने गंतव्य स्थल के लिए रवाना हो गए।