सहारनपुर: स्टार पेपर मिल में भीषण आग लगी ,हादसे में 2 कर्मचारी जिंदा जले 

सहारनपुर: स्टार पेपर मिल में भीषण आग लगी ,हादसे में 2 कर्मचारी जिंदा जले
स्टार पेपर मिल में मंगलवार आधी रात भीषण आग लग गई। हादसे में 2 कर्मचारी जिंदा जल गए। जबकि 3 लापता हो गए। मिल में कागज और गत्तों के कारण आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। बताया जा रहा है कि जिन कर्मचारियों की मौत हुई है वह कागज के बंडलों के बीच सोए हुए थे। रात 2 बजे अग्निकांड के बाद प्रबंधन सक्रिय हुआ।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 

सहारनपुर। स्टार पेपर मिल में मंगलवार आधी रात भीषण आग लग गई। हादसे में 2 कर्मचारी जिंदा जल गए। जबकि 3 लापता हो गए। मिल में कागज और गत्तों के कारण आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। बताया जा रहा है कि जिन कर्मचारियों की मौत हुई है वह कागज के बंडलों के बीच सोए हुए थे। रात 2 बजे अग्निकांड के बाद प्रबंधन सक्रिय हुआ। 1 घंटे के अंदर यहां दमकल गाड़ियां पहुंच गईं। सुबह 8 बजे तक दावा किया गया कि आग पर काबू पा लिया गया। मगर कागज तैयार करने के रॉ मैटेरियल में बार-बार आग भड़क रही थी। आग की लपटे इतनी ऊंची थीं कि 2 किमी. दूर तक देखी गईं। करीब 5 घंटे बाद लापता कर्मचारी परिसर के अंदर ही मिले। इस अग्निकांड में करीब 2 करोड़ का नुकसान हुआ है।

यूपी की इस बड़ी पेपर मिल में 24 घंटे वर्कर काम करते हैं। बताया जा रहा है कि अग्निकांड के वक्त मिल के अंदर 200 से ज्यादा लोग थे। आग मिल के उस हिस्से में लगी, जहां कागज का फिनिश मैटेरियल रखा जाता था। दरअसल, आग लगने के बाद कर्मचारियों के बीच भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी। सुबह करीब 9 बजे दो कर्मचारियों की लाश कागज के जले हुए बंडलों के बीच मिली है।

जिस अवस्था में लाशें मिली हैं। उसके बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि वो काम के दौरान इन कागज के बंडलों के बीच सो गए होंगे। आग लगने के बाद अंदर धुआं भरा होगा। उन्हें भागने की जगह नहीं मिली। इन कर्मचारियों में एक निजी कंपनी के अनुबंध पर मिल में काम कर रहा था। जिसकी पहचान लाल बहादुर मंडल के रूप में हुई है। वो स्टार पेपर मिल कॉलोनी में रहते थे। एक अन्य मरने वाले की पहचान अभी नहीं हुई है।

200 बीघा में है ये पेपर मिल
ये पेपर मिल सदर बाजार इलाके में हैं। एरिया करीब 200 बीघा से ज्यादा का है। मिल प्रबंधन ने बाउंड्रीवॉल के अंदर ही अस्पताल, कर्मचारियों की कॉलोनी जैसी सुविधाएं दी हुईं हैं। इस मिल के अंदर कोई भी शख्स बिना अनुमति नहीं जाने दिया जाता है।
परिसर के अंदर ही अस्पताल में मरने वाले कर्मचारी और घायलों को रखा गया है। कोई भी बाहर नहीं लाया गया है। साथ ही, उनके परिवार के लोग भी पेपर मिल कॉलोनी में रहते थे। वो भी परिसर में अंदर हैं।

आग के बाद परिसर सील, आवाजाही रोकी गई
आगे कैसे लगी? इस सवाल का जवाब अभी नहीं मिला है। शार्ट सक्रिट से आग भड़की या किसी मजदूर की गलती से, इसकी जांच होनी है। मिल के गेट को बंद करवा दिया गया। सीएफओ तेजवीर मौके पर मिल के अधिकारियों के साथ चाय पीते आए नजर आए। मिल व्यवस्था की पोल खुलते देख मिल प्रबंधन के आदेश पर मिल सुरक्षाकर्मियों ने मीडियाकर्मियों को कवरेज करने से रोक दिया।

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