सावन में 1 लाख रुद्राक्ष से बाबा का श्रृंगार:59 दिन सुनाई जाएगी शिव पुराण, 2 करोड़ भक्त पहुंचेंगे काशी; PM मोदी भी कर सकते हैं जलाभिषेक

Kashi Vishwanath Dham

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

वाराणसी । काशी विश्वनाथ धाम का ये सावन खास है। पीएम नरेंद्र मोदी खुद सावन में बाबा के दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं। सावन के पांचवें दिन 8 जुलाई को पूजन कर सकते हैं। सावन के आठवें सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग और शिव-पार्वती की प्रतिमा का 1 लाख रुद्राक्ष से श्रृंगार किया जाएगा। करीब 1 घंटे तक बाबा विश्वनाथ की महाआरती होगी।

इस बार सावन में काशी में 2 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। 50 हजार वर्ग मीटर में फैले कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद ये दूसरा सावन है। सावन में भक्तों को काशी विश्वनाथ परिसर में अद्भुत अनुभूति होने वाली है। पूरे 59 दिन तक मंदिर के अंदर शिव महापुराण और शिव कथा सुनाई जाएगी। सावन के हर सोमवार को स्पर्श दर्शन पर रोक रहेगी। बाकी दिन भक्त ज्योर्तिलिंग को छू सकेंगे।

मंडे स्पेशल में सबसे पहले पीएम मोदी के दौरे के बारे में पढ़वाते हैं...

BJP पदाधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सावन के पांचवें दिन 8 जुलाई की सुबह श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करके लोकसभा चुनाव प्रचार का शंखनाद कर सकते हैं। इसके बाद BJP पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। काशी क्षेत्र के लोकसभा की 14 सीटों पर जीत के लिए मंथन करेंगे। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के CEO सुनील कुमार वर्मा ने बताया,"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंदिर दर्शन-पूजन का आधिकारिक कार्यक्रम अभी नहीं आया है। लेकिन हमारी तैयारियां पूरी हैं। "

शिव महापुराण और शिव कथाएं सुनेंगे भक्त
नव्य-भव्य धाम में ज्योतिर्लिंग के दर्शन-पूजन और जलाभिषेक के साथ शिव की महिमा का बखान भी इस बार सुनाई देगा। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद मंदिर चौक परिसर में शिव महापुराण का आयोजन करा रहा है। इसकी शुरुआत और अंत सावन के साथ ही होगा। वाराणसी के प्रख्यात कथा व्यास ब्रज वल्लभ शास्त्री पूरे 59 दिन शाम 4 से 6 बजे तक देश-दुनिया से आने वाले शिव भक्तों को शिव महापुराण सुनाएंगे। बाबा विश्वनाथ धाम में इस तरह का आयोजन पहली बार हो रहा है।

क्यों खास होता है सावन...यह जानेंगे भक्त
न्यास अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया, "देवाधिदेव महादेव के अनगिनत स्वरूपों और ज्योतिर्लिंगों के साथ ही, उनकी भक्ति के बारे में काफी डिटेल से जानकारियां दी जाएंगी। बाबा के मददकारी स्वरूप का तात्विक विवेचन, रहस्य, महिमा और उपासना के बारे में चर्चा होगी।

स्वयंभू शिव की महिमा, लीला और कथाओं के साथ ही पूजा-पद्धति, ज्ञानवान किस्से-कहानियां और दंतकथाओं के बारे में लोग जानेंगे। एक समय में करीब 500 भक्त यहां बैठकर शिव महापुराण सुन सकेंगे। शिव पुराण पूरा करने के साथ ही श्रावण मास की महिमा बताई जाएगी।

बाबा का जलाभिषेक की व्यवस्थाएं भी जानिए...

  • काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के चारों गेट पर लगे पाइप से भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, फूल अर्पित कर सकेंगे।
  • हर भक्त को 2 से 4 सेकेंड का टाइम मिलेगा, उसी में पूजा करनी होगी।
  • मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।
  • बाबा का जलाभिषेक बाहर से ही होगा।
  • मंदिर में चारों द्वार से श्रद्धालुओं का प्रवेश और निकास होगा।
  • जिस द्वार से श्रद्धालु प्रवेश करेंगे उसी रास्ते से उनकी वापसी करेंगे।

सावन के 8 सोमवार मंदिर के नियम अलग होंगे, बाकी 51 दिन अलग
वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा के मुताबिक, सोमवार को मंगला आरती के अलावा किसी भी तरह की आरती के टिकट नहीं कटेंगे। सभी सोमवार को स्पर्श दर्शन पर रोक रहेगा। बाकी दिन नियम से ज्योतिर्लिंग को छू सकेंगे। सावन के सोमवार को VIP और सुगम दर्शन नहीं कराया जाएगा। जो भक्त आएंगे, वो कतार में ही लगकर दर्शन करेंगे।

10 श्रृंगार में अलग-अलग रूपों में दिखेंगे शिव
इस सावन में 8 सोमवार और 2 पूर्णिमा आ रही है। पूरे 10 दिन तक बाबा का अलग-अलग रूपों में श्रृंगार होगा। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की तरफ से जानकारी दी गई कि पहला श्रृंगार 10 जुलाई को होना है। आइए आपको बताते हैं हर सोमवार को पूर्णिमा पर बाबा कैसे-कैसे रूपों में नजर आने वाले हैं...

 

10 श्रृंगार में अलग-अलग रूपों में दिखेंगे शिव

अंतिम सोमवार को 1 लाख रुद्राक्ष से श्रृंगार
सावन के 8वें सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग और शिव-पार्वती के चल प्रतिमा का रुद्राक्ष के एक लाख से ज्यादा दानों से अद्भुत रुद्राक्ष श्रृंगार किया जाएगा। करीब 1 घंटे तक रुद्राक्ष श्रृंगार के बाद बाबा विश्वनाथ की महाआरती होगी।

न लगेगी धूप, न भीगेंगे भक्त
गंगा द्वार से ज्यादा से ज्यादा भक्तों को एंट्री दी जाएगी। कांवड़ियों की अलग लाइन होगी। पूरे कॉरिडोर में 2 इंच मोटी मैट बिछवाई गई है। इसे जर्मन हैंगर से ढका गया है, जिससे धूप और बारिश से भी बचने में मदद मिलेगी। गर्मी के ताप और उमस से बचाने के लिए एयर कूलर और फैन लगाए गए हैं। लाइन में लगे भक्तों की प्यास बुझाने के लिए वाटर कूलर की भी व्यवस्था है। बाबा की भक्ति में डूबे भक्तों को जर्मन हैंगर बारिश से भींगने से बचाएगा।

मंदिर और शहर प्लास्टिक फ्री जोन
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर और शहर प्लास्टिक फ्री जोन बनाने का फैसला किया गया है। कांवड़ियों को निर्देश दिया गया है कि प्लास्टिक वाला कांवड़ प्रतिबंधित रहेगा। लकड़ी का कांवड़ लेकर ही आना होगा।

QR कोड स्कैन करके मिलेगी पूरी जानकारी
कांवड़ियों के लिए पब्लिक प्लेस पर QR कोड लगाया जाएगा। इसे स्कैन करते ही उनके लिए सुविधाएं, भोजन और ठहराव जैसी व्यवस्थाओं की जानकारियां मिल जाएंगी।

पत्रिका का होगा विमोचन
इस सावन श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर और काशी के संबंध में पत्रिका का विमोचन किया जाएगा। इसमें काशी विश्वनाथ मंदिर की महिमा के विषय में जानकारियां दी जाएंगी। यात्रियों और श्रद्धालुओं को ये पत्रिकाएं दी जाएंगी। इसका प्राइस काफी कम होगा। लोग इस मंदिर की पत्रिका को विरासत के रूप में संभाल कर रखेंगे। 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक शिव नगरी भक्ति में लीन रहने वाली है।

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