वाराणसी : सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर नवयुवकों को ठगने वाले अंतरराज्यीय जालसाज गिरोह के सरगना और उसके गुर्गे को यूपी-STF गिरफ्तार किया

Varanasi: UP-STF arrested the leader of the inter-state fraudster gang and his henchmen who cheated the youth on the pretext of getting recruited in the army.
यूपी-STF को मिलिट्री इंटेलिजेंस से सूचना मिली थी कि वाराणसी और उसके आसपास के जिलों के साथ ही अन्य बड़े शहरों में सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर एक गिरोह बेरोजगार युवकों को ठग रहा है। यूपी-STF की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर गिरोह की धरपकड़ का टॉस्क दिया गया।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 
वाराणसी। सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर नवयुवकों को ठगने वाले अंतरराज्यीय जालसाज गिरोह के सरगना और उसके गुर्गे को यूपी-STF ने वाराणसी के छावनी क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। गिरफ्त में आए जालसाजों की शिनाख्त झारखंड के रांची स्थित कोकर निवासी अमित कुमार चौधरी और न्यू हैदर बली रोड बजरंग नगर के सचिन कुमार पांडेय के तौर पर हुई है। दोनों के पास से रेलवे के 5 फर्जी नियुक्ति पत्र, चार मोबाइल, 7000 रुपए और स्विफ्ट डिजायर कार बरामद की गई है। दोनों आरोपियों को कैंट थाने की पुलिस को सौंप दिया गया है।


सर्विलांस और मुखबिर की मदद से मिली सफलता , यूपी-STF को मिलिट्री इंटेलिजेंस से सूचना मिली थी
यूपी-STF को मिलिट्री इंटेलिजेंस से सूचना मिली थी कि वाराणसी और उसके आसपास के जिलों के साथ ही अन्य बड़े शहरों में सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर एक गिरोह बेरोजगार युवकों को ठग रहा है। यूपी-STF की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर गिरोह की धरपकड़ का टॉस्क दिया गया।

सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से सूचना एकत्र की गई। सामने आया कि आर्मी में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का सरगना अमित कुमार चौधरी अपने कुछ साथियों के साथ छावनी क्षेत्र के डाक बंगले में मुरादाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, पंजाब और महाराष्ट्र के लड़कों को बुलाया था।

अमित ने उन लड़कों को कहा था कि मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) की परीक्षा होनी है, जबकि ऐसा कुछ नहीं था। सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर अनिल अपनी टीम के साथ डाक बगले पहुंचे तो पता लगा कि अमित और अन्य सभी लोग वहां से निकल गए हैं।

उसी दौरान वहां मौजूद कुछ युवकों से अमित के बारे में पूछताछ करने पर उन्होंने उसकी कार का नंबर बताते हुए कहा कि अभी वह तत्काल निकला है। इसके आधार पर यूपी-STF की टीम ने पीछा कर अमित और उसके गुर्गे सचिन को छावनी क्षेत्र से ही दबोच लिया।

छावनी क्षेत्र होने की वजह से सबको हो जाता था विश्वास

पूछताछ में अमित ने बताया कि उसका अंतरराज्यीय गिरोह है। छावनी क्षेत्र स्थित डाक बंगले में कमरा बुक करा कर वह विभिन्न राज्यों के लड़कों को मिलिट्री इंजिनियरिंग सर्विस (MES) में भर्ती के नाम पर बुलाया था। उसने सभी का फिंगर प्रिंट लिया था। इसके बाद कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल से मेडिकल कराया था।

इस काम के लिए एडवांस 1 से 2 लाख रुपए पहले वह लेते है। मेडिकल कराने के बाद 4 लाख रुपए फिर लेता है। पैसा मिल जाने के बाद फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र संबंधित लड़के के पते पर पोस्ट से भेजा जाता है। बताया कि उसके गैंग का सदस्य राकेश कुमार बिष्ट MES की फर्जी आईडी दिखाकर लडकों को फंसाकर लाता है।

डाक बंगले में पहचान के लोगों के माध्यम से आराम से कमरा बुक हो जाता है। डाक बंगला छावनी क्षेत्र में होने के कारण लड़के उसे मिलिट्री का ऑफिस समझ कर विश्वास भी कर लेते हैं कि सब सही काम हो रहा है। एडिशनल एसपी विनोद सिंह ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के अलावा गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों के संबंध में जांच की जा रही है। 

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