यूपी सरकार ने गाइडलाइन जारी की अब स्कूली वाहनों को बच्चों को स्कूल से उनके घर तक एक घंटे में पहुंचाना होगा

UP government issued guidelines, now school vehicles will have to transport children from school to their home in one hour

​​​​​​वाराणसी के ARTO प्रवर्तन यूबी सिंह ने बताया, "पैरेंट्स की शिकायत पर सरकार ने यह फैसला लिया है। बच्चों को बस और वैन से घर से स्कूल जाने में एक घंटे का समय लगे।

इतना ही समय उन्हें स्कूल से घर जाने में भी लगे। यह निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा को देखते हुए लिया गया है।  

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 

​​​​​​वाराणसी । यूपी में अब स्कूली वाहनों को बच्चों को स्कूल से उनके घर तक एक घंटे में पहुंचाना होगा। इतने ही समय में उन्हें बच्चों को घर से स्कूल भी पहुंचाना होगा। देरी होने पर स्कूल मैनेजमेंट पर कार्रवाई होगी। इसको लेकर यूपी सरकार ने गाइडलाइन जारी की है और पालन कराने की जिम्मेदारी RTO को सौंपी है।

गाइडलाइन में कहा गया है कि इस नियम को 2 महीने के अंदर सख्ती से लागू करना होगा। इसलिए अब स्कूल जहां स्थित है। उसके 20 किलोमीटर के रेडियस में ही स्कूली वाहनों को एरिया परमिट जारी किया जाएगा।

सभी स्कूलों को जारी किया गया नोटिस
​​​​​​वाराणसी के ARTO प्रवर्तन यूबी सिंह ने बताया, "पैरेंट्स की शिकायत पर सरकार ने यह फैसला लिया है। बच्चों को बस और वैन से घर से स्कूल जाने में एक घंटे का समय लगे। इतना ही समय उन्हें स्कूल से घर जाने में भी लगे। यह निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा को देखते हुए लिया गया है।

उन्होंने कहा, "वाराणसी के सभी निजी स्कूलों को हमारी ओर से नोटिस जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही चेकिंग शुरू कर जागरूक भी किया जा रहा है। 2 महीने तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ 20 हजार का जुर्माना या परमिट निरस्त की जाएगी या फिर वाहन सीज किया जाएगा।"

प्रदेश के निजी स्कूलों के लिए यह गाइडलाइन जारी की गई है।

प्रदेश के निजी स्कूलों के लिए यह गाइडलाइन जारी की गई है।

दो-तीन घंटे का समय लग जाता था
ARTO प्रवर्तन यूबी सिंह ने कहा, "कई पैरेंट्स की शिकायत आई थी कि उनके बच्चे को स्कूली वाहन से स्कूल से घर आने में 2 से 3 घंटे का समय लग जाता है। इससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है।"

ARTO प्रवर्तन ने कहा, "हमारी लोगों से अपील कि यदि उनके बच्चे को स्कूली वाहन से घर से स्कूल आने-जाने में एक घंटे से अधिक समय लगता है तो वे बेहिचक शिकायत दर्ज कराएं। हम उनकी समस्या का हर हाल में समाधान कराएंगे।"

एआरटीओ प्रवर्तन यूबी सिंह ने कहा कि इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

एआरटीओ प्रवर्तन यूबी सिंह ने कहा कि इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

प्रदेश के सभी स्कूलों ने शुरू की तैयारी
ARTO ने कहा, "स्कूलों ने भी अपने पेरेंट्स-टीचर के वॉट्सऐप ग्रुप से लोगों को अवेयर कर दिया है। आरटीओ की ओर से बहुत जल्द शिकायत के लिए एक नंबर जारी किया जाएगा। इसमें पेरेंट्स अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे।"

"जाम के चलते सरकार का यह नियम कारगर नहीं"
बाल विद्यालय डोमरी के उप प्रबंधक डॉ. मुकुल पांडेय ने कहा, "सरकार का यह नियम इसलिए कारगर नहीं है। क्योंकि जाम की समस्या बड़ी है। कई बार तो ऐसा हुआ है कि एक रोड पर ही बसें घंटों जाम में खड़ी रह जाती हैं। नियम का पालन कराने से पहले जाम की समस्या का निदान कराना होगा।"

 

बाल विद्यालय डोमरी के उप प्रबंधक डॉ. मुकुल पांडेय हैं। इनका कहना है कि नियम का पालन कराने से पहले जाम की समस्या का निदान कराना होगा।

उन्होंने कहा, "जाम रहित वातावरण मिलने पर ही हम शासन और जिला प्रशासन के निर्देशों पर खरे उतर पाएंगे। शासन का आदेश आने पर अभिभावक हर रोज शिकायत करेंगे, ऐसे में हम सुविधा कैसे दे पाएंगे। सवाल यह है कि नियम तो बन गए, पालन किस आधार पर होगा। यह नहीं सोचा गया। यह आदेश उन स्थानों के लिए कारगर है, जहां चौड़ी सड़कें और जाम मुक्त वातावरण है।"

नरिया के बीएनएस इंग्लिश स्कूल के निदेशक संदीप सिंह ने कहा, "जिन बच्चों के घरों की दूरी विद्यालय से कम है। वह तो आसानी से पहुंच सकते हैं। लेकिन, जिनके घर दूर हैं और ऊपर से बनारस जैसे शहर में जाम की समस्या बनी ही रहती है, तो ऐसे में बच्चों को लेट तो होगा।"

ये बीएनएस इंग्लिश स्कूल के निदेशक संदीप सिंह है। उनका कहना है कि जिन बच्चों का घर स्कूल से नजदीक है, उन्हें टाइम से पहुंचाया जा सकेगा।

अभिभावक बोले- स्वागत योग्य कदम
सरकार के निर्देश पर अभिभावकों ने खुशी जताई है। करौंदी निवासी संजय पांडेय ने कहा, "मेरी दो बेटियां स्कूल में पढ़ती हैं। आने-जाने में देरी होने से बच्चियां परेशान होती हैं। हम भी टेंशन में रहते हैं। सरकार की यह गाइडलाइन बहुत अच्छी है। बच्चों के लिए अब बहुत अच्छा रहेगा।"

यह साकेत नगर की इंदू बाला राय खत्री हैं। इनका कहना है कि सरकार के इस निर्णय का कड़ाई से पालन होना चाहिए।

साकेत नगर की इंदू बाला राय खत्री ने कहा, "यह स्वागत योग्य कदम है। बच्चों को अनावश्यक परेशानी नहीं होगी और पैरेंट्स भी तनाव मुक्त रहेंगे। जरूरत इस बात की है कि सरकार के इस निर्णय का कड़ाई से पालन हो।"

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