'हम गरीब थे इसलिए नहीं हुई सुनवाई' मासूम की संदिग्ध मौत मामले में कब्र खोदकर निकाली गई लाश

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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

बरेली। 8 साल के मासूम की मौत के राज 9 दिनों तक जमीन में ही दफन रहे। हालांकि अब अनुमान है कि जल्द ही उसकी मौत का राज सभी के सामने होगा। दरअसल पारस बच्चा था और इसी के चलते परिजनों ने उसके शव को दफनाया था।

परिजनों ने कहा कि उन्हें मौत के बाद से ही संदेह था कि यह हत्या है। हालांकि दबाव के चलते आनन-फानन में उन्होंने शव को दफन करवा दिया। 

शव को निकालकर करवाया गया पोस्टमार्टम 

इस मामले को लेकर डीएम से शिकायत की गई है। परिवार की ओर से बताया गया कि घटना उत्तराखंड में हुई हालांकि वहां कोई भी सुनवाई नहीं हुई। मकान मालिक ने डरा-धमकाकर हमें घर भेज दिया।

रविवार को शाम को मासूम पारस का पोस्टमार्टम करवाया गया। इस घटना को लेकर उत्तराखंड पुलिस भी बरेली पहुंची हुई है। ज्ञात हो कि उत्तराखंड के रुद्रपुर में 8 दिन पहले बच्चे की मौत हुई थी।

यह परिवार बरेली के बहेड़ी थाना क्षेत्र का रहने वाला है। बच्चे की मां और पिता ने शिकायत करते हुए कहा कि मासूम की हत्या की गई है। इसी के चलते शव को मिट्टी से निकालकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। 

चारपाई पर मृत पड़ा था मासूम, बाहर निकली थी जीभ 

डीएम बरेली शिवाकांत द्विवेदी के आदेश पर रविवार की दोपहर को शव को कब्र से बाहर निकाला गया। जैसे ही रुद्रपुर पुलिस को इस मामले की जानकारी हुई तो वहां से भी टीम बरेली पहुंची।

परिजनों ने बताया कि गरीबपुर निवासी मनोज और उनकी पत्नी लता उत्तराखंड में रहकर मजदूरी करते हैं। 3 दिसंबर को रुद्रपुर के मोहल्ला रेशमबाड़ी में लक्ष्मण लाल के मकान में वह बच्चे को छोड़कर मजदूरी करने गए थे।

दोपहर को महिला जब घर आई तो बेटा पारस चारपाई पर मृत पड़ा हुआ था। महिला ने बच्चे की मौत को लेकर पूछताछ की तो पता लगा कि अचानक ही उसकी मौत हुई है।

हालांकि बच्चे की जीभ बाहर निकली थी और गले में दुपट्टा लगा था। परिजनों ने कहा कि हम लोगों के गरीब होने के कारण ही कोई सुनवाई नहीं हुई। मकान मालिक ने जबरदस्ती गाड़ी बुक करवाकर हमें बरेली भेज दिया। 

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