श्री काशी विश्वनाथ धाम में मोबाइल ले जाने की अनुमति मिलेगी , भक्त सभी सामान के साथ धाम में प्रवेश करेंगे 

 बाबा दरबार में मोबाइल ले जा सकेंगे भक्त, सिविल ड्रेस ही में सुरक्षाकर्मी रहेंगे मौजूद

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा का मसौदा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने तैयार कर लिया है। गृह मंत्रालय से निर्देश के बाद अब धाम की सुरक्षा के लिए फाइनल रिपोर्ट तैयार की जाएगी। ड्राफ्ट रिपोर्ट में काशी विश्वनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालु व भक्तों को कई चरणों में सुरक्षा जांच से गुजरना होगा। इसमें भक्त सभी सामान के साथ धाम में प्रवेश करेंगे और मंदिर परिसर में भी मोबाइल ले जाने की अनुमति होगी।

दरअसल, काशी विश्वनाथ धाम के नए स्वरूप में आने के बाद से यहां की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए तमाम कवायदें की जा रही हैं। कारण, पहले से चिह्नित रेड व यलो जोन की व्यवस्था गड़बड़ा गई थी। गंगा घाट से काशी विश्वनाथ धाम तक 50 हजार वर्गमीटर में फैले इस परिसर में नई सिरे से सुरक्षा व्यवस्था बनाई जा रही है।

डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर के जरिए प्रवेश
इसके लिए सीआईएसएफ को बतौर कंसलटेंट नियुक्त किया गया है। सीआईएसएफ की टीम ने पूरे परिसर का निरीक्षण कर ड्राफ्ट प्लान तैयार किया है। इसमें चार चरणों में सुरक्षा का प्लान बनाए गए हैं। मुख्य गेट पर डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर के जरिए प्रवेश दिया जाएगा।

यहां शस्त्रों के साथ केंद्रीय सुरक्षा और स्थानीय पुलिस के जवान अलग-अलग भूमिका में तैनात होंगे। इसके बाद स्कैनर के जरिए श्रद्धालुओं के सामानों की जांच की जाएगी। दो चरणों की जांच के बाद श्रद्धालु धाम में प्रवेश करेंगे। यहां गंगा घाट तक सुरक्षा एजेंसियों के जवानों की तैनाती की जाएगी। मंदिर परिसर में सिविल ड्रेस में ही सुरक्षा कर्मी मौजूद रहेंगे।


एचडी कैमरों से पूरे परिसर की निगरानी
काशी विश्वनाथ धाम में बने कंट्रोल रूम से भी पूरे परिसर की निगरानी की जाएगी। इसमें परिसर में लगे करीब 400 एचडी कैमरों से नजर रखी जाएगी और उसे कंट्रोल रूम में लाइव देखा जाएगा। इसके साथ ही वहां से सुरक्षाकर्मियों को समय समय पर निर्देश भी जारी किया जाएगा।

सीआईएसएफ से समय-समय पर लिया जाएगा परामर्श
सीआईएसएफ की ओर से सुरक्षा प्लान तैयार होने के बाद से लागू किया जाएगा। इसके बाद समय-समय पर उसकी समीक्षा भी कराई जाएगी और जरूरत के हिसाब से परामर्श भी लिया जाएगा। इसके लिए स्थानीय स्तर पर भी एक कमेटी का गठन किया जाएगा।
 
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