उमेश पाल मर्डर के बाद अतीक-शाइस्ता में हुई थी बात:अतीक ने कहा था-असद ने शेरों वाला काम किया, 18 साल बाद मैं चैन से सोया 

उमेश पाल मर्डर के बाद अतीक-शाइस्ता में हुई थी बात:अतीक ने कहा था-असद ने शेरों वाला काम किया, 18 साल बाद मैं चैन से सोया
अतीक ने कहा था, सब मैनेज हो जाएगा
यह सुनने के बाद माफिया डॉन अतीक अहमद नाराज हो गया था। फोन पर डांटकर उसने शाइस्ता परवीन से कहा था,"असद शेर का बच्चा है। उसने शेरों वाला काम किया है। आज उसकी वजह से ही मैं 18 साल बाद चैन की नींद सोया हूं। उमेश के चलते मेरी नींद हराम हो गई थी। अब तुम बेवजह बात करके मेरा मूड न खराब करो। सब मैनेज हो जाएगा।"

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

प्रयागराज ।  उमेश पाल की हत्या के बाद शाइस्ता परवीन ने अहमदाबाद की साबरमती जेल में फोनकर अपने शौहर माफिया अतीक अहमद से बात की थी। इस बहुचर्चित हत्याकांड में असद का नाम और CCTV फुटेज सामने आने के बाद शाइस्ता ने अतीक अहमद से नाराज़गी जाहिर की थी। रोते हुए कहा था कि असद अभी बच्चा है। उसे इस मामले में नहीं लाना चाहिए था।

अतीक ने कहा था, सब मैनेज हो जाएगा
यह सुनने के बाद माफिया डॉन अतीक अहमद नाराज हो गया था। फोन पर डांटकर उसने शाइस्ता परवीन से कहा था,"असद शेर का बच्चा है। उसने शेरों वाला काम किया है। आज उसकी वजह से ही मैं 18 साल बाद चैन की नींद सोया हूं। उमेश के चलते मेरी नींद हराम हो गई थी। अब तुम बेवजह बात करके मेरा मूड न खराब करो। सब मैनेज हो जाएगा।"

ये तस्वीर हत्या के बाद CCTV से मिली थी। जिसमें असद गोली चलाने के लिए जाता हुआ दिखा था।

ये तस्वीर हत्या के बाद CCTV से मिली थी। जिसमें असद गोली चलाने के लिए जाता हुआ दिखा था।

अब सबसे पहले अतीक की नींद हराम होने की वजह जान लेते हैं…
101 केस अलग-अलग थानों में पहुंचे

माफिया अतीक अहमद का अपनी बीवी शाइस्ता परवीन से यह कहना कि उमेश पाल की वजह से 18 सालों से मेरी नींद हराम थी। इसकी सबसे बड़ी वजह थी कि माफिया को सजा का डर सता रहा था। अतीक अहमद के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, धमकी, मारपीट, जमीन कब्जाने जसे गंभीर 101 केस प्रदेश के विभिन्न थानों में दर्ज हैं।

गवाहों को ढाल बनाकर बचता रहा अतीक
जुर्म की दुनिया से राजनीति की राहों पर निकले अतीक ने शाम, दाम, दंड और भेद की नीति अपनाकर अभी तक एक भी केस में सजा तक मामला ही नहीं पहुंचने दिया था। सजा नहीं होने के पीछे अतीक का सबसे बड़ा हथियार था, गवाहों को वह डरा, धमकाकर अपने साथ मिला लेना या फिर उन्हें मरवा देना।

उमेश नहीं माना, तो उसको किया था अगवा
25 जनवरी 2005 में बसपा विधायक राजू पाल के मर्डर केस में भी यही नीति अपनाई थी। राजू पाल मर्डर केस में उमेश पाल चश्मदीद गवाह था। अतीक अहमद ने उमेश पाल को कई बार फोनकर बयान न देने और केस से हटने को कहा और ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी दी। उमेश पाल नहीं माना तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण करा लिया। उसे अपने चकिया स्थित दफ्तर के टार्चर रूम में रातभर मरवाया। बिजली के शॉक दिए गए।

मनमाफिक गवाही देने के लिए टार्चर किया गया। मौत के खौफ के आगे मजबूर होकर 1 मार्च 2006 को अगले दिन उमेश पाल ने अतीक के पक्ष में गवाही दे दी। उस समय सपा की सरकार थी। उमेश अपने और परिवार की जान की रक्षा के लिए सालभर चुप रहा। 2007 में विधानसभा चुनाव हुए और सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। मायावती की नेतृत्व वाली बसपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी।

इसके बाद अपने विधायक राजूपाल की हत्या से अतीक पर बिफरीं मायावती ने सबसे पहला अतीक अहमद का चकिया स्थित दफ्तर तोड़वा दिया। उमेश पाल को लखनऊ बुलवाया। हिम्मत दी। उमेश पाल ने एक साल बाद 5 जुलाई 2007 में अतीक अहमद उसके भाई अशरफ समेत 10 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।

उमेश ने ठान लिया था अतीक के टार्चर का बदला लेंगे
उमेश पाल अपहरण केस में माफिया अतीक अहमद को आजीवन कारावास की सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (ADGC) सुशील वैश्य ने बताया कि उमेश पाल की तहरीर पर धूमनगंज थाने में धारा 147/148/149/364A/323/341/342/504/506/34/120 B and 7 Criminal law Amendment Act.के तहत 5 जुलाई 2007 को मामला दर्ज हुआ था।

इस केस की 17 साल से उमेश पाल जोरदारी से बिना डरे पैरवी कर रहे थे। उमेश पाल ने ठान लिया था अतीक अहमद और अशरफ ने जिस तरह उसको मारा पीटा और उसके साथ गलत व्यवहार किया था, उसका बदला सजा दिलवाकर दम लेगा। यही कारण है कि उमेश पाल हर तारीख पर खुद मुकदमे की पैरवी के लिए जाता था। कई बार उसे धमकी भी दी गई। भरी कचहरी उमेश पर हमला भी हुआ। केस वापस लेने को कहा गया पर उमेश पाल बिना डरे पैरवी करते रहे।

101 केसों में यह पहला ऐसा केस था, जिसमें अतीक अहमद को सजा होने का डर था। लगातार हो रही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अतीक और अशरफ की पेशी से यह साफ हो गया था कि उमेश पाल अपहरण केस में अतीक को सजा होगी। यही कारण है कि अतीक अहमद को सजा से होने वाले नुकसान और राजनीति जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण वह चैन की नींद नहीं सो पा रहा था।

एनकाउंटर का डर था, मिट्‌टी में मिला देने के बयान ने भी डरा दिया
उमेश पाल मर्डर केस में सामने आई CCTV फुटेज में अतीक अहमद का बेटा असद देखा गया था। जब असद ने देखा उमेश पाल ने उस्मान को गोली लगने के बाद भी दबोच लिया है तो वह अपने को रोक नहीं सका और प्लान के विपरीत जाकर उमेश पाल पर ताबड़तोड़ कई फायर कर डाले।

जब असद को इत्मीनान हो गया कि अब उमेश पाल नहीं बचेगा तब जाकर वह लौटा। इस घटना में किसी भी शूटर ने चेहरा नहीं ढका हुआ था। चेहरा न ढंकना लोगों में खौफ पैदा करने की वजह भी हो सकती है और बेवकूफी भी। शाइस्ता परवीन के करीबी सूत्रों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर मीडिया को बताया कि घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद से शाइस्ता परवीन अपसेट थीं और अपने शौहर अतीक से नाराज भी। धूमनगंज क्षेत्र के भीड़-भाड़ वाले इलाके में जिस तरह से बेखौफ बदमाशों ने उमेश पाल शूटआउट को अंजाम दिया उसके बाद विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के माफिया को मिट्‌टी में मिला देने वाले बयान ने शाइस्ता परवीन को और भी खौफ में ला दिया।

शाइस्ता को सताने लगा असद के एनकाउंटर का डर
शाइस्ता के अंदर की मां को अपने उस असद के एनकाउंटर का डर सताने लगा, जिसे बचपन में सब भोंदू कहकर चिढ़ाते थे। कहते थे असद तुम कभी कुछ नहीं कर पाओगे। इसके बाद शाइस्ता ने अतीक अहमद को फोनकर काफी कुछ कहा। करीबी पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक शाइस्ता ने तो यहां तक कहा दिया था कि जब शूटर्स थे तो असद को सामने क्यों आने को कह दिया आपने। उसे इससे दूर रखना चाहिए था। इसी बात पर माफिया अतीक ने शाइस्ता को डांटकर कहा था असद मर्द का बच्चा है। उसने मर्दों वाला काम किया है। आज 18 साल बाद मैं चैन की नींद सो सका तो उसकी वजह असद है।

अहमदाबाद की साबरमती जेल में उमेश पाल हत्याकांड में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा काट रहा माफिया चैन से सो रहा है या उसकी नींद उड़ी हुई है यह तो वही जाने, पर इस घटना ने पुलिस और उसके परिवार दोनों की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। अभी भी पांच प्रमुख शूटर्स फरार हैं, जिसमें अतीक का भोंदू बेटा असद भी शामिल है।

अतीक और उसके बेटे अली समेत 13 के खिलाफ FIR

मंगलवार को प्रयागराज में माफिया अतीक उसके बेटे अली समेत 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। आरोप है कि पीड़ित साबिर हुसैन से माफिया अतीक के बेटे अली और गुर्गे एक करोड़ की रंगदारी मांग रहे थे। नहीं देने पर कई बार पीड़ित को जान से मारने की धमकी दी थी। माफिया अतीक, उसके बेटे अली के अलावा आसाद कालिया, शकील, शाकिर, सबी अब्बास, फैजान, सैफ, नामी, अफ्फान, महमूद, माऊद एवं असलम मंत्री (अतीक अहमद का चचेरा भाई) के नाम शामिल हैं। ये मामला 147, 148, 149, 307, 386, 286, 504, 506 और 120बी के तहत दर्ज किया गया है।

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