वाराणसी : नीलगिरी इंफ्रॉसिटी के सीएमडी, एमडी और मैनेजर को मिली जमानत

वाराणसी : नीलगिरी इंफ्रॉसिटी के सीएमडी, एमडी और मैनेजर को मिली जमानत

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

वाराणसी। प्लॉट, टूर पैकेज और गोल्ड में निवेश के नाम पर कई लोगों के साथ धोखाधड़ी करके करोड़ों रुपए हड़पने के आरोपी नीलगिरी इंफ्रॉसिटी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीएमडी, एमडी और मैनेजर को 14 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है। जमानत और बंधपत्र देने के बाद सीएमडी विकास सिंह व उसकी पत्नी एमडी ऋतु सिंह और मैनेजर प्रदीप यादव को जेल से शर्तो के साथ रिहा किया गया है।

तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी और गैंगस्टर एक्ट के तहत वाराणसी में 130 मुकदमे दर्ज हैं। अदालत में आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल राय, मुकेश राय और सुरेश बहादुर सिंह ने पक्ष रखा।

30 अगस्त 2021 को हुए थे गिरफ्तार

विकास सिंह और ऋतु सिंह तुलसीपुर, महमूरगंज क्षेत्र के सुकून विला नंबर-11 सौभाग्य लक्ष्मी, विला रेजिडेंसियल सोसाइटी के रहने वाले हैं। मलदहिया क्षेत्र की इंडियन प्रेस कॉलोनी में नीलगिरी इंफ्रॉसिटी का ऑफिस था। उनका मैनेजर प्रदीप यादव लक्सा क्षेत्र के जद्दू मंडी का रहने वाला है।

यह फोटो 30 अगस्त 2021 की है। पुलिस की गिरफ्त में विकास सिंह (बाएं) और प्रदीप यादव (दाएं) हैं। - फाइल फोटो

(यह फोटो 30 अगस्त 2021 की है। पुलिस की गिरफ्त में विकास सिंह (बाएं) और प्रदीप यादव (दाएं) हैं। - फाइल फोटो)

अगस्त 2021 में तीनों के अलावा उनके अन्य साथियों के खिलाफ चेतगंज थाने में धोखाधड़ी के आरोप में 15 मुकदमे दर्ज किए गए थे। मुकदमा दर्ज कराने वाले लोगों में उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार और मध्य प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों के लोग शामिल थे। 30 अगस्त 2021 को विकास सिंह, ऋतु सिंह और प्रदीप यादव को गिरफ्तार किया गया था। तब से अब तक तीनों वाराणसी की जिला जेल में ही बंद थे।

जेल में ही दिया था बच्ची को जन्म

गिरफ्तारी के समय ऋतु सिंह गर्भवती थी और जेल में ही उसने एक बच्ची को जन्म दिया था। ऋतु के साथ उसकी मासूम बच्ची भी जेल की सलाखों के पीछे ही रह रही थी। आरोपियों के एडवोकेट अनिल राय ने बताया कि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद तीनों को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है। पूर्व में आरोपियों की जमानत अर्जी जिला अदालत से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी खारिज हो गई थी। उन्होंने बताया कि आरोपियों से अब तक 30 लोगों ने अपना पैसा वापस प्राप्त कर लिया है। शेष अन्य लोगों का भी भुगतान 6 महीने के अंदर कर दिया जाएगा।

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