भाई दूज के पर्व पर मथुरा के विश्राम घाट पर भाई बहन यम फांस से मुक्ति के लिए स्नान दान कर रहे

भाई दूज के पर्व पर मथुरा के विश्राम घाट पर भाई बहन यम फांस से मुक्ति के लिए स्नान दान कर रहे

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

मथुरा । भाई दूज के पर्व पर विश्राम घाट पर भाई बहन यम फांस से मुक्ति के लिए स्नान कर रहे हैं। मान्यता है कि विश्राम घाट पर भाई दूज के दिन भाई बहन के एक साथ स्नान करने से यम फांस से मुक्ति मिलती है। दिवाली के बाद भाई दूज यम द्वितीया पर यमुना स्नान का महत्व है। भाई बहन स्नान करने के दौरान यमुना महारानी और यमराज से प्रार्थना कर रहे हैं। वहीं, प्रशासन ने स्नान के दौरान सुरक्षा के लिए 2 ASP, 4 CO, 20 इंस्पेक्टर, 100 SI, 500 कॉन्स्टेबल तैनात किए है। नगर निगम ने सुरक्षा के लिए नदी में 55 नाव और 20 गोताखोर भी लगाए है।

भाई दूज पर्व पर यह है मुहूर्त

भैया दूज पर्व पर बहन द्वारा भाई के तिलक करने की परंपरा भी है। पंडित अजय तैलंग के अनुसार भाई दूज पर्व पर तिलक करने का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक है। भाई दूज पर्व को रक्षा बंधन पर्व की तरह भाई बहन के आपसे प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई के तिलक करती हैं आरती करती हैं और लंबी उम्र की कामना करती हैं। ऐसा करने से उनके जीवन में सुख,समृद्धि और खुशहाली आती है।

इस वजह से कहते हैं यम द्वितीया

भाई दूज पर्व को यम द्वितीया पर्व भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार सूर्य की पत्नी संध्या के दो संतान थी यम और यमुना। सूर्य के तेज को न सह सकने के कारण संध्या ने छाया का वेश बनाया और वो उत्तरी ध्रुव पर जा कर रहने लगी। वहीं, यमुना जी पृथ्वी पर आ कर रहने लगीं और भगवान कृष्ण का इंतजार करने लगी।

यहीं पर यमराज भाई दूज के दिन अपनी बहन से मिलने आए। यहां यमुना जी ने भाई का खूब सत्कार किया। जिससे प्रसन्न होकर यमराज ने यमुना जी से वरदान मांगने को कहा। इस पर यमुना जी ने कहा कि भाई दूज के दिन जो भी भाई बहन इसी स्थान पर साथ में स्नान करें उन्हें यम फांस से और नर्क से मुक्ति मिले। इस पर यमराज ने बहन यमुना को वरदान दिया। तभी से भाई दूज पर्व को यम द्वितीया पर्व भी कहा जाने लगा।

 

यह फोटो यमुना नदी में चलनी से भाई को स्नान कराती बहन की है।

यह फोटो यमुना नदी में चलनी से भाई को स्नान कराती बहन की है।

यह फोटो भाई दूज पर्व पर मथुरा के विश्राम घाट पर यमुना नदी में हाथ पकड़ कर स्नान करते भाई बहन की है।

यह फोटो भाई दूज पर्व पर मथुरा के विश्राम घाट पर यमुना नदी में हाथ पकड़ कर स्नान करते भाई बहन की है।

यह फोटो भाई दूज पर नेपाल से आई बहनें अपने भाइयों के यमुना स्नान करने के बाद तिलक करने की है।

यह फोटो भाई दूज पर नेपाल से आई बहनें अपने भाइयों के यमुना स्नान करने के बाद तिलक करने की है।

यह फोटो फिरोजाबाद से आए भाई-बहन की है। फोटो में दिखाई दे रहा है कि बहन भाई के माथे पर तिलक लगाकर यम फांस से मुक्ति की कामना कर रही है।

यह फोटो फिरोजाबाद से आए भाई-बहन की है। फोटो में दिखाई दे रहा है कि बहन भाई के माथे पर तिलक लगाकर यम फांस से मुक्ति की कामना कर रही है।

यह फोटो विश्राम घाट की तरफ जाने वाले भाई- बहन की है

यह फोटो विश्राम घाट की तरफ जाने वाले भाई- बहन की है

यह फोटो यमुना स्नान कर सूर्य भगवान को अर्घ्य देती हुई बहनों की हैं।

यह फोटो यमुना स्नान कर सूर्य भगवान को अर्घ्य देती हुई बहनों की हैं।

यह फोटो बंगाली घाट पर भाई बहन की है।

यह फोटो बंगाली घाट पर भाई बहन की है।

यह फोटो बुर्ज सती घाट पर भाई बहन के प्रेम और स्नेह के पर्व पर भीड़ की है।

यह फोटो बुर्ज सती घाट पर भाई बहन के प्रेम और स्नेह के पर्व पर भीड़ की है।

यह फोटो बंगाली घाट पर भाई बहन कर रहे स्नान, यम फांस से मुक्ति के लिए बहनों ने तिलक लगाकर दुआ मांग रही है।

यह फोटो बंगाली घाट पर भाई बहन कर रहे स्नान, यम फांस से मुक्ति के लिए बहनों ने तिलक लगाकर दुआ मांग रही है।

यह फोटो यमुना जी और यमराज जी के मंदिर का है। यहीं, यमराज जी यमुना जी से मिलने आए थे।

यह फोटो यमुना जी और यमराज जी के मंदिर का है। यहीं, यमराज जी यमुना जी से मिलने आए थे।

यह फोटो श्री यमुना जी धर्मराज मंदिर के बाहर दर्शन करने पहुंचे भाई-बहनों की है।

यह फोटो श्री यमुना जी धर्मराज मंदिर के बाहर दर्शन करने पहुंचे भाई-बहनों की है।

यह फोटो श्री यमुना जी धर्मराज मंदिर के बाहर की है। फोटो में दिखाई दे रहा है कि सुरक्षा कर्मी भाई-बहनों संभल कर चलने की अपील कर रहे हैं।

यह फोटो श्री यमुना जी धर्मराज मंदिर के बाहर की है। फोटो में दिखाई दे रहा है कि सुरक्षा कर्मी भाई-बहनों संभल कर चलने की अपील कर रहे हैं।

यह फोटो विश्राम घाट का मुख्य द्वार का है। जहां से लोग यमुना जी पहुंच रहे हैं

यह फोटो विश्राम घाट का मुख्य द्वार का है। जहां से लोग यमुना जी पहुंच रहे हैं

मथुरा के विश्राम घाट पर करते हैं स्नान

भाई दूज के दिन यमुना में स्नान करने की मान्यता मथुरा के विश्राम घाट पर है। यहां द्वापर में भगवान कृष्ण ने कंस का वध करके विश्राम किया था। इसके साथ ही यमुना जी और यमराज जी का मंदिर भी यहीं है। धर्मराज के बहन यमुना जी के आंचल में इस पवित्र घाट पर भाई बहन साथ में स्नान करते हैं।

नगर निगम ने की व्यवस्थाएं

यम द्वितीया स्नान को लेकर मथुरा वृंदावन नगर निगम ने व्यापक व्यवस्था की हैं। यहां नगर निगम ने महिलाओं के कपड़े बदलने के लिए 7 चेंजिंग रूम बनाए हैं। यमुना पार श्रद्धालुओं के लिए 4 अस्थाई शौचालय के अलावा खोया पाया केंद्र ,4 कैंप, स्नान के दौरान कोई हादसा न हो इसके लिए यमुना के दोनों तरफ बैरिकेडिंग की गई है। 55 नाव लगातार यमुना में चल रही हैं वहीं 20 गोताखोर भी तैनात किए गए हैं।

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