कोआपरेटिव बैंक फ्राड में 50 हजार का इनामी गिरफ्तार, अन्य की तलाश में दबिश जारी

कोआपरेटिव बैंक फ्राड में 50 हजार का इनामी गिरफ्तार, अन्य की तलाश में दबिश जारी

साइबर थाना पुलिस के मुताबिक 15 अक्टूबर को कोआपरेटिव बैंक से 146 करोड़ साइबर हैकर की मदद से दूसरों के खोंतो में ट्रान्सफर किये गये। जिसके बाद मुख्य आरोपी आरएस दुबे और उसके साथी सागर चौहान समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।

सोमवार को इस घटना में मुख्य भूमिका निभाने वाले साइबर हैकर बाराबंकी के आदमपुर कोठी निवारी रवि वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उसके ऊपर 50 हजार का इनाम था।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 

 

हजरतगंज स्थित उत्तर प्रदेश कोआवरेटिव बैंक से 146 करोड़ फ्राड के मामले में साइबर क्राइम की टीम ने 50 हजार रुपये के इनामी साइबर हैकर रवि को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। साइबर टीम अन्य साथियों की तलाश कर रही है।

पूर्व बैंक मैनेजर समेत तीन लोग हो चुके हैं गिरफ्तार, दो की तलाश
साइबर थाना पुलिस के मुताबिक 15 अक्टूबर को कोआपरेटिव बैंक से 146 करोड़ साइबर हैकर की मदद से दूसरों के खोंतो में ट्रान्सफर किये गये। जिसके बाद मुख्य आरोपी आरएस दुबे और उसके साथी सागर चौहान समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।

सोमवार को इस घटना में मुख्य भूमिका निभाने वाले साइबर हैकर बाराबंकी के आदमपुर कोठी निवारी रवि वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उसके ऊपर 50 हजार का इनाम था।

रवि ने बैंक का डाटा किया था हैक

बैंक के पूर्व कर्मचारी की मदद से हुआ था साइबर फ्राड का खेल।

बैंक के पूर्व कर्मचारी की मदद से हुआ था साइबर फ्राड का खेल।

इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार यादव के मुताबिक जांच में सामने आया कि पूर्व बैंक कर्मचारी आरएस दुबे ही रवि को लेकर बैंक गया था। जहां रवि ने बैंक में हैकिंग डिवाइस/डोंगल और की-लॉगर की मदद से बैंक के गोपनीय डेटा को हैक कर अपने साथियो को रिमोट एक्सिस कंट्रोल पर दे दिया।

जिसके बाद बैंक का पैसा अन्य लोगों के खाते में भेजने की गया। हालांकि समय रहते खाते फ्रीज कराने से पैसा कोई निकाल नहीं सका था। इससे पहले उसके साथी साइबर एक्सपर्ट सतीश कुमार को गिरफ्तार किया था। इनके साथी ज्ञानदेव पाल और उमेश कुमार गिरी के विषय में जानकारी जुटाई जा रही है।

बैंक के ट्रांजेक्शन का पासवर्ड हासिल कर किया गया था खेल

घटना के बाद साइबर टीम ने बैंक कर्मियों से की थी पूछताछ।

घटना के बाद साइबर टीम ने बैंक कर्मियों से की थी पूछताछ।

एसपी साइबर क्राइम प्रो. त्रिवेणी सिंह के मुताबिक UPCB से 15 अक्तूबर को ऋण अनुभाग के खाते से 146 करोड़ रुपये बैंक कर्मचारी विकास पांडेय और प्रबंधक मेवालाल की आईडी और पासवर्ड से सात खातों में ट्रांसफर किये गये थे। जांच में सामने आया कि कोआपरेटिव बैंक के खाते से यह रकम भूमिसागर कंस्ट्रक्शन और सागर सोलर प्राइवेट लिमिडेट फर्म के खातों में भेजी गई है।

जिसमें मुख्य रूप से इंदिरानगर के सेक्टर-11 निवासी पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे और गोमतीनगर विरामखंड-3 निवासी सागर सोलर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का मालिक सुखसागर सिंह चौहान था। इन लोगों ने योजना के तहत घटना के लिए शनिवार का दिन चुना। जिससे अगले दिन रविवार होगा और जब तक लोगों को जानकारी होगी तब तक पैसे एक खाते से दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लेंगे।

बैंक प्रबंधक और कैसियर की आईडी से ट्रांसफर हुए थे पैसे
बैंक प्रबंधन के मुताबिक 15 अक्टूबर को दोपहर तीन बजे के जिला सहकारी बैंकों के सात खातों से आठ बार में 146 करोड रुपये अवैध तरीके से ट्रांसफर हुए थे। जिसमें 72 करोड़ रुपये आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक लखनऊ के खाताधारकों के खातों में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर हुए थे। जिसे से बैंक कर्मचारी विकास पांडेय और प्रबंधक मेवालाल की आईडी से भेजा गया। हालांकि इन लोगों ने इस तरह से पैसे के लेनदेन से इंकार किया।

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