योगी सरकार का फरमान सरकारी अस्पतालों के नाम अब हिंदी के साथ-साथ ऊर्दू में भी लिखे जाएंगे

Preparations for setting up of Nagar Panchayats in villages with population of more than 20 thousand in the state, Yogi government sought proposals from the district magistrates

सरकार की ओर से जारी आदेश में भवनों के नाम के साथ-साथ चिकित्सकों और कर्मचारियों के नाम और पदनाम भी हिंदी के साथ उर्दू में भी लिखने के निर्देश दिए गए हैं।

जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पताल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों के नाम पर हिंदी के साथ उर्दू में भी लिखवाएं जाएं। 

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 

लखनऊ।  उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार कई महत्वपूर्ण फैसले लेती आ रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार को एक और अहम आदेश जारी किया गया है। राज्य के सरकारी अस्पतालों के नाम अब हिंदी के साथ-साथ ऊर्दू में भी लिखे जाएंगे। यह आदेश यूपी सरकार की ओर से जारी कर दिया गया है। इस आदेश में साफ किया गया है कि प्रदेश में अब हिंदी के साथ उर्दू में भी अस्पतालों के नाम लिखे जाएंगे। राज्य के सभी जिला अस्पतालों और सीएचसी-पीएचसी के भवनों के नाम हिंदी के अलावा उर्दू में भी होंगे। इसके संबंध में स्वास्थ्य निदेशक की ओर से सभी सीएमओ को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

सरकार के आदेश में इन बातों का किया गया है जिक्र
सरकार की ओर से जारी आदेश में भवनों के नाम के साथ-साथ चिकित्सकों और कर्मचारियों के नाम और पदनाम भी हिंदी के साथ उर्दू में भी लिखने के निर्देश दिए गए हैं। जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पताल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों के नाम पर हिंदी के साथ उर्दू में भी लिखवाएं जाएं। राज्य सरकार में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निदेशक की ओर से राज्य के सभी जिलों के सीएमओ को इसके संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। इसके अलावा संयुक्त निदेशक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम, पदनाम भी उर्दू में लिखे जाएं।

Lucknow Yogi Adityanath government big decision health department this order issued regarding government hospitals

साल 1990 में उर्दू को लेकर शासनादेश हुआ था जारी
राज्य की द्वितीय राजभाषा उर्दू है और इसको लेकर यह आदेश शासन की ओर से जारी किया गया है। प्रदेश के सभी 167 सरकारी जिला अस्पतालों, 2934 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 873 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का नाम हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखा जाएगा। इसके अलावा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी का भी नेम प्लेट पर हिंदी के साथ-साथ उर्दू से नाम लिखा जाएगा। आपको बता दें कि भाषा विभाग की ओर से सात अक्टूबर 1989 को उर्दू को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिए जाने की अधिसूचना जारी की गई थी। इसके बाद 19 नवंबर 1990 को शासनादेश जारी कर दिया गया था।

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